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Showing posts from September, 2024

अस्थमा और दमे के इलाज

*🟣🟣🟣🟣🟣🟣🟣 अस्थमा और दमे के इलाज के आयुर्वैदिक घरेलू उपचार Asthma दमा एक जलन पैदा करने वाली बीमारी है जो फेफड़ों और सांस लेने के रास्तों को प्रभावित करती है। इस प्रक्रिया में सांस लेने के समय एक सीटी जैसी आवाज़ आती है और छाती का सख्त होना भी दमे के लक्षणों में से एक है। इस स्थिति में सुबह और शाम के समय खांसी की समस्या बढ़ जाती है। इसमें उम्र की कोई बाधा नहीं होती और यह किसी को भी हो सकता है पर आमतौर पर ये बच्चों को ज़्यादा प्रभावित करता है। अस्थमा के कारण  दमा होने के कारण (asthma causes) दमा होने का मुख्य कारण मांसपेशियों में सिकुड़न होना है। क्योंकि ये मांसपेशियां हमारी श्वास नली को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है, अतः इनके सिकुड़न से विपरीत प्रभाव होते हैं। ये मांसपेशियां नसों द्वारा संचालित होती हैं और इनकी वजह से नसों के द्वारा श्वास नली सिकोड़ दी जाती है। अस्थमा को खत्म करने के घरेलू उपाय अस्थमा को दमा के नाम से भी जाना जाता है. इसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है. सांस फूलने लगती है. इस प्रदूषण भरे माहौल में क्या महिला, क्या पुरुष, क्या बच्चें सभी को इस रोग ने अपने च...

ज़िंदगी

* गुलज़ार साहब ने कितनी खूबसूरती से बता दिया कि जिंदगी क्या है।* *-कभी तानों में कटेगी,* *कभी तारीफों में;* *ये जिंदगी है यारों,* *पल पल घटेगी !!* *-पाने को कुछ नहीं,* *ले जाने को कुछ नहीं;* *फिर भी क्यों चिंता करते हो,* *इससे सिर्फ खूबसूरती घटेगी,* *ये जिंदगी है यारों पल-पल घटेगी!* *बार बार रफू करता रहता हूँ,* *..जिन्दगी की जेब !!* *कम्बखत फिर भी,* *निकल जाते हैं...,* *खुशियों के कुछ लम्हें !!* *-ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही...* *ख़्वाहिशों का है !!* *ना तो किसी को गम चाहिए,* *ना ही किसी को कम चाहिए !!* *-खटखटाते रहिए दरवाजा...,* *एक दूसरे के मन का;* *मुलाकातें ना सही,* *आहटें आती रहनी चाहिए !!* *-उड़ जाएंगे एक दिन ...,* *तस्वीर से रंगों की तरह !* *हम वक्त की टहनी पर...*, *बेठे हैं परिंदों की तरह !!* *-बोली बता देती है,इंसान कैसा है!* *बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है!* *घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है।* *संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!* *-ना राज़* *है... "ज़िन्दगी",* *ना नाराज़ है... "ज़िन्दगी";* *बस जो है, वो आज है, ज़िन्दगी!* *-जीवन की किताबों पर,* *बेशक नया कवर चढ़ाइय...

Song Related Information

Let’s start the day and week with Pandit Madhur and Bachubhai Mistry’s 1963 musical fantasy drama film *”Parasmani”* directed by Babubhai Mistry.  The film starred Mahipal and Geetanjali. They were supported by Nalini Chonkar, Maruti Rao, Jeevan Kala and Aruna Irani.  The film was shot partly in Black and White and partly in colour. Babubhai Mistri, who is known as the pioneer of cinematic effects. The film was dubbed into Tamil with the title Maayamani and was released in 1964. This film is the first independent film together of the musical duo Laxmikant-Pyarelal. Before this, they have worked under many musicians separately as well as together. This film also marks the beginning of the long relationship among them, Lata Mangeshkar and Mohammed Rafi. I have listened to today’s song in the past, but it is only some time that I have realised that this song too is from “Parasmani”. What a joyous song ! Lata’s voice sound at its most joyous in this song. And this was definitely n...

Song of the Day...Ya Dil Ki Suno

_* Ya Dil Ki Suno: The Genius Of Hrishikesh Mukherjee In One Song_* _*While the song is a combined genius of a high-performing team - Hrishikesh Mukherjee, Jaywant Pathare (a cinematographer par excellence who won the Filmfare Award for Best Cinematography for Anupama), Hemant Kumar, Kaifi Azmi and, of course, Dharmendra- the credit must go to the visionary captain of the ship, Hrishikesh Mukherjee!_* _*The first thing you will notice about the song is the static, Michelangelo's David-like stance of the protagonist, with an ominous shadow cast on the floor._* _*Throughout the song, the hero remains transfixed - Dharmendra doesn't move an inch! In fact nobody moves except Sharmila Tagore, who seems to be in a distant parallel world. What also moves in the song is the camera and, with it, the audience's perspective. A brilliant creative gambit. The stillness of the protagonist anchors the viewers, pulling them into the song, forcing them to listen, to appreciate the depth of ...

यासर खुराफत (अराफात)

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यासर खुराफत (अराफात) को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है! जी वही जिन्होंने लाखों फिलिस्तीन युवकों को मौत के दलदल में धकेल दिया । उन्हें सपने सब्ज बाग  दिखाएं और  मध्य पूर्व को आतंकवाद की आग में झोंक दिया ।  अपने पिता के चित्र के साथ ये है उनकी बेटी जहुआ खुराफात । यह लिखने का कारण है कि दुनिया के सभी पिताओं की तरह, उन्हें भी अपनी बेटी की चिंता थी। और उन्होंने फिलिस्तीन की “सेवा" करते हुए जो धन इकट्ठा किया था, उसमें से कुछ अपनी बेटी के लिए रखा।  ज्यादा नहीं, बस थोड़ा सा…,आज के बाजार मूल्य पर उसकी कीमत मात्र ₹66,311 करोड़ है!पाकिस्तान के कुल विदेशी मुद्रा भंडार से कई गुना!  यह कहना गलत नहीं होगा कि यासर खुराफात  की यह बेटी लंदन में एक सड़क की मालकिन है, क्योंकि उस सड़क के दोनों तरफ की ज़्यादातर संपत्तियाँ इसी महिला के नाम पर हैं।  पिछले कई सालों से वह पेरिस के एक बेहद महंगे इलाके में आलीशान हवेली में रह रही है और पिछले 25 सालों में उसने फिलिस्तीन का चेहरा भी नहीं देखा है।  उसे चार भाषाएं आती  है, लेकीन वह अरेबिक नही जानती! संयुक्त राष्...

Woman without a heart

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The woman in the picture with a smile is Salwa Hussein..! The woman without a heart in her body, a rare case in the world, as she carries her artificial heart in a bag. The British newspaper "Daily Mail" reported that Salwa Hussein, aged 44,is the only one who lives like this way in Britain. She is the mother of two children, the bag that carries her heart is in her lap, its always with her with a device with two batteries weighing 6.8 kg, which is an electric motor and a pump, The batteries push the air into a plastic bag in the patient's chest through attached tubes, for blood circulation in her body Ohhh My God, Salwa, all our personal problems and worries are nothing as compared to yours, our petty issues are ashamed in front of your SMILE. We should thank Almighty every moment that we are at the top of our health and wellness . Source Google

..ये है सरिता कश्यप....

....ये है सरिता कश्यप....👇👇 पिछले 20 साल से अकेली महिला ( सिंगल मदर ) है , एक बेटी है जो कालेज में पढ़ती है ये घर खर्चे के लिए पीरागढी मे सीएनजी पंप के पास अपने स्कूटी पर राजमा चावल का स्टाल लगाती हैं , रेट.... छोटा प्लेट 40 रुपये फुल प्लेट 60 रुपये पर..... अगर आपके पास पैसे नहीं भी है तो भी आपको ये भूखा नहीं जाने देंगी , "खाना खा लो , पैसे जब हो तब दे जाना , या मत देना " ये कहकर आपको खिला देंगी , चाहे आप किसी भी जाती धर्म या सम्प्रदाय से जुड़े हुए हों.... . ये अपने पास के गरीब बच्चों को मुफ्त मे खिलाती है , और उनके स्कुल के कापी , किताब , ड्रेस , जुते यानी कुछ भी कम हो तो खरीद कर देती हैं , और हां.... खाली समय मे बच्चों को पढ़ाती भी हैं.... . क्या इस महिला को किसी भी न्यूज़ चैनल ने हाईलाइट किया.... नही.... क्योकि इस महिला की खबर में कोई ग्लैमर नही है हां अगर ये महिला कोई हेरोइन होती तब इसको अब तक हर कोई जान गया होता.... . इस महिला को इस नेक काम के लिये दिल से धन्यवाद 🙏🙏💐💐 Source Google

सरकोपीनिया*

* सरकोपीनिया* (Sarcopenia)   उम्र बढ़ने के परिणामस्वरूप, शरीर (Skeleton) की मांसपेशियों की ताकत में गिरावट आती है। मांसपेशियों की कमजोरी को सरकोपेनिया कहा जाता है। उचित जानकारी व सजगता के अभाव में यह बीमारी डायबिटीज टाइप-2 की तरफ धकेलती जाती है। यह बात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली यानी AIIMS में हुए एक अध्ययन में सामने आई है।   यह एक डरावनी स्थिति है। सरकोपेनिया आमतौर पर बुजुर्ग और गतिहीन आबादी और उन रोगियों को प्रभावित करता है जिनमें सह-रुग्णताएं होती हैं जो मस्कुलोस्केलेटल प्रणाली को प्रभावित करती हैं या शारीरिक गतिविधि को ख़राब करती हैं।   *आइए सरकोपेनिया पर विचार करें!*   1- जितना हो सके खड़े रहने की आदत डालनी चाहिए.  *कम से कम बैठे.  *यदि आप बैठ सकते हैं तो कम से कम लेटें।  2- अगर कोई अधेड़ उम्र का व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है तो *उसे ज्यादा आराम करने के लिए न कहें*.   *लेटने और बिस्तर से न उठने की सलाह न दें*।  एक सप्ताह तक लेटे रहने से मांसपेशियाँ की संख्या  5% कम हो गई है।  एक बूढ़ा आदमी अपनी मांसपेशियों का प...

Our PM , Our Pride

Do you know  PM Modi is the First Indian Prime Minister to visit Israel. PM Modi is the First Indian Prime Minister to visit Krishna Janma Bhoomi at Mathura. PM Modi is the First Indian Prime Minister to address US Congress twice. PM Modi is the First Indian Prime Minister to perform Shodoshopcharya Puja at Nepal's Janaki Temple. PM Modi is the First Indian Prime Minister to visit North East region 60 times. PM Modi is the First Indian Prime Minister to fly in a fighter jet. PM Modi is the First Indian Prime Minister to pray at Ancient Dwarka of Prabhu Shree Krishna under the sea. PM Modi is the First Indian Prime Minister to visit Jyotirling at Baba Baidhyanath at Jharkhand. PM Modi is the First Indian PM to visit Shri Rangnathaswamy temple in Tamil Nadu. PM Modi is the First Indian Prime Minister to visit the VILLAGE OF THE MIGHTY BIRSA MUNDA IN JHARKHAND. PM Modi is the First Indian Prime Minister to visit Kaziranga National Park in Assam. Be Proud to have such a PM.

पितरों के श्राद्ध के लिए हैं ये 12 प्रमुख स्थान🌹*

*🌹 पितरों के श्राद्ध के लिए हैं ये 12 प्रमुख स्थान🌹* 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 *⭕पितरों की मुक्ति हेतु किए जाने वाले कर्म तर्पण, भोज और पिंडदान को उचित रीति से नदी के किनारे किया जाता है। इसके लिए देश में कुछ खास स्थान नियुक्त हैं। देश में श्राद्ध पक्ष के लिए लगभग 55 स्थानों को महत्वपूर्ण माना गया है जिनमें से 12 स्थान सबसे खास माने गए हैं।*   *🚩1. उज्जैन (मध्यप्रदेश):-* उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित सिद्धवट पर श्राद्ध कर्म के कार्य किए जाते हैं।   *🚩2. लोहानगर (राजस्थान):-* इसे लोहार्गल कहते हैं। यहां पांडवों ने अपने पितरों के लिए सुरजकुंड में मुक्ति का कार्य किया था। यहां खासकर अस्थि विसर्जन होता है। यहां तीन पर्वत से निकलने वाली सात धाराएं हैं।   *🚩3. प्रयाग (उत्तर प्रदेश):-* त्रिवेणी संगम पर गंगा नदी के तट पर मुक्ति कर्म किया जाता है।   *🚩4. हरिद्वार (उत्तराखंड):-* यहां हर की पौड़ी पर सप्त गंगा, त्रि गंगा और शकावर्त में मुक्ति कर्म किया जाता है।    *🚩5. पिण्डारक (गुजरात):-* पिंडारक प्राभाष क्षेत्र में द्वारिका के पास एक तीर्थ स्थान है। यहां प...

भगतसिंह🙏

# भगतसिंह की बैरक की साफ-सफाई करने वाले का नाम बोघा था। भगत सिंह उसको बेबे (मां) कहकर बुलाते थे। जब कोई पूछता कि भगत सिंह ये बोघा तेरी बेबे कैसे हुआ? तब भगत सिंह कहते, मेरा मल-मूत्र या तो मेरी बेबे ने उठाया, या इस भले पुरूष बोघे ने। बोघे में मैं अपनी बेबे (मां) देखता हूं। ये मेरी बेबे ही है। यह कहकर भगत सिंह बोघे को अपनी बाहों में भर लेता। भगत सिंह जी अक्सर बोघा से कहते, बेबे मैं तेरे हाथों की रोटी खाना चाहता हूँ। पर बोघा अपनी जाति को याद करके झिझक जाता और कहता, भगत सिंह तू ऊँची जात का सरदार, और मैं एक अदना सा भंगी, भगतां तू रहने दे, ज़िद न कर। सरदार भगत सिंह भी अपनी ज़िद के पक्के थे, फांसी से कुछ दिन पहले जिद करके उन्होंने बोघे को कहा बेबे अब तो हम चंद दिन के मेहमान हैं, अब तो इच्छा पूरी कर दे! बोघे की आँखों में आंसू बह चले। रोते-रोते उसने खुद अपने हाथों से उस वीर शहीद ए आजम के लिए रोटिया बनाई, और अपने हाथों से ही खिलाई। भगत सिह के मुंह में रोटी का गास डालते ही बोघे की रुलाई फूट पड़ी। ओए भगतां, ओए मेरे शेरा, धन्य है तेरी मां, जिसने तुझे जन्म दिया। भगत सिंह ने बोघे को अपनी बाहों में भर...

भगवान् की नज़र से कोई नहीं बच सकता*

** भगवान् की नज़र से कोई नहीं बच सकता* *इसलिए हर काम सोच विचार कर करना चाहिए**इंसान कितना भी पूजा पाठ करें भगवान को माने* *लेकिन अगर कर्मो में खोट है तो भगवान् खुश नहीं होते**मंदिर में घर में लोग भगवान की मूर्ति रखते हैं* *मन के मंदिर में भी भगवान की मूर्ति रखना चाहिए* *मंदिर और घर में भगवान् की मूर्ति है लेकिन मन में नहीं है तो कैसी पूजा* *भगवान् की पूजा नेक कर्मो से होनी चाहिए**भगवान् के यहां हर अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब किताब होता है* *इसलिए जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके कोशिश यही हो कि नेक कर्म हों* *भगवान् हमारे कर्म नीयत देखते हैं**भगवान् से कुछ भी नहीं छिपता* *लोग सोचते हैं कि हमें कोई नहीं देख रहा* *जो मनमर्जी होगी करेंगे* *ज़र्रे ज़र्रे में भगवान् की झांकी है* *कण कण में भगवान की नजर है**भगवान् के घर देर है अंधेर नहीं* *इसलिए हर पल को भगवान से जोड़कर रखना चाहिए और सबका हित सोचना करना चाहिए* *हमारे हर कर्म पर भगवान की नज़र है* *फिर भी बंदे बेखबर हैं*🙏 *भूमि और भाग्य का एक ही स्वभाव है,*   *जो भी बोया है वो निकलना तय है* *सही दिशा और सही समय का ज्ञान न हो तो,* *उगत...

सुविचार 🌹

* 💫🌹 सुविचार 🌹💫* *🌹भीतर क्षमा हो, तो क्षमा निकलेगी भीतर ईर्ष्या द्वेष अहंकार रूपी गन्दगी भरी हैं तो गन्दगी ही निकलेगी इस लिए जब भी कुछ बाहर निकले तो दूसरे को दोषी मत ठहराना यह हमारी ही संपदा हैं जिसको हम अपने भीतर छिपाए बैठे हैं !*  *🌹ईश्वर ने जो दिया है मनुष्य उसकी कद्र नहीं करता और जो नहीं है उसके पीछे भागता है इसलिये उसको संतोष नहीं मिलता और फिर ईश्वर से प्रार्थना करता है, कि मुझे दुःख क्यों दिया.इसलिये अगर जीवन में कुछ पाना चाहते हो तो जो मिला है उसकी कद्र करो..!*  *🌹किसी की ''सलाह'' से रास्ते जरूर मिलते हैं पर मंजिल तो खुद की ''मेहनत''से ही मिलती है''प्रशंसक''हमें बेशक पहचानते होंगे.. मगर ''शुभचिन्तकों''की पहचान खुद को करनी पड़ती है*  *🌹जीवन में यही देखना महत्व पूर्ण नहीं कि कौन हमसे आगे है या कौन पीछे यह भी देखना चाहिये कि कौन हमारे साथ है और हम किसके साथ जुड़ना बड़ी बात नहीं जुड़े रहना बहुत बड़ी बात है*               *💫🌹जय श्री राम🌹💫* *💫🌹सुप्रभात 🌹💫* *भूमि और भाग्य का एक ही स्वभाव है,*   *जो भी बोया ह...

Insightful Post

SURAJ  ROY*बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्र था  *दशहरा बीत चुका था , दीपावली समीप थी , तभी एक दिन कुछ युवक - युवतियों की NGO टाइप टोली हमारे कॉलेज में आई !* *उन्होंने छात्रों से कुछ प्रश्न पूछे ; किन्तु एक प्रश्न पर कॉलेज में सन्नाटा छा गया !* *उन्होंने पूछा , " जब दीपावली भगवान राम के 14 वर्षो के वनवास से अयोध्या लौटने के उत्साह में मनाई जाती है , तो दीपावली पर " लक्ष्मी पूजन " क्यों होता है ? श्री राम की पूजा क्यों नही ?"* *प्रश्न पर सन्नाटा छा गया , क्यों कि उस समय कोई सोशल मीडिया तो था नहीं , स्मार्ट फोन भी नहीं थे ! किसी को कुछ नहीं पता ! तब , सन्नाटा चीरते हुए , हममें से ही एक हाथ , प्रश्न का उत्तर देने हेतु ऊपर उठा !* *उसने  बताया कि " दीपावली " उत्सव दो युग " सतयुग " और " त्रेता युग " से जुड़ा हुआ है !"* *" सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी उस दिन प्रगट हुई थी !" इसलिए " लक्ष्मी पूजन " होता है !* *भगवान श्री राम भी त्रेता युग मे इसी दिन अयोध्या लौटे थे ! तो अयोध्या वासियों ने दी...

मेहमान क्यों नहीं आते ,,, ?

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मेहमान क्यों नहीं आते ,,, ? एक वक्त था,जब मेहमान दो दो ,तीन तीन महीने घर में रह कर जाते थे, अब वो मेहमान क्यों नहीं आते ,,,! सोच सिकुड़ गई , रिश्ते बिगड़ गए ,लोग खुदगर्ज हो गए,, भाई भाई का नहीं , बहन बहन की नहीं ,,,  क्या इसे तरक्की कहते हैं , मेरी समझ में तो ऐसी तरक्की नहीं आती ।। कहते हैं ___ " मेहमान भगवान होता ,, यह हकीकत है कि मेहमान के साथ घर में बरकत आती है , और मेहमान अपने पैरों के साथ घर की परेशानियां ले जाता है ।" इतना अच्छा होने पर भी लोग मेहमान के आने से परेशान होते हैं । सोच बदलिए और रिश्तों की कद्र कीजिए ,,,,किसी को नहीं पता कौन कब आख़िरी सांस ले ले । किसी के जाने के बाद आंसू बहाने से अच्छा है    उससे मिला करिए ,, कुछ खट्टे मीठे ख्याल आपस में बांटा कीजिए ,, हँसा कीजिए ,,, स्वागत कीजिए मेहमान का ,,,,, नही आते तो उन्हें दावत देकर बुलाइए ,,, फिर देखिए ,,,खुशियां ही खुशियां आपके आस पास रहेंगी ,,, शुभ रात्रि 🌹🙏🏻

खुशहाल सीनियर्स के लिए 10 टिप्स.❤️

प्रिय गोल्डन सीनियर्स, आइए हम सभी 10/10 अंक प्राप्त करके खुद की जांच करें……..👇🏾 खुशहाल सीनियर्स के लिए 10 टिप्स.❤️ 1. सुबह-सुबह अगर आप अलार्म घड़ी, मोबाइल फोन, पक्षियों की चहचहाहट या अन्य शोर से जागते हैं, तो खुश रहें और खुद को धन्य समझें। इसका मतलब है कि आप अभी भी इस दुनिया का हिस्सा हैं। 2. जागने के बाद, थोड़ा पानी पिएं, उन लोगों को मैसेज करें जिन्हें आप जानते हैं, प्यार करते हैं और जिनकी परवाह करते हैं। उन्हें "गुड मॉर्निंग" कहें। इसका मतलब है कि आप स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं और आप स्वस्थ हैं। आप एक नया और सुंदर दिन शुरू कर सकते हैं। 3. आपको दोस्तों से टेक्स्ट मैसेज और कॉल आते हैं जो आपको साथ में खाना खाने या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसका मतलब है कि आप मिलनसार हैं और लोगों के साथ आपके अच्छे संबंध हैं। आपके दोस्त अभी भी आपके बारे में सोच रहे हैं। 4. कभी-कभी, कुछ लोग आपके बारे में बुरा बोल सकते हैं या आपकी पीठ पीछे गपशप कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अभी भी उनके दिलों में एक बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वे निश्चित रूप से जीवन में आपके जितना अच्छ...

शालिग्राम भगवान

🚩 शालिग्राम भगवान के विभिन्न रूप और नाम‼️ 🕉️💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠🕉️ ● जिस शालिग्राम शिला के द्वार में दो चक्र के चिह्न हों और जिसका वर्ण श्वेत हो, उसकी 'वासुदेव' संज्ञा है। ● जिस उत्तम शिला का रंग लाल हो और जिसमें दो चक्रों के चिह्न संलग्न हों, उसे भगवान 'संकर्षण' का श्री विग्रह जानना चाहिए।  जिसमें चक्र का सूक्ष्म चिह्न हो, अनेक छिद्र हों, नील वर्ण हो और आकृति बड़ी दिखाई देती हो, वह 'प्रद्युम्न' की मूर्ति है। ● जहाँ कमल का चिह्न हो, जिसकी आकृति गोल और रंग पीला हो तथा जिसमें दो-तीन रेखाएं शोभा पा रही हों, वह 'अनिरुद्ध' का श्रीअंग है। ● जिसकी कांति काली, नाभि उन्नत और जिसमें बड़े- बड़े छिद्र हों, उसे 'नारायण' का स्वरूप समझना चाहिए। ● जिसमें कमल और चक्र का चिह्न हो, पृष्ठ भाग में छिद्र हो और जो बिंदु से युक्त हो, वह शालिग्राम 'परमेष्ठी' नाम से प्रसिद्ध है।  जिसमें चक्र का स्थूल चिह्न हो, जिसकी कान्ति श्याम हो और मध्य में गदा जैसी आकृति हो, उसकी 'विष्णु' संज्ञा है। ● 'नृसिंह' विग्रह में चक्र का स्थूल चिह्न होता है और उस...

इस तरह की दवाइयां..*

🌅🙏🥰 * इस तरह की दवाइयां..*🤔  ....दुनिया के किसी भी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध नहीं है और भविष्य में भी नहीं मिलेगी,  अगर आप इन दवाओं को ध्यान से पढ़ें और समझें और इन्हें अपने जीवन में लागू करें,  तो आपको *जीवन भर कोई गोली लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।* 💫 1. जल्दी सोना और जल्दी उठना दवा है। 2. Omkar jap  दवा है। 3. योग प्राणायाम और व्यायाम दवा है। 4. सुबह-शाम टहलना भी दवा है। 5. उपवास सभी बीमारियों की दवा है। 6. सूर्य का प्रकाश भी दवा है। 7. Matka पानी पीना भी दवा है। 8. ताली बजाना भी दवा है। 9. खूब चबाना भी दवा है। 10. भोजन की तरह चबाकर पानी पीना भी दवा है। 11. After meal वज्रासन में बैठना दवा है। 12. खुश रहने का निर्णय भी दवा है। 13. कभी-कभी मौन भी दवा है।  14. हंसी-मजाक दवा है। 15. संतोष भी दवा है। 16. मन और शरीर की शांति दवा है। 17. मन में सकारात्मकता दवा है। 18. निस्वार्थ प्रेम, भावना भी दवा है। 19. सबका भला करना भी दवा है। 20. ऐसा कुछ करना जिससे किसी की दुआ मिले, वह दवा है। 21. सबके साथ मिलजुल कर रहना दवा है। 22. परिवार के साथ खाना-पीना और घुलना-मिलना भी दवा ...

मैं हूँ, *और मैं ही रहुँगी*

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एक बेहद खूबसूरत कविता मिली पता नहीं किसकी है गौर फरमाएं------ मैं,  मैं हूँ ,  मैं ही रहूँगी। मै "राधा" नहीं बनूंगी, मेरी प्रेम कहानी में,,, किसी और का पति हो, रुक्मिनी की आँख की किरकिरी मैं क्यों बनूंगी, मैं "राधा" नहीं बनूँगी। मै *सीता* नहीं बनूँगी, मै अपनी पवित्रता का, प्रमाणपत्र नहीं दूँगी, आग पे नहीं चलूंगी  वो क्या मुझे छोड़ देगा- मै ही उसे छोड़ दूँगी, मै सीता नहीं बनूँगी,, ना मैं *मीरा* ही बनूंगी, किसी मूरत के मोह मे, घर संसार त्याग कर, साधुओं के संग फिरूं एक तारा हाथ लेकर, छोड़ ज़िम्मेदारियाँ- मैं नहीं मीरा बनूंगी। *यशोधरा* मैं नहीं बनूंगी छोड़कर जो चला गया कर्तव्य सारे त्यागकर ख़ुद भगवान बन गया, ज्ञान कितना ही पा गया, ऐसे पति के लिये मै पतिव्रता नहीं बनूंगी, यशोधरा मैं नहीं बनूंगी। *उर्मिला* भी नहीं बनूँगी मैं पत्नी के साथ का जिसे न अहसास हो, पत्नी की पीड़ा का ज़रा भी जिसे ना आभास हो, छोड़ वर्षों के लिये भाई संग जो हो लिया- मैं उसे नहीं वरूंगी उर्मिला मैं नहीं बनूँगी। मैं *गाँधारी* नहीं बनूंगी, नेत्रहीन पति की आँखे बनूंगी,, अपनी आँखे मूंद लू अंध...

शिक्षा से बड़ा अनुभव है।

* प्रातः वंदन,,,,🙏* *सम्मान हमेशा समय का होता है* *लेकिन आदमी अपना समझ लेता है* *जो आनंद अपनी छोटी पहचान* *बनाने मे है वो किसी बड़े की* *परछाई बनने मे नही है* *बोलना और प्रतिक्रिया करना ज़रूरी है* *लेकिन संयम और सभ्यता का* *दामन नहीं छूटना चाहिए* *मैं सब कुछ और तुम कुछ भी नहीं* *बस यही सोच हमें* *इंसान नहीं बनने देती* *जब इंसान अपनी गलतियोंका* *वकील और दूसरों की गलतियों का* *जज बन जाये तो फैसले नहीं* *रिश्तो में फांसले हो जाते है*                       *सुप्रभात,,,,🙏* 2️⃣2️⃣❗0️⃣9️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣ *♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*           *!! अनोखा स्वयंवर !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक राजा की बेटी का स्वयंवर था। बेटी की यह शर्त थी कि जो भी 20 तक की गिनती सुनाएगा, वही राजकुमारी का पति बनेगा। गिनती ऐसी होनी चाहिए जिसमें सारा संसार समा जाए। जो यह गिनती नहीं सुना सकेगा, उसे 20 कोड़े खाने पड़ेंगे। यह शर्त केवल राजाओं के लिए ही थी। अब एक तरफ राजकुमारी का वरण और दूसरी तरफ कोड़े! एक-एक करके राजा महाराजा आए। राजा ने...

गर्व है हमें अपनी संस्कृति पर l

● तीन दोस्त भंडारे में भोजन कर रहे थे...उनमें से ● पहला बोला --- "काश...हम भी ऐसे भंडारा कर पाते!" ● दूसरा बोला --- "हाँ...यार सैलरी तो आने से पहले ही जाने के रास्ते बना लेती है!" ● तीसरा बोला ---"खर्चे...इतने सारे होते है तो कहाँ से करें भंडारा!" ● उनके पास बैठे एक महात्मा भंडारे का आनंद ले रहे थे। और वो उन तीनों दोस्तों की बातें भी सुन रहे थे, महात्मा उन तीनों से बोले ---"बेटा भंडारा करने के लिए धन नहीं केवल अच्छे मन की जरूरत होती है!" ● वह तीनों आश्चर्यचकित होकर महात्मा की ओर देखने लगे!.. महात्मा ने सभी की उत्सुकता को देखकर हंसते हुए कहा --- बच्चों तुम.. * रोज़ 5-10 ग्राम आटा लो और उसे चीटियों के स्थान पर खाने के लिए रख दो, देखना अनेकों चींटियां-मकौड़े उसे खुश होकर खाएँगे। बस हो गया भंडारा!* * चावल-दाल के कुछ दाने लो, उसे अपनी छत पर बिखेर दो और एक कटोरे में पानी भर कर रख दो, चिड़िया-कबूतर आकर खाएंगे। बस हो गया भंडारा!* * गाय और कुत्ते को रोज़ एक-एक रोटी खिलाओ, और घर के बाहर उनके पीने के लिये पानी भर कर रख दो। बस हो गया भंडारा!* ● ईश्वर ने सभी ...

राम नाम का महात्म्य

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। । राम नाम का महात्म्य ।। राम नाम की महिमा अनंत और अपार है। भगवान राम से भी बड़ा है उनका नाम। भगवान स्वयं भी राम नाम की महिमा का गुणगान करते हैं। राम नाम का जाप करने से बड़े से बड़े संकट भी टल जाते हैं और हर समस्या का समाधान मिल जाता है।  रामायण में एक प्रसंग आता है जिसमें भगवान शिव भी राम नाम की महिमा का गुणगान करते हैं। भगवान शिव कहते हैं कि भगवान राम से भी बड़ा उनका नाम है। राम नाम का जाप करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है।  राम नाम की ताकत का सबसे बड़ा उदाहरण हनुमान जी हैं। हनुमान जी ने राम नाम के बल पर समुद्र को लांघा, लंका को जलाया और पर्वत को उठाकर ले आए। राम नाम के बल पर ही उन्होंने असंभव को संभव बना दिया।  भगवान राम भी अपने भक्तों को कहते हैं कि जो राम नाम का सच्चे मन से जाप करता है, वह सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है। तुलसीदास जी ने भी रामचरितमानस में राम नाम की महिमा का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है- राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरी द्वार। तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजियार।। इसका अर्थ है कि राम नाम एक ऐसा प्र...

पौराणिक कथा⚜️*

*⚜️ पितरों को मुक्ति दिलाने वाले गया तीर्थ स्थल की सबसे प्रचलित पौराणिक कथा⚜️* असुर, दानव, राक्षस, दैत्य आदि को हमेशा अपवित्र माना जाता है। पर क्या आप जानते हैं, एक असुर ऐसा भी था, जिसकी तपस्या से खुश हो कर, श्रीहरि ने उसे सभी तीर्थों से अधिक पवित्र और पावन बना दिया। आज हम बात कर रहे हैं, पितरों को मुक्ति दिलाने वाले, गया तीर्थ की। चलिए जानते हैं, आग्नेय महापुराण की एक कथा के माध्यम से कि कैसे एक असुर का शरीर बन गया पावन तीर्थ स्थान। एक समय की बात है, एक असुर था ‘गय’। गयासुर भगवान् श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए घोर तप करने लगता है। उसके तप के प्रभाव से सभी देवी-देवता परेशान हो जाते हैं। वे सभी देवता, भगवान् विष्णु के पास जाते हैं और उनसे प्रार्थना करने लगते हैं कि वे गयासुर के तप के कारण हो रही समस्या का, कोई समाधान निकालें। वे सभी दयनीय स्थिति दिखाते हुए, श्रीहरि से अपनी रक्षा करने को कहते हैं। श्रीहरि देवताओं को आश्वस्त करते हैं और कठोर तप कर रहे, गयासुर के सामने प्रकट हो जाते हैं। अपने सामने अपने आराध्य को देख कर गयासुर भाव-विभोर हो जाता है। भगवान् उसकी तपस्या से प्रसन्न हो कर, उसे...

परम पूज्य पितरों को सादर नमन🙏

🙏 परम पूज्य पितरों को सादर नमन🙏* *✍🏻पितृ पक्ष/श्राद्ध पक्ष 18 सि. से 2 अ.तक* वो कल थे तो आज हम हैं उनके ही तो अंश हम हैं। जीवन मिला उन्हीं से उनके कृतज्ञ हम हैं, सदियों से चलती आयी श्रंखला की कड़ी हम हैं। गुण धर्म उनके ही दिये उनके प्रतीक हम हैं, रीत रिवाज़ उनके हैं दिये संस्कारों में उनके हम हैं।  देखा नहीं सब पुरखों को पर उनके ऋणी तो हम हैं, पाया बहुत उन्हीं से पर न जान पाते हम हैं। दिखते नहीं  वो हमको  पर उनकी नज़र में हम हैं, देते सदा आशीष हमको धन्य उनसे हम हैं। खुश होते उन्नति से दुखी होते अवनति से, देते हमें सहारा उनकी संतान जो हम हैं। इतने जो दिवस मनाते मित्रता प्रेम आदि के, पितरों को भी याद कर लें जिनकी वजह से हम हैं। आओ नमन कर लें, कृतज्ञ हो लें, क्षमा माँग लें, आशीष ले लें पितरों से जो चाहते हमारा भला  उनके जो अंश हम हैं...!!! *सर्व  पितृ पितरों को शत शत नमन*              *मंजिलें कदम चूमेगी*               *रास्ता खुद बन जाएगा*              ...

Mere Dil Ne Jo Maanga.. Song Review

Let’s start the day with T. Govindarajan & S. Krishnamoorthy’s 1971 action thriller film *”Rakhwala”* directed by Adurthi Subba Rao.  The film starred Dharmendra, Leena Chandavarkar and Vinod Khanna. They were supported by Madan Puri, Jagdeep and Rakesh Pandey.  This film was a remake of the hit Tamil film "Kaavalkaaran" (1967) starring M.G. Ramachandran and Jayalalitha. Rakhwala was successful movie of year 1971. This film has been forgotten by now, but it was a decent movie with great music. The film, "had its bright moments in the presence of Dharmendra and Vinod Khanna, two evergreen stars of Indian cinema Here is a song that is bound to cheer up its listeners. “Mere dil ne jo maangaa mil gayaa”- what superb lyrics (Hasrat Jaipuri), what lovely music (Kalyanji Anandji) and what beautiful and joyous rendering by Lata. This song is picturised on Leena Chandawarkar and Dharmendra. In addition to bringing old memories back, this song is a reminder of the days when th...

हाथ से खाना क्यों खाना चाहिए???

हाथ से खाना क्यों खाना चाहिए??? अधिकतर भारतीय लोग अपने हाथों से खाना खाते हैं। लेकिन आजकल हमने पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करते हुए चम्मच और कांटे से खाना शुरू कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने हाथों से खाना खाने के स्वास्थ्य से संबंधित कई फायदे हैं। यह आपके प्राणाधार की एनर्जी को संतुलित रखता है आयुर्वेद में कहा गया है कि हम सब पांच तत्वों से बने हैं जिन्हें जीवन ऊर्जा भी कहते हैं,और ये पाँचों तत्व हमारे हाथ में मौजूद है। आपका अंगूठा अग्नि का प्रतीक है। तर्जनी अंगुली हवा की प्रतीक है। मध्यमा अंगुली आकाशकी प्रतीक है। अनामिका अंगुली पृथ्वी की प्रतीक है । छोटी अंगुली जलकी प्रतीक है।  इनमे से किसी भी एक तत्व का असंतुलन बीमारी का कारण बन सकता है। जब हम हाथ से खाना खाते हैं तो हम अँगुलियों और अंगूठे को मिलाकर खाना खाते हैं और यह जो मुद्रा है यह मुद्रा विज्ञान है, यह मुद्रा का ज्ञान है और इसमें शरीर को निरोग रखने की क्षमता निहित है। इसलिए जब हम खाना खाते हैं तो इन सारे तत्वों को एक जुट करते हैं जिससे भोजन ज्यादा ऊर्जादायक बन जाता है और यह स्वास्थ्यप्रद बनकर हमारे प्राणाधार की ...

पंचामृत के 5 तत्वों का महत्व

*🪷 पंचामृत के 5 तत्वों का महत्व 🪷* *1. दुग्ध, 2.दधि, 3.घृत, 4.मधु, 5.शर्करा (चीनी)* घटक~~~अनुपात~~~तत्त्व ★दूध~~~ 5 चम्मच~~~पानी ★दही~~~ 4 चम्मच~~~पृथ्वी ★चीनी~~~ 3 चम्मच~~~वायु ★घी~~~ 2 चम्मच~~~आग ★शहद~~~1 चम्मच~~~अंतरिक्ष दूध - इसकी हल्की और शुद्ध बनावट के कारण जल तत्व माना जाता है जो अन्य अवयवों के साथ मिश्रण करने के लिए आसानी से बह सकता है। दही - आकार, धारण / स्थिरता और समृद्धि बनाने की प्रवृत्ति के कारण पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। चीनी - वायु तत्व की तरह कार्य करता है क्योंकि यह फैलता है और देखे बिना फैलता है। घी - यहाँ अग्नि के रूप में संबोधित किया जाता है क्योंकि यह न केवल पोषण करता है बल्कि ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है और विजयी होने के लिए हमारी प्रतिरक्षा को मजबूत करता है। शहद - यहाँ अंतरिक्ष तत्व के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसका उपयोग कम से कम मात्रा में किया जाता है फिर भी यह उपस्थिति को चिह्नित करता है। इसके अलावा यह इस पवित्र सामग्री को बनाने में मधुमक्खियों के झुंड द्वारा विकसित मिठास और एकता कारक का स्वाद लाता है।। सभी तत्व एक दूसरे के विरुद्ध प्रकृ...

क्या दिक्कत है ?

क्या दिक्कत है ? टेंपरेचर  को   ताप कहने में। यू    को   आप कहने में। स्टीम को  भाप कहने में। फादर को बाप कहने में।  क्या दिक्कत है ? बैड   को   ख़राब कहने में। वाईन  को  शराब कहने में।  बुक  को  किताब कहने में। सॉक्स को ज़ुराब कहने में। क्या दिक्कत है ? डिच   को  खाई  कहने में। आंटी  को   ताई  कहने में। बार्बर   को   नाई  कहने में। कुक को हलवाई कहने में। क्या दिक्कत है ? इनकम  को आय कहने में। जस्टिस को न्याय कहने में। एडवाइज़ को राय कहने में। टी को चाय कहने में।  क्या दिक्कत है ?   फ़्लैग  को  झंडा कहने में। स्टिक  को  डंडा कहने में। कोल्ड  को ठंडा कहने में। एग को  अंडा कहने में। क्या दिक्कत है ? बीटिंग  को कुटाई कहने में। वॉशिंग को धुलाई कहने में। पेंटिंग   को  पुताई कहने में। वाइफ  को लुगाई कहने में। क्या दिक्कत है ? स्मॉल को छोटी कहने में। फैट   को...

बहुत अच्छी कहानी

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आंखो में आंसु आ गए पढ़ कर  एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा..."चिट्ठी ले लीजिये।" आवाज़ सुनते ही तुरंत अंदर से एक लड़की की आवाज गूंजी..." अभी आ रही हूँ...ठहरो।" लेकिन लगभग पांच मिनट तक जब कोई न आया तब डाकिये ने फिर कहा.."अरे भाई! कोई है क्या, अपनी चिट्ठी ले लो...मुझें औऱ बहुत जगह जाना है..मैं ज्यादा देर इंतज़ार नहीं कर सकता....।" लड़की की फिर आवाज आई...," डाकिया चाचा , अगर आपको जल्दी है तो दरवाजे के नीचे से चिट्ठी अंदर डाल दीजिए,मैं आ रही हूँ कुछ देर औऱ लगेगा ।  " अब बूढ़े डाकिये ने झल्लाकर कहा,"नहीं,मैं खड़ा हूँ,रजिस्टर्ड चिट्ठी है,किसी का हस्ताक्षर भी चाहिये।" तकरीबन दस मिनट बाद दरवाजा खुला। डाकिया इस देरी के लिए ख़ूब झल्लाया हुआ तो था ही,अब उस लड़की पर चिल्लाने ही वाला था लेकिन, दरवाजा खुलते ही वह चौंक गया औऱ उसकी आँखें खुली की खुली रह गई।उसका सारा गुस्सा पल भर में फुर्र हो गया। उसके सामने एक नन्ही सी अपाहिज कन्या जिसके एक पैर नहीं थे, खड़ी थी।  लडक़ी ने बेहद मासूमियत से डाकिये की तरफ़ अपना हाथ बढ़ाया...

जापान में, शिक्षक दिवस

जापान में, कोई शिक्षक दिवस नहीं मनाया जाता।   एक दिन मैंने अपने जापानी सहकर्मी, शिक्षक यामामोटो से पूछा, "आप जापान में शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं?"   मेरे प्रश्न से चकित होकर, उन्होंने जवाब दिया, "हम शिक्षक दिवस नहीं मनाते।"   जब मैंने उनका जवाब सुना, तो मुझे विश्वास नहीं हुआ। मेरे मन में एक विचार आया, "जो देश अर्थव्यवस्था, विज्ञान और तकनीक में इतना आगे है, वह शिक्षकों और उनके कार्यों के प्रति इतना अनादर कैसे कर सकता है?"   एक बार, काम के बाद, यामामोटो ने मुझे अपने घर बुलाया। हम मेट्रो ट्रेन से गए क्योंकि उनका घर दूर था। यह शाम का व्यस्त समय था और मेट्रो पूरी तरह से भरी हुई थी। मैंने किसी तरह खड़े रहने की जगह ढूंढ ली। अचानक, मेरे पास बैठे एक वृद्ध व्यक्ति ने मुझे अपनी सीट देने की पेशकश की। एक वृद्ध व्यक्ति के इस सम्मानजनक व्यवहार को समझ न पाकर मैंने मना कर दिया, लेकिन उनका बहुत आग्रह था, और मुझे बैठना पड़ा।   मेट्रो से बाहर निकलने के बाद, मैंने यामामोटो से पूछा कि सफेद दाढ़ी वाले उस दादा ने ऐसा क्यों किया? यामामोटो मुस्कुराए और मेरे शिक्...

Beautiful Song of the Day

Let’s start the day with  Mukhram Sharma& N. C. Sippy’s drama film *”Diwana”* directed by Mahesh Kaul.  The film starred Raj Kapoor and Saira Banu. They were supported by Lalita Pawar, Kamal Kapoor,Leela Mishra, Ravinder Kapoor, Salim Khan and Kanhaiyalal.  This film is also remembered for Kamal Kapoor's strong performance as Raj Kapoor's father. Raj Kapoor's son Rishi did a movie with the same title 25 years later in 1992, with a different storyline. All the songs were popular and played on radio before the film release. Some are still popular like "Diwana Mujhko Log Kahein ", "Jisne Tumhe Chand Si Surat", "Hum To Jate Apne Gaon" and "Tumhari Bhi Jai Jai".  Today’s song is sung by Mukesh and it is lip synced by Raj Kapoor, with Saira Bano watching him. Hasrat Jaipuri is the lyricist. Music is composed by Shankar Jaikishan. *"Taron Se Pyare"* lyrics by Hasrat Jaipuri, composed by Shanker Jaikishan and sung by Mukesh 🎤🎶...

जलेबी सिर्फ मिठाई नहीं आयुर्वेदिक दवाई भी है

जलेबी सिर्फ मिठाई नहीं आयुर्वेदिक दवाई भी है ये एक राजशाही पकवान है जिसे दूध दही या रबड़ी से खाया जाता है। जलेबी का आयुर्वेदिक उपयोग : जलेबी एक भारतीय व्यंजन है जो की जलोदर नामक बीमारी का इलाज में प्रयोग की जाती थी शुगर बीमारी को नियंत्रित करने के लिए जलेबी को दही से खाते थे खाली पेट दूध जलेबी खाने से वजन और लम्बाई बढ़ाने के लिए किया जाता था । माइग्रेन की और सिर दर्द के लिए सूर्योदय से पहले दूध जलेबी खाने को आयुर्वेद में लिखा है ग्रह शांति अथवा ईश्वर का भोग में जलेबी से :: आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा लिखित देवी पूजा पद्धति में भगवती को बिरयानी यानी हरिद्रान पुआ जलेबी भोग लगाने के विषय में लिखा है जलेबी माता भगवती को भोग में चढ़ाने की प्रथा है। इमरती जो की उडद दाल से बनती है वो शनिदेव के नाम पर हनुमान जी या पीपल वृक्ष या शनि मंदिर में चढ़ाने काले कौवा और कुत्ते को खिलाने से शनि का प्रभाव कम होता है। जलेबी बनाने की विधि हमारे प्राचीन ग्रंथ में जलेबी बनाने की विधि संस्कृत भाषा में लिखी है साथ ही जलेबी बनाने की विधि पुराणों में भी है इसे रस कुंडलिका नाम दिया है भोज कुतुहल में इसे जल वल्लीका...