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Showing posts from November, 2023

खाली पीपे

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* ❤️ खाली पीपे ❤️* *एक बहुत बड़ा सौदागर नौका लेकर दूर-दूर के देशों में लाखों-करोड़ों रुपए कमाने के लिए जाता रहता था।* *एक दिन उसके मित्रों ने उससे कहा- तुम नौका में घूमते रहते हो। तुम्हारी नौका पुराने जमाने की है, तूफान आते हैं, खतरे होते हैं और नौकाएं डूब जाती हैं, तुम तैरना तो सीख लो।* *सौदागर ने कहा- तैरना सीखने के लिए मेरे पास समय कहां है?* *मित्रों ने कहा- ज्यादा समय की जरूरत नहीं है। गांव में एक कुशल तैराक है, जो कहता है कि तीन दिनों में ही वो तैरना सिखा देगा।* *सौदागर ने कहा- वो जो कहता है ठीक ही कहता होगा, लेकिन मेरे पास तीन दिन कहां हैं? तीन दिनों में तो मैं लाखों का कारोबार कर लेता हूं। तीन दिनों में तो लाखों रूपए यहां से वहां हो जाते हैं। कभी फुर्सत मिलेगी, तो जरूर सीख लूंगा।* *फिर भी उसके मित्रों ने कहा- खतरा बहुत बड़ा है। तुम्हारा जीवन निरंतर नौका पर है, किसी भी दिन खतरा हो सकता है और तुम तो तैरना भी नहीं जानते हो।* *सौदागर ने कहा- कोई और सस्ती तरकीब हो तो बताओ, इतना समय तो मेरे पास नहीं है।* *तो उसके मित्रों ने कहा- कम से कम दो पीपे अपने पास रख लो। कभी जरूरत पड़

Judi Dench Says...

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In her own words; Judi Dench "Don’t prioritise your looks my friend, as they won’t last the journey. Your sense of humor though, will only get better with age. Your intuition will grow and expand like a majestic cloak of wisdom. Your ability to choose your battles, will be fine-tuned to perfection. Your capacity for stillness, for living in the moment, will blossom. Your desire to live each and every moment will transcend all other wants. Your instinct for knowing what (and who) is worth your time, will grow and flourish like ivy on a castle wall. Don’t prioritise your looks my friend, they will change forevermore, that pursuit is one of much sadness and disappointment. Prioritise the uniqueness that make you you, and the invisible magnet that draws in other like-minded souls to dance in your orbit. These are the things which will only get better”………❣️❣️❣️

कौन है अधिक भाग्यशाली?

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🍁☘️🍁☘️🍁☘️🍁☘️ *प्रातः वंदन.....* *तूफ़ान ज्यादा हो तो*  *कश्तियां भी डूब जाती है...* *और अहम ज्यादा हो तो*  *हस्तिया भी डूब जाती है...* *हम न नास्तिक है,* *न आस्तिक,* *हम तो केवल वास्तविक है !* 🍁☘️🍁☘️🍁☘️🍁☘️ *जो अच्छा लगे उसको ग्रहण करो* *जो बुरा लगे उसका त्याग करो* *फिर चाहे वो विचार हो,* *कर्म हो,मनुष्य हो या धर्म हो.* *प्रयास ना छोड़ो*  🍁☘️🍁☘️🍁☘️🍁☘️🍁 *अगर आप कामयाब हुए तो*  *दुनिया आपको जान जाएगी*  *अगर नाकामयाब हुए तो*  *दुनिया को आप जान जाएंगे..*  *जीवन बहुत छोटा है,* *उसे जियो. प्रेम दुर्लभ है,* *उसे पकड़ कर रखो.* 🍁☘️🍁☘️🍁☘️🍁☘️ *क्रोध बहुत खराब है,* *उसे दबा कर रखो.* *भय बहुत भयानक है,* *उसका सामना करो.* *स्मृतियां बहुत सुखद हैं,* *उन्हें संजो कर रखो.* *अगर आपके पास मन की* *शांति है तो..समझ लेना* *आपसे अधिक*  *भाग्यशाली कोई नहीं है.!!* 🍁☘️🍁☘️🍁☘️🍁☘️ *मतलब और गरज़ के रिश्ते*  *कोयले की तरह होते हैं..* *जब गर्म होते हैं तो छूने वाले को* *जला देते हैं.. ओर ठंडे होते हैं तब* *हाथ काले कर देते हैं* 🍁☘🍁☘🍁☘🍁☘🍁        🙏🏽  *सुप्रभात* 🙏🏽 🍁☘🍁☘🍁☘🍁☘🍁 G

बूढ़े न हों. वरिष्ठ बनें

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*🙏 " बूढ़े न हों. वरिष्ठ बनें"🙏*   *दोनों के अंतर को समझें और जीवन का आनंद लें।* *इंसान को उम्र बढ़ने पर." बूढ़ा" नहीं बल्कि. 'वरिष्ठ " बनना चाहिए। "*  *" बुढ़ापा "...अन्य लोगों का आधार ढूँढता है,*  *'वरिष्ठता "..लोगों को आधार देती है.*  *'बुढ़ापा ".. छुपाने का मन करता है,*   *वरिष्ठता "... उजागर करने का मन करता है ।*   *"बुढ़ापा " अहंकारी होता है,*   *"वरिष्ठता".अनुभव संपन्न,विनम्र व संयमशील होती है।*   *"बुढ़ापा"..नई पीढ़ी के विचारों से छेड़छाड़ करता है,*   *" वरिष्ठता "..युवा पीढ़ी को बदलते समय के अनुसार,    जीने की छूट देती है।*   *"बुढ़ापा"...."हमारे ज़माने में ऐसा था "की रट लगाता है,*        *"वरिष्ठता”....बदलते समय से अपना नाता जोड़ती है और उसे अपना लेती है।*  *"बुढ़ापा".... नई पीढ़ी पर अपनी राय थोपता है,* *"वरिष्ठता"... तरुणपीढ़ी की राय समझने का प्रयास करती है।* *"बुढ़ापा ".... जीवन की शाम में अपना अंत ढू

बहुत उपयोगी संदेश

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कृपया इसे पढे बहुत उपयोगी !! "मेडिकल कॉलेज में, प्रोफेसर मेडिसिन के चौथे वर्ष में छात्रों को क्लिनिकल मेडिसिन पढ़ा रहे थे, उन्होंने निम्नलिखित प्रश्न पूछा: "बुजुर्गों में मानसिक भ्रम के क्या कारण हैं?" कुछ लोग उत्तर देते हैं: "सिर में ट्यूमर"।   उसने उत्तर दिया: नहीं!   अन्य सुझाव देते हैं: "अल्जाइमर के प्रारंभिक लक्षण"।   उसने फिर उत्तर दिया: नहीं!    उनके उत्तरों की प्रत्येक अस्वीकृति के साथ, उनकी प्रतिक्रियाएँ सूख जाती हैं।   और जब उन्होंने सबसे आम कारण सूचीबद्ध किया तो वे और भी खुले मुंह वाले थे: - निर्जलीकरण    यह एक मजाक जैसा लग सकता है; लेकिन ऐसा नहीं है.   60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को आमतौर पर प्यास लगना बंद हो जाती है और परिणामस्वरूप, तरल पदार्थ पीना बंद कर देते हैं। जब उन्हें तरल पदार्थ पीने की याद दिलाने वाला कोई नहीं होता, तो वे जल्दी ही निर्जलित हो जाते हैं।   निर्जलीकरण गंभीर है और पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इससे अचानक मानसिक भ्रम, रक्तचाप में गिरावट, दिल की धड़कन में वृद्धि, एनजाइना (सीने में दर्द), कोमा और यहां तक ​

मिडिल-क्लास

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किसने लिखा है पता नहीं..... पर लिखने वाले ने बहुत ही गज़ब का लिखा है..... बहुत ही बारीकी से observations किये हैं..... एक एक बात सोलह आना सच लिखी है......👌        "मिडिल-क्लास"  का होना भी         किसी वरदान से कम नहीं है.           कभी बोरियत नहीं होती.       जिंदगी भर कुछ ना कुछ आफत            लगी ही रहती है,  न इन्हें तैमूर जैसा बचपन नसीब होता है    न अनूप जलोटा जैसा बुढ़ापा, फिर भी           अपने आप में उलझते हुए                 व्यस्त रहते हैं. ★        मिडिल क्लास होने का भी             अपना फायदा है.   चाहे BMW का भाव बढ़े या AUDI का    या फिर नया i phone लाँच हो जाये,          कोई फर्क नहीं पड़ता. ★         मिडिल क्लास लोगों की     आधी जिंदगी तो ... झड़ते हुए बाल      और बढ़ते हुए पेट को रोकने में ही                    चली जाती है.             मिडिल क्लास लोगों की              आधी ज़िन्दगी तो         "बहुत महँगा है"  बोलने में ही                 निकल जाती है.         इनकी "भूख" भी ...     होटल के रेट्स पर डिपेंड करती है.        दरअसल महंगे

Train of Life...

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Train of Life... At birth, we boarded the train of life and met our parents, and we believed that they would always travel by our side. However, at some station, our parents would step down from the train, leaving us on life's journey alone. As time goes by, some significant people will board the train: siblings, other children, friends, and even the love of our life. Many will step down and leave a permanent vacuum. Others will go so unnoticed that we won't realize that they vacated their seats! This train ride has been a mixture of joy, sorrow, fantasy, expectations, hellos, goodbyes, and farewells. A successful journey consists of having a good relationship with all passengers, requiring that we give the best of ourselves. The mystery that prevails is that we do not know at which station we ourselves will step down. Thus, we must try to travel along the track of life in the best possible way - loving, forgiving, giving, and sharing. When the time comes for us to

*गुरु तेग बहादुर (शहीदी दिवस)

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🙏🙏🙏🙏🙏 🌹🌹 🙏🙏🙏🙏🙏               * गुरु तेग बहादुर (शहीदी दिवस)*              *(21.04.1621- 24.11.1675)* *24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर जी की पुण्यतिथि है। इसी दिन उनकी मृत्यु हुई थी। सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन को कुर्बान कर दिया था। वे अपनी आखिरी सांस तक धर्मांतरण के खिलाफ लड़ते रहे हैं। इस्लाम नहीं कबूलने की वजह से औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी का सिर कटवा दिया था। तेग बहादुर जी की शौर्य गाथा आज भी सिख समुदाय और अन्य धर्म के लोगों को काफी प्रेरित करती है। वे सदैव अन्याय, जुल्म, अंधविश्वास के खिलाफ और मानव अधिकारों के लिए लड़ते रहे थे। दिल्ली का गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर जी शहादत के लिए ही जाना जाता है।* *गुरु तेग बहादुर जी की शौर्य गाथा :-* *गुरु तेग बहादुर जी को " हिंद की चादर " के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपना सारा जीवन मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया था। कहा जाता है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने तेग बहादुर जी पर इस्लाम धर्म को कबूलने के लिए काफी मजबूर किया था लेकिन इसके बावजूद उन्

True Anecdote

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_The following anecdote is a true and stunning story that evokes the hand of God._  *Behind the mask*  (A book of experiences by surgeon Dr. Subhash Munje) I started my first job at a hospital in Alibaug. Each case provided me new knowledge more than my books. Every patient taught me something.  One afternoon an injured woman came, who was pregnant after 11 years of marriage.  A bull roaming around the streets of Alibaug had knocked  her stomach with its horn. It was a scary  sight with part of the woman's stomach  injured and a baby's hand peeping out of the crack of the uterine wall.  My mind was in turmoil. The mother's life could be saved because the stomach wound was not serious. But to sew up the wall of the uterus was unthinkable as it was impossible to put the child's hand inside.  The family's mandate was clear to Save the mother's life. But how would I ignore the call of that little hand, which appeared to be asking for help? The operation

Amol Palekar”* a Happy wala Birthday.

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Let’s start the day by wishing *”Amol Palekar”*  a happy wala Birthday. (24 November 1944) Spouses Chitra Palekar - ​(m. 1969; div. 2001)​ Sandhya Gokhale - ​(m. 2001)​ Parents:  Kamalakar Palekar (father) Suhasini Palekar (mother) Palekar studied fine arts at the Sir J. J. School of Art, Mumbai.  He commenced his artistic career as a painter. As a painter, he had seven one-man exhibitions and participated in many group shows. He has been active in the avant garde theatre in India in Marathi and Hindi theatre as an actor, director and producer since 1967. Palekar began in Marathi experimental theatre with Satyadev Dubey, and later started his own group, Aniket, in 1972.  In 1974 he was cast as an actor by Basu Chatterjee in Rajnigandha, and in the surprise low-budget hit, Chhoti Si Baat.  Hrishikesh Mukherjee also directed him in films such as Gol Maal and Naram Garam.  He won the Filmfare Best Actor Award for Gol Maal. He showed his capabilities as a director with movies s

Some consolations*

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* Some consolations*   *1. Out of 46 days , India dominated 45 days.*  *2. Team India recorded highest runs - 3160 among all teams.* *3. Team India took 100 wickets in tournament - again highest among all teams.* *4. Team India scored 25 half centuries including seven centuries - again highest among all teams.*  *5. Team India have a batting average of 52.37 and no other team could cross average of 50.*   *6. Highest runs in tournament  (Kohli) and highest wickets in tournaments (Shami).*  *7. Rohit hit 31 sixes which is again highest among all teams.*  *Times Of India heading rightly says _Sun rises “Do not despair"_*                                                              *_Let us celebrate this Indian Team. Yes. The cup didn't come home. But Team India gave India moments of our joy for at least 45 days. Nothing takes that away_* 👍🏼🏏👍🏼🏏👍🏼🏏👍🏼🏏

पांच मिनट का समय !

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*           *!! पांच मिनट का समय !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक बार एक व्यक्ति को रास्ते में यमराज मिल गये वो व्यक्ति उन्हें पहचान नहीं सका। यमराज ने पीने के लिए व्यक्ति से पानी माँगा, बिना एक क्षण गंवाए उसने पानी पिला दिया। पानी पीने के बाद यमराज ने बताया कि वो उसके प्राण लेने आये हैं लेकिन चूँकि तुमने मेरी प्यास बुझाई है इसलिए मैं तुम्हें अपनी किस्मत बदलने का एक मौका देता हूँ। यह कहकर यमराज ने एक डायरी देकर उस आदमी से कहा कि तुम्हारे पास 5 मिनट का समय है। इसमें तुम जो भी लिखोगे वही हो जाएगा लेकिन ध्यान रहे केवल 5 मिनट। उस व्यक्ति ने डायरी खोलकर देखा तो उसने देखा कि पहले पेज पर लिखा था कि उसके पड़ोसी की लॉटरी निकलने वाली है और वह करोड़पति बनने वाला है। उसने वहां लिख दिया कि उसके पड़ोसी की लॉटरी न निकले। अगले पेज पर लिखा था कि उसका एक दोस्त चुनाव जीतकर मंत्री बनने वाला है, तो उसने लिख दिया कि उसका दोस्त चुनाव हार जाए। इस तरह, वह पेज पलटता रहा और अंत में उसे अपना पेज दिखाई दिया। जैसे ही उसने कुछ लिखने के लिए अपना पेन उठाया यमराज ने उस व्यक्ति के हाथ

श्रीमती राजकुमारी देवी 🙏

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तस्वीर में साईकिल चला रही कोई साधारण महिला नहीं है बल्कि #पद्मश्री से सम्मानित बिहार की श्रीमती राजकुमारी देवी हैं । बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सरैया ब्लॉक के ग्राम आनंदपुर की निवासी हैं राजकुमारी देवी,मात्र 15 साल की उम्र में उनका विवाह इस ग्राम में एक किसान के साथ हुआ था जिसको खेती के नाम पर सिर्फ तम्बाकू उगाना आता था।घर का खर्च ठीक से न चलने के कारण परिवार खिन्न रहने लगा ।किसी प्रकार दुख झेलते हुए इन्होंने खेती खुद शुरू की और जो भी उपज हुई उससे अचार और मुरब्बे बनाये,मगर कोई इन उत्पाद को बेंचने के लिए तैयार नहीं हुआ तो खुद साइकिल चलानी सीखी और इनको बेंचने लगीं। राजकुमारी को लगा कि और अच्छे ढंग से यदि ये काम किया जाय तो बेहतर मूल्य मिल सकता है इसके लिए वे पूसा कृषि विश्वविद्यालय पहुंची और खेती तथा फूड प्रोसेसिंग का वाकायदा प्रशिक्षण लिया,फिर खेती में जल्दी फसल देने वाली चीजें उगाईं खासकर पपीता आदि,उनको अचार मुरब्बे आदि से अच्छी इनकम हुई और काम बढ़ा तो उन्होंने अनेक महिलाओं को प्रशिक्षण देकर अपने साथ मिला लिया। फिर उनको सफलता मिलती गयी,सबसे पहले सरैया मेले में उनको वर्ष 20

आत्मविश्वास और मेहनत

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.                     बाहर बारिश हो रही थी और अन्दर क्लास चल रही थी तभी टीचर ने बच्चों से पूछा कि अगर तुम सभी को 100-100 रुपये दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ? किसी ने कहा कि मैं वीडियो गेम खरीदुंगा, किसी ने कहा मैं क्रिकेट का बेट खरीदूंगा, किसी ने कहा कि मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदूंगी.. तो किसी ने कहा मैं बहुत सी चॉकलेट्स खरीदूंगी। एक बच्चा कुछ सोचने में डुबा हुआ था, टीचर ने उससे पुछा कि तुम क्या सोच रहे हो ? तुम क्या खरीदोगे ? बच्चा बोला कि टीचर जी, मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है तो मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा।  टीचर ने पूछाः तुम्हारी माँ के लिए चश्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते है, तुम्हें अपने लिए कुछ नहीं खरीदना ?  बच्चे ने जो जवाब दिया उससे टीचर का भी गला भर आया। बच्चे ने कहा कि मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं है।  मेरी माँ लोगों के कपड़े सिलकर मुझे पढ़ाती है और कम दिखाई देने की वजह से वो ठीक से कपड़े नहीं सिल पाती है..  इसीलिए मैं मेरी माँ को चश्मा देना चाहता हूँ ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकूँ, बड़ा आदमी बन सकूँ और माँ को सारे सुख दे सकूँ !

!! कड़वा वचन !!*

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💧 आज का मोती 💧* *✅ किसी का "भला" करके देखो हमेशा "लाभ" में रहोगे..* *✅ किसी पर "दया" करके देखो हमेशा *याद* में रहोगे*..               *🌅सुप्रभात🌅*   *💐आपका दिन मंगलमय हो💐* [ *"सोच"*  का  *"प्रभाव‌ मन"*  पर होता है, *"मन"*  का  *"प्रभाव शरीर"*  पर होता है, *"शरीर"*  और मन  *"दोनों"*  का  *"प्रभाव"*  सारे  *"जीवन"*  पर होता है, इसलिए हमेशा अच्छा सोचें और खुश रहें  *"हंसते मुस्कराते"*  रहें..... *🙏🌻सुप्रभात🌞🙏*                  *!! कड़वा वचन !!* सुंदर नगर में एक सेठ रहते थे। उनमें हर गुण था- नहीं था तो बस खुद को संयत में रख पाने का गुण। जरा-सी बात पर वे बिगड़ जाते थे। आसपास तक के लोग उनसे परेशान थे। खुद उनके घर वाले तक उनसे परेशान होकर बोलना छोड़ देते। किंतु, यह सब कब तक चलता। वे पुन: उनसे बोलने लगते। इस प्रकार काफी समय बीत गया, लेकिन सेठ की आदत नहीं बदली। उनके स्वभाव में तनिक भी फर्क नहीं आया। अंततः एक दिन उसके घरवाले एक साधु के पास गये औ

बेहतरीन दवाई

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✍,,, *_कुछ ऐसी दवायें भी होती हैं , जिनके उपयोग से बीमारियाँ नहीं होती हैं,,,,,_*               *1. कसरत भी एक दवाई है*  *२ . सुबह शाम घूमना भी एक दवाई है*  *३ . व्रत रखना भी एक दवाई है*  *४ . परिवार के साथ भोजन करना भी एक दवाई है*  *५ . हँसी मज़ाक़ करना भी एक दवाई है*  *६ . गहरी नींद भी एक दवाई है*  *७. अपनों के संग वक़्त बिताना भी एक दवाई है*  *८. ख़ुश रहना भी एक दवाई है*  *९. कुछ मामलों में चुप रहना भी एक दवाई है*  *१०. लोगों का सहयोग करना भी एक दवाई है*  *और ,,,,एक अच्छा दोस्त तो पूरी की पूरी दवाई की दुकान है*  *👉नोट —मैं दवाई बताने की फ़ीस नहीं लेता , आपकी ख़ुशी ही मेरी फ़ीस है*🙏🙏

चाबी से सीख

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शहर की तंग गलियों के बीच एक पुरानी ताले की दूकान थी। लोग वहां से ताला-चाबी खरीदते और कभी-कभी चाबी खोने पर डुप्लीकेट चाबी बनवाने भी आते। ताले वाले की दुकान में एक भारी-भरकम हथौड़ा भी था जो कभी-कभार ताले तोड़ने के काम आता था। हथौड़ा अक्सर सोचा करता कि आखिर इन छोटी-छोटी चाबियों में कौन सी खूबी है जो इतने मजबूत तालों को भी चुटकियों में खोल देती हैं जबकि मुझे इसके लिए कितने प्रहार करने पड़ते हैं? एक दिन उससे रहा नहीं गया, और दूकान बंद होने के बाद उसने एक नन्ही चाबी से पूछा, “बहन ये बताओ कि आखिर तुम्हारे अन्दर ऐसी कौन सी शक्ति है जो तुम इतने जिद्दी तालों को भी बड़ी आसानी से खोल देती हो, जबकि मैं इतना बलशाली होते हुए भी ऐसा नहीं कर पाता?” चाबी मुस्कुराई और बोली, दरअसल, तुम तालों को खोलने के लिए बल का प्रयोग करते हो…उनके ऊपर प्रहार करते हो…और ऐसा करने से ताला खुलता नहीं टूट जाता है….जबकि मैं ताले को बिलकुल भी चोट नहीं पहुंचाती….बल्कि मैं तो उसके मन में उतर कर उसके हृदय को स्पर्श करती हूँ और उसके दिल में अपनी जगह बनाती हूँ। इसके बाद जैसे ही मैं उससे खुलने का निवेदन करती हूँ, वह फ़ौरन खुल

गोवर्धन पूजा🙏

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गोवर्धन पूजन 14 नवम्बर विशेष 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ हमारे वेदों में कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन वरुण, इन्द्र, अग्नि आदि देवताओं की पूजा का विधान है। इसी दिन बलि पूजा, गोवर्धन पूजा, मार्गपाली आदि होते हैं। इस दिन गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर, फूल माला, धूप, चंदन आदि से उनका पूजन किया जाता है। गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारी जाती है। यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है। अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई। उस समय लोग इन्द्र भगवान की पूजा करते थे तथा छप्पन प्रकार के भोजन बनाकर तरह-तरह के पकवान व मिठाइयों का भोग लगाया जाता था। ये पकवान तथा मिठाइयां इतनी मात्रा में होती थीं कि उनका पूरा पहाड़ ही बन जाता था। अन्न कूट परिचय 〰〰🌼〰〰 अन्न कूट एक प्रकार से सामूहिक भोज का आयोजन है जिसमें पूरा परिवार और वंश एक जगह बनाई गई रसोई से भोजन करता है। इस दिन चावल, बाजरा, कढ़ी, साबुत मूंग, चौड़ा तथा सभी सब्जियां एक जगह मिलाकर बनाई जाती हैं। मंदिरों में भी अन्नकूट बनाकर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। अन्नकूट पूजन विधि 〰〰🌼🌼〰〰 इस दिन प्रात:ग

Hum Hindustani

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Let’s start the day and week and New Happy and Healthy beginnings with wishing one and all *”Nutan Varsh Ki Shubh Kamaayein 🙏🏻  Shubh Samvat 2080”* with Sashadhar Mukherjee’s 1960 patriotic film *”Hum Hindustani”* directed by Ram Mukherjee.  The film starred Sunil Dutt, Asha Parekh & Joy Mukherjee. They were supported by Prem Chopra, Helen, Gajanan Jagirdar, Leela Chitnis, Agha and Sanjeev Kumar.  Sanjeev kumar debuted in this film. Directional debut of Ram Mukherjee. The film is a remake of the 1952 Bengali movie Basu Paribar. This is Asha Parekh's second film as heroine, but her first film in color. Heavy lighting was required for the indoor shots, and the lights were so strong that they burned Asha's arm. The technicians rushed in a first-aid kit and used it on her. This is the first of five films that Sunil Dutt and Asha Parekh were paired together. They enjoyed working together, except that Dutt would get shy doing love scenes, since Parekh's mother S

Melukote Temple

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Melukote in Pandavapura taluk of Mandya district, Karnataka, in southern India, is one of the sacred places in Karnataka.It is built on rocky hills, known as Yadugiri, Yaadavagiri or Yadushaila, overlooking the Cauvery valley. Melukote is about 51 km (32 miles) from Mysore and 133 km (83 mi) from Bangalore. Sharing some info about an amazing pillar at the Cheluvanarayana Swamy Temple at Melukote, Karnataka.  It features an octagonal shaped ring at the center. There are vertical joints that hold it place. No part of the ring itself, touches the pillar. This special pillar depicts various scenes from the Ramayana. Seen are Rama, Sita & Lakshmana. Below that are Rama & Lakshmana in the battlefield at Lanka. Carvings of what appears to be Sugreeva, Angada & Lord Hanuman are also seen. On the same pillar, a scene depicting the slaying of Ravana. Above it is carvings of what appears to be Vibishana, Sita, Rama & Lakshmana post war. From the same pillar, carving of

Incredible ..

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👉 Mathematician asks:  How to write 4 in between a 5?  China man replied: Is this a Joke? Japan man exclaimed: Impossible!  American man said: The question's wrong!! British man snorted: Rubbish !!    Indian man wrote:  F(IV)E 💡 This is the reason you find Indians everywhere in the world in finance, business, medicine, engineering & arts...anything to do with optimising your brain!!! 👉 British: Can u swim?  Indian: No. British:  Then a dog is better than u because it can swim.  Indian: Can u swim?  British: Yes!  Indian: Then what's the difference between u & the dog?  British shocked, faints!! Indian Rocks!  👉 European : Why do all you Indians come in different colors?  Look at us, we are all white.  Indian: Horses too come in different colors but donkeys are all the same!!!  💡 Send to all Indians all over the globe 🙏

”Tere Mere Sapne.. Film Song Review

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Let’s start the day by wishing each other *”Shubh Chotti Diwali”* with one of my favourite, Vijay Anand’s 1971 film *”Tere Mere Sapne”* directed by Vijay Anand.  The film starred Dev Anand and Mumtaz. They were supported by Vijay Anand, Mahesh Kaul, Agha, Tabassum, Jayshree T, Leela Mishra and Premnath. Special Appearance by Hema Malini.  Remake of The Citadel. The first film to be produced by Vijay Anand. Vijay Anand made the film on his medical experience.  This film was a major break for Mumtaz as heroine and she was paired with Dev Anand for the first time. This film was Vijay Anand's first film as producer. Dev Anand signed Mumtaz for 2 films in 1971, Tere Mere Sapne & Hare Rama Hare Krishna. Ironically Mumtaz was eclipsed in both - by Hema playing a glam film star in a special appearance in Tere Mere Sapne and Zeenat playing the iconic drug addict sister in Hare Rama. Perhaps the best movie from Vijay Anand. Sadly, it was not a success. But still remembered fo

Diet N Diwali

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Before Diwali festive eating starts, follow these dieter’s 10 commandments: 1. If you eat something and no one saw it – it has no calories. 2. When you eat with someone else, the calories don’t count if they ate more. 3. Tasting someone else’s food doesn’t count. 4. If people around us gain weight, we automatically become thinner. 5. If your movie ticket comes with a free tub of popcorn, it doesn’t count as food. 6. Every food you split into smaller pieces will contain less calories. 7. Tasting food while preparing it is essential, and therefore – healthy. 8. Foods with similar colors contain the same amount of calories. This is why it’s fine to eat pistachio ice cream instead of spinach. 9. Chocolate has a dedicated area in the stomach, which is why you should have it with every meal. 10. Frozen foods, such as ice cream, contain no calories. The reason is that a calorie is a measurement of heat units. Now that I have shown you the light..... may you celebrate a wonderful D

सुंदर कविता"

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* मुंशी प्रेमचंद जी की एक "सुंदर कविता", जिसके एक-एक शब्द को, बार-बार "पढ़ने" को "मन करता" है.* ख्वाहिश नहीं,मुझे मशहूर होने की आप मुझे "पहचानते" हो, बस इतना ही "काफी" है। अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा "जाना" मुझे, जिसकी जितनी "जरूरत" थी उसने उतना ही "पहचाना "मुझे! जिन्दगी का "फलसफा" भी कितना अजीब है, "शामें "कटती नहीं और "साल" गुजरते चले जा रहे हैं! एक अजीब सी 'दौड़' है ये जिन्दगी, "जीत" जाओ तो कई अपने "पीछे छूट" जाते हैं और हार जाओ तो, अपने ही "पीछे छोड़ "जाते हैं! बैठ जाता हूँ मिट्टी पे अक्सर, मुझे अपनी "औकात" अच्छी लगती है। मैंने समंदर से "सीखा "है जीने का तरीका, चुपचाप से "बहना "और अपनी "मौज" में रहना। ऐसा नहीं कि मुझमें कोई "ऐब "नहीं है, पर सच कहता हूँ मुझमें कोई "फरेब" नहीं है। जल जाते हैं मेरे "अंदाज" से, मेरे "दुश्मन", एक मुद्दत से मैंने न तो

जीभ का रस

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*🌳🦚 आज की कहानी🦚🌳* *💐💐जीभ का रस💐💐* एक बूढ़ा राहगीर थक कर कहीं टिकने का स्थान खोजने लगा। एक महिला ने उसे अपने बाड़े में ठहरने का स्थान बता दिया। बूढ़ा वहीं चैन से सो गया। सुबह उठने पर उसने आगे चलने से पूर्व सोचा कि यह अच्छी जगह है, यहीं पर खिचड़ी पका ली जाए और फिर उसे खाकर आगे का सफर किया जाए। बूढ़े ने वहीं पड़ी सूखी लकड़ियां इकठ्ठा कीं और ईंटों का चूल्हा बनाकर खिचड़ी पकाने लगा। बटलोई उसने उसी महिला से मांग ली। बूढ़े राहगीर ने महिला का ध्यान बंटाते हुए कहा, 'एक बात कहूं.? बाड़े का दरवाजा कम चौड़ा है। अगर सामने वाली मोटी भैंस मर जाए तो फिर उसे उठाकर बाहर कैसे ले जाया जाएगा.?' महिला को इस व्यर्थ की कड़वी बात का बुरा तो लगा, पर वह यह सोचकर चुप रह गई कि बुजुर्ग है और फिर कुछ देर बाद जाने ही वाला है, इसके मुंह क्यों लगा जाए। उधर चूल्हे पर चढ़ी खिचड़ी आधी ही पक पाई थी कि वह महिला किसी काम से बाड़े से होकर गुजरी। इस बार बूढ़ा फिर उससे बोला: 'तुम्हारे हाथों का चूड़ा बहुत कीमती लगता है। यदि तुम विधवा हो गईं तो इसे तोड़ना पड़ेगा। ऐसे तो बहुत नुकसान हो जाएगा.?' इस बार महिला से सह

Seven Wonders of the World.

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A group of students were asked to list what they thought were the present "Seven Wonders of the World."  Though there were some disagreements, the following received the most votes: 1. Egypt's Great Pyramids 2. Taj Mahal 3. Grand Canyon 4. Panama Canal 5. Empire State Building 6. St. Peter's Basilica 7. China's Great Wall While gathering the votes, the teacher noted that one student had not finished her paper yet. So she asked the girl if she was having trouble with her list. The girl replied, "Yes, a little. I couldn't quite make up my mind because there were so many." The teacher said, "Well, tell us what you have, and maybe we can help." The girl hesitated, then read, "I think the 'Seven Wonders of the World' are: 1. to see 2. to hear 3. to touch 4. to taste 5. to feel 6. to laugh 7. and to love." The room was so quiet you could have heard a pin drop. The things we overlook as simple and ordinary and that we

सृजनशील बनें

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*॥ सृजनशील बनें ॥*  --------------------------------------     जिस जीवन में अच्छाई होती है वही जीवन सम्मानीय भी होता है। अच्छे कार्य करने से ही व्यक्ति महान बनता है। विचारात्मक प्रवृत्ति रचनात्मक जरूर होनी चाहिए। जिस दिन शुभ विचार सृजन का रूप ले लेता है उस दिन परमात्मा भी प्रसन्न होकर झूमने लगते हैं ।       कुछ ऐसा करो कि समाज की उन्नति हो। समाज स्वस्थ, सदाचारी बनकर उन्नति के मार्ग पर चले जिससे सबका भला हो। शास्त्र यही तो कहते हैं  कि जब हर प्रकार से आप अपना कल्याण करना चाहते हैं तब केवल धन के, भोग के पीछे मत भागना।       मैंने दुनिया से बहुत लिया अब देने की बारी है। अब लेने के लिए नहीं देने के लिए जीना है। ये कभी मत भूलो कि हमारा ये जीवन अस्थायी है। इसलिए जीवन के प्रत्येक क्षण का सम्मान करो। जो समय का सम्मान करता है समाज में उसका जीवन अवश्य ही सम्मानीय भी बन जाता है..!       *!! ॐ नमः शिवाय !!**

💐💐सुखी जीवन का रहस्य💐💐

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* 🌳🦚आज की कहानी🦚🌳* *💐💐सुखी जीवन का रहस्य💐💐* एक बार यूनान के मशहूर दार्शनिक सुकरात भ्रमण करते हुए एक नगर में गए। वहां उनकी मुलाकात एक वृद्ध सज्जन से हुई, दोनों आपस में काफी घुलमिल गए। वृद्ध सज्जन आग्रहपूर्वक सुकरात को अपने निवास पर ले गए। भरा-पूरा परिवार था उनका, घर में बहु-बेटे, पौत्र-पौत्रियां सभी थे। सुकरात ने बुजुर्ग से पूछा- आपके घर में तो सुख-समृद्धि का वास है। वैसे अब आप करते क्या हैं? इस पर वृद्ध ने कहा- अब मुझे कुछ नहीं करना पड़ता। ईश्वर की दया से हमारा अच्छा कारोबार है, जिसकी सारी जिम्मेदारियां अब बेटों को सौंप दी हैं। घर की व्यवस्था हमारी बहुएं संभालती हैं। इसी तरह जीवन चल रहा है। यह सुनकर सुकरात बोले- किन्तु इस वृद्धावस्था में भी आपको कुछ तो करना ही पड़ता होगा। आप बताइए कि बुढ़ापे में आपके इस सुखी जीवन का रहस्य क्या है? वह वृद्ध सज्जन मुस्कराए और बोले-मैंने अपने जीवन के इस मोड़ पर एक ही नीति को अपनाया है कि दूसरों से ज्यादा अपेक्षाएं मत पालो और जो मिले, उसमें संतुष्ट रहो। मैं और मेरी पत्नी अपने पारिवारिक उत्तरदायित्व अपने बेटे-बहुओं को सौंपकर निश्चिंत हैं। अब

बदल गया समाज। क्यों,?

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             * _संस्कारों से बड़ी कोई_*                *_वसीयत नहीं होती_*                         *_और_*            *_ईमानदारी से बड़ी कोई_*               *_विरासत नहीं होती।_*            *_राधे राधे जय श्री कृष्णा_*                          ✍️ *सोचकर , महसूस करके बताना आज से सिर्फ 20/25 सालों में ऐसा क्या हुआ के लोगों में सादगी , अपनापन और प्यार खत्म हो गया...🤔 ?* 1. कुटुम्ब कम हुआ . 2 सम्बंध कम हुए  3. नींद कम हुई. 4. बाल कम हुए  5. प्रेम कम हुआ  6. कपड़े कम हुए 7. शर्म कम हुई• 8  लाज-लज्जा कम हुई 09 मर्यादा कम हुई 10. बच्चे कम हुए 11. घर में खाना कम हुआ 12. पुस्तक वाचन कम हुआ 13. भाई-भाई प्रेम कम हुआ 15. चलना कम हुआ 16. खुराक कम हुआ 17. घी-मक्खन कम हुआ 18. तांबे - पीतल के बर्तन कम हुए 19. सुख-चैन कम हुआ 20. मेहमान कम हुए 21. सत्य कम हुआ 22. सभ्यता कम हुई 23. मन-मिलाप कम हुआ 24. समर्पण कम हुआ...😔 *संतान को दोष न दें...* *बालक या बालिका को 'इंग्लिश मीडियम'* में पढ़ाया... *'अंग्रेजी'* बोलना सिखाया...  *'बर्थ डे'* और *'मैरिज एनिवर्सरी'* जै

बुद्धि की शुद्धि

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* ॥ बुद्धि की शुद्धि ॥* -------------------------------------------- *जिस प्रकार भोर की प्रथम किरणों के साथ कुछ पुराने फूल झड़ जाते हैं और नयें फूल खिल उठते हैं व प्रकृति को सुवासित करते हैं। कुछ सूखे पत्ते पेड़ से जमीन पर गिर जाते हैं और नयीं कोंपलें फूट पड़ती हैं व प्रकृति को श्रृंगारित करती हैं।उसी प्रकार एक नया दिन एक नईं ऊर्जा और एक नयें विचार के साथ आता है।* एक नया दिन आता है तो साथ में नया उल्लास और नईं आश लेकर भी आता है ताकि *हम अपने जीवन को नयें विचारों से सुवासित एवं उल्लासित कर सकें। मानव मन को भी प्रतिदिन सद्विचार और सत्संग रूपी साबुन से स्वच्छ करने की जरूरत होती है ताकि विचारों की कलुषिता का मार्जन हो सके।* *यदि बुद्धि को परिमार्जित करते हुए उसमें प्रतिदिन साफ करके कुछ श्रेष्ठ विचार, कुछ सद्विचार न भरे जाएं तो हमारे वही कलुषित विचार जीवन के लिए जहर बनकर उसकी आत्मिक उन्नति में बाधक बन जाते हैं। सदा सत्संग के आश्रय में रहो ताकि हृदय की निर्मलता और विचारों की पवित्रता बनी रहे।* .              *🚩जय सियाराम 🚩* साभार गीता प्रेस गोरखपुर

हास्य कविता*

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* हास्य कविता* 😀😀😀😀😀😀😀 अक्ल बाटने लगे विधाता,              लंबी लगी कतारी। सभी आदमी खड़े हुए थे,             कहीं नहीं थी नारी।। सभी नारियाँ कहाँ रह गई,           था ये अचरज भारी । पता चला ब्यूटी पार्लर में,           पहुँच गई थी सारी।। मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,            एक एक पर भारी । बैठी थीं कुछ इंतजार में,           कब आएगी बारी।। उधर विधाता ने पुरूषों में,          अक्ल बाँट दी सारी । पार्लर से फुर्सत पाकर के,         जब पहुँची सब नारी।। बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,         नहीं अक्ल अब बाकी । रोने लगी सभी महिलाएं ,         नींद खुली ब्रह्मा की।। पूछा कैसा शोर हो रहा,          ब्रह्मलोक के द्वारे ? पता चला कि स्टॉक अक्ल का          पुरुष ले गए सारे।। ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,           बहुत देर कर दी है । जितनी भी थी अक्ल सभी वो,           पुरुषों में भर दी है।। लगी चीखने महिलाये ,          ये कैसा न्याय तुम्हारा? कुछ भी करो, चाहिए हमको           आधा भाग हमारा।। पुरुषो में शारीरिक बल है,           हम ठहरी अबलाएं । अक्ल हमारे लिए जरुरी ,          निज रक्षा कर