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Showing posts from May, 2024

Bollywood Song Review

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Let’s start the day with Neeraj Vora created 2006 comedy screwball series, original n first instalment film  Dhillin Mehta’s *” Golmaal: Fun Unlimited”* directed by Rohit Shetty.  The film starred Ajay Devgn, Tusshar Kapoor, Arshad Warsi, Sharman Joshi, Rimi Sen. They were supported by Sanjay Mishra, Vrajesh Hirjee, Mukesh Tiwari, Siddharth Jadav, Manoj Joshi, Sushmita Mukerjee and Paresh Rawal.  The first letters of the four lead characters in the movie (in Hindi) are the source for the title of the movie. i.e. Gopal, Laxman, Madhav, Lucky. The story of the movie is based on the Gujarati play "Aflatoon" by Mihir Bhuta and Neeraj Vora which was adapted from Harsh Shivsharan's original Marathi play "Ghar-Ghar". The film marked Ajay Devgan's comeback to comedy films. Ajay's bike stunt is a tribute to his bike stunt from Phool Aur Kaante. The first and only film in the series Sharman acted on. Today’s song  from “Golmaal Fun Unlimited” directed

गाने की समीक्षा

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    Let’s start the day with Amarjeet Productions 1971 crime thriller film *”Gambler”* directed by Amarjeet.  The film starred Dev Anand and Zaheeda. They were supported by Shatrughan Sinha, Zaheera, Sachin, Iftekhar, Rashid Khan, Manorama, Sudhir, Tabassum, Kishore Sahu and Jeevan. This film was directed by dev anand, the credit was given to Amarjeet. This was one of the last films of actor Kishore Sahu. This was the debut Bollywood movie of actress Zaheera, who had previously appeared in the James Bond film "On Her Majesty's Secret Service". Gambler & Prem Pujari were made Simultaneously. Shatrughan Sinha disclosed in an interview that it was Dev Anand who gave him a break in films by giving him a role in "Prem Pujari" and since Dev had given Sinha a very small role in that film, he compensated for it by giving Sinha another role in his next film "Gambler". Zaheeda after working in Prem Pujari and Gambler, she was also to work in Hare

!! खुद की कमियों को ढूँढे़.. !!*

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         *!! खुद की कमियों को ढूँढे़.. !!* ~ डिप्रेशन में आकर अपने जीवन में हार मानने वाले को एक बार इस पेड़ को जरूर देखना चाहिए.... काट डाला गया लेकिन हिम्मत तो देखो ये जीवन की सीख है साहब.....  जीवन कहीं से भी शुरू हो सकता है बस हौंसला चाहिए..! *संसार के प्रमुख आश्चर्यों में यह क्यों नहीं जुड़ पाया ?* कबूतर के एक जोड़े ने अपने लिए घोंसला बनाया परंतु जब कबूतर जोड़ें उस घोंसले में रहते हैं तो अजीब बदबू आती रहती थी। उन्होंने उस घोंसले को छोड़ कर दूसरी जगह एक नया घोंसला बनाया, मगर स्थिति वैसी ही थी; बदबू ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा! परेशान होकर उन्होंने वह मोहल्ला ही छोड़ दिया और नए मोहल्ले में घोंसला बनाया। घोंसले के लिए साफ सुथरे तिनके जोड़ें, मगर यह क्या! इस घोंसले में भी वहीं, उसी तरह की बदबू आती रहती थी। थक हार कर उन्होंने अपने एक बुजुर्ग चतुर कबूतर से सलाह लेने की ठानी और उनके पास जाकर तमाम वाकया बताया। चतुर कबूतर उनके घोंसले में गया, आसपास घुमा फिरा और फिर बोला, घोंसला बदलने से यह बदबू नहीं जाएगी। बदबू घोंसले में नहीं, तुम्हारे अपने शरीर से आ रही है। खुले में तुम्हें अ

शेर और व्यक्ति !!*

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*             *!! शेर और व्यक्ति !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक गाँव था, उस गाँव के रास्ते में बहुत घना जंगल था. जंगल घना होने के कारण तरह तरह के पशु-पक्षी जंगल में रहते थे. एक शेर भी रहता था. शेर कभी-कभी गाँव में घुसकर काफी तहलका मचाता था. इसी वजह से गाँव वाले जंगल के रास्ते में एक पिंजड़ा रख दिए थे. रात हुई सभी अपने-अपने घरों के अन्दर हो गये. गाँव शांत हो गयी. तभी शेर उसी रास्ते से गाँव की ओर जा रहा था. रास्ते में लगा पिंजड़ा में उसका पैर फंसा और भारी शरीर होने के कारण शेर पिंजड़े में बंद हो गया. अब वह उस पिंजड़े में बुरी तरह से फंस चुका था. काफी कोशिश करने के बावजूद भी वह वहाँ से नहीं निकल पाया. पूरी रात शेर पिंजड़े में ही कैद रहा.  सुबह हुई कुछ समय बाद उसी रास्ते से गाँव में एक व्यक्ति जा रहा था. तभी शेर बोला - "ओ भाई! ओ भाई!" वह व्यक्ति शेर को पिंजड़े में देखकर डर गया. शेर को काफी तेज़ की भूख लगी थी. शेर ने उस व्यक्ति से कहा - "मेरी सहायता करो. मुझे बहुत तेज़ प्यास लगी है. कृपया कुछ पानी पिला दो." व्यक्ति बोला - "नहीं! नही

कुछ ज्ञान की बातें

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*पछतावा अतीत नहीं बदल सकता* *और चिंता भविष्य नहीं सुधार सकती.* *इसलिए वर्तमान का आनंद लेना ही जीवन का सच्चा सुख है*  *ढ़ल जाती है हर चीज अपने वक्त पर.*     *बस एक व्यवहार और लगाव ही है*    *जो कभी बूढ़ा नहीं होता* [कभी ये न सोचें की हमारे बिना किसी का कुछ नहीं होगा* *ताश का पत्ता अगर ग़ुम हो जाय तो* *लोग जोकर को भी बादशाह बना देते हैं *मिले हुए समय को ही अच्छा बनाएं* अगर  *अच्छे समय की राह देखेंगे*  तो  *पूरा जीवन कम पड़ जाएगा* [: *🌹श्री हरि कहते है*🌹 *आदर्श बनने के गुण* *जबरदस्ती नहीं आते*  *स्वयं की आत्मचेतना*  *की अनुभूति से प्राप्त*  *किये जाते हैं।* *जीवन में सब कुछ करना,* *लेकिन किसी चेहरे की हंसी मत छीनना,* *इंसान सब कुछ भूल जाता है,* *लेकिन बीता वक्त उसे बहुत याद आता है,* *ये जीवन ना मिलेगा दोबारा,* *याद रखना हमारे साथ है हारे का सहारा..!!*      सत्संग एक ठंडक है जो तपते मन को शांत करता है। सत्संग एक मिठास है जो कड़वी वाणी को मीठा बनाता है। सत्संग एक संतोष, सब्र है जो लोभ लालच को बढ़ने नहीं देता। सत्संग एक ऐसा सत्य है जो झूठे इंसान को भी सत्य के मार्ग पर ले जाता ह

Na Tum Bewafa Ho ..Song Review

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Let’s start the day with Panchadeep Chitra & Vasant Jogalekar’s 1968 Drama film *”Ek Kali Muskayee”* directed by Vasant Joglekar.  The film starred Ashok Kumar, Joy Mukherjee and Meera Joglekar. They were supported by Lalita Pawar, Malika, Nirupa Roy, Om Prakash, Nana Palshikar and Mehmood.  I have listened to this song quite a few times, but I was not aware of the details about this song, apart from the obvious fact that this song was sung by Lata. I guessed that the music sounds like it’s composed by Madan Mohan.  On checking up, I found that Madan Mohan is indeed the music director of this movie. This song which is an archtypical Madan Mohan ghazal, is sung by Lata and it is written by Rajinder Krishan. But when one looks at the picturisation, one is stumped. Who is this lady on whom this song is picturised ? She must be a strong contender for the title of the runners up for the wooden face of the millenium. The titling of course can only be Vimmi (of “Hamraaz” fame)

अधूरी लव स्टोरी*

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* एक छोटी सी अधूरी लव स्टोरी* 😄😄😄😄😄 *पिछले हफ्ते मेरे दांत  में दर्द हुआ और मैं जिंदगी में पहली बार दाँतों के डॉक्टर के पास गया।* *रिसेप्शन में बैठे-बैठे मेरी नजर वहाँ दीवार पर लगी नेमप्लेट पर पड़ी और उस पर लिखे डॉक्टर के नाम को पढ़ते ही मानो मुझ पर बिजली⚡⚡⚡ गिर पड़ी।* *डॉ. नंदिता प्रधान* Dentist *यानी, स्कूल के दिनों का हमारी क्लास की हीरोइन। गोरी-चिट्टी, ऊँची-लम्बी, घुँघराले बालों वाली खूबसूरत लड़की।* *अब झूठ क्या बोलूँ ...?* *क्लास के दूसरे लड़कों के साथ साथ मैं खुद भी उसको मन ही मन चहाता था, अपनी 'नंदू' 🧚🏻‍♀️को।* *मेरे दिल ❤️की धड़कन बढ़ गई।* *मेरा नंबर आने पर मैंने धड़कते दिल से, 'नंदू' के चेम्बर में प्रवेश किया।* *उसके माथे पर झूलते घुँघराले बाल अब हट चुके थे,* *गुलाबी गाल अब फूलकर गोल गोल हो गए थे...* *नीली आँखें मोटे चश्मे के पीछे छुप गईं थीं लेकिन फिर भी 'नंदू' बहुत रौबदार लग रही थी।* *लेकिन उसने मुझे पहचाना नहीं🙁।* *मेरी दांत  की जाँच हो जाने के बाद...* *मैंने ही उससे पूछा : "तुम कान्वेंट में पढ़ती थी ना ?* *वो बोली : "हाँ

शानदार लेख❤️

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जापान में कोई भी कल्याणकारी कार्यक्रम नहीं है जैसे मुफ़्त रसोई गैस, मुफ़्त बिजली, मुफ्त राशन आदि। उनका आदर्श वाक्य:- जो आपको चाहिए उसके लिए लिए काम करो या उसके बिना रहो। संभवतः ये 5 सबसे अच्छे वाक्य हैं जो आपने कभी पढ़े होंगे और ये सभी भारत में भी लागू होने चाहिए। 1. आप अमीरों को गरीब बनाकर गरीबों को अमीर नहीं बना सकते। 2. एक व्यक्ति को बिना काम किए जो मिलता है, दूसरे व्यक्ति को उसके लिए काम करना पड़ता है और उसे अपने इस किए गए काम के लिए कुछ नहीं मिलता। 3. दुनिया की कोई भी सरकार मुफ्त में अपने किसी नागरिक को ऐसा कुछ भी नहीं दे सकती जो सरकार पहले किसी और नागरिक से ले न ले। 4. आप धन को विभाजित करके उसे गुणा नहीं कर सकते! 5. जब आधे लोगों को कुछ भी मुफ्त में मिलेगा तो वह उसके लिए कभी भी काम नहीं करेंगें और उस मुफ्त के माल को देने के लिए जो अन्य नागरिक काम कर रहे हैं वह भी हतोत्साहित होंगे कि उनके द्वारा काम किए जाने पर उसका फल उन्हें न मिलकर उन बेकार के  निठलों को मिल रहा है जो काम कर ही नहीं रहे और सरकारी योजनाओं से मुफ्त में माल प्राप्त करने की चाह रखते हैं।   यह किसी भी समृद

आज के बेटी और बेटे*

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* आज के बेटी और बेटे* बेटा बेटी करते नखरे             फिर बनते हैं वलि के बकरे लव मैरिज का भूत सवार              परेशान पूरा परिवार  मात पिता की बात न सुनते          अपने मन की दुल्हन चुनते इंटर-कास्ट भी करते शादी            पुरखों सब नाक कटा दी  दिल्ली करवे गये पढ़ाई         बिटिया इंटर-कास्ट पटाई  लड़का पढबे भेजो दिल्ली            पीछे पर गई गोरी बिल्ली बाहर जाकर आंख लड़ाई          भूल गये सब आज पढ़ाई  मात पिता को धोखा देते           पढ़ते नहीं है बेटी बेटे  बाहर जाकर बने लफंगे          चाल चलन हो गये बेढंगे  तार तार हो गई मर्यादा            बेटी बेटा बन गये दादा  मन पसंद चुनते हैं साथी           भाड़ में जायें मात-पिता जी  अपने मन की कर ली शादी             मलते हाथ रह गये पिता जी  धीरे से पहनी जय माला            अपना मुंह काला कर डाला  एक माह शादी के बाद           पति पत्नी में होय बिबाद   लव मेरिज करके पछताते          मात पिता फिर याद हैं आते  अलग एक दूजे से होते        रात रात भर नहीं है सोते अपनी गल्ती पर पछताये          लौट के बुद्धू घर को आये                       *

सुपर मॉम्स

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विश्व मातृ दिवस पर  हर साल मई के दूसरे रविवार को world's Mother Day  मनाया जाता है।  -- क्या आप चित्र मे सभी 4 महिलाओं को पहचानते हैं? यदि आप इनमे से केवल 1 को पहचानते हैं तो आप भी प्रचार तन्त्र के मानसिक दास हैं। केवल प्रचार से कोई महान नहीं होता। महानता कार्य से सम्बन्धित है। विश्वास करें आपकी पाठ्य पुस्तकें बनाने वाले भी क्षुद्र स्वार्थी मानसिकता वाले थे। चित्र मे 2 नम्बर पर हैं - सुदेवी दासी मथुरा में गोवर्धन के राधाकुंड से थोड़ी दूर पर एक गांव है कोन्हई। यहां राधासुरभि नाम की गोशाला की संचालक सुदेवी दासी की गोशाला में 1000 से अधिक बैल, बछड़े और वृद्ध गाय हैं। ये सभी गोवंश किसी न किसी बीमारी या दुर्घटना से जख्मी हुए हैं। यहां कोई गाय देख नहीं पाती तो किसी गाय से चला तक नहीं जाता। इन सब की सेवा सुदेवी दासी बिना किसी स्वार्थ के करती हैं। सुदेवी दासी का का जन्म 2 मार्च 1958 में जर्मनी के बर्लिन शहर में हुआ। इसका मूल नाम फ्रेडरिक इरिन ब्रूनिग है। सुदेवी दासी के अनुसार वे 80 के दशक में एक बार भारत घूमने के लिए आई थीं। तब उम्र करीब 19-20 वर्ष रही होगी। कई देशों की सैर करने के बाद जब व