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Showing posts from March, 2025

Song of The Day

Let’s start Sunday with one of my favourite, B.R Panthulu’s 1962 romantic comedy film *”Dil Tera Diwana“* directed by B.R Panthulu.  The film starred Shammi Kapoor and Mala Sinha. They were supported by Mehmood, Om Prakash, Mumtaz Begum, Subha Khote, Manmohan Krishan, Mohan Choti and Pran.  The film was a remake of the Tamil film Sabaash Meena. The film is black and white in an era where colour films had already started making their appearance. This film has been colourised and released in 2015. Mehmood claimed that Shammi Kapoor got insecure of him and refused to work with him after the film released. Mehmood went on to say that Shammi Kapoor got him replaced by Rajendra Nath in the next few films. Rafi-Shammi Kapoor songs are some of the most loved songs in Hindi films.  Today’s song is sung by Rafi and Lata and picturised on Shammi Kapoor and Mala Sinha. It is a rain song.  I have commented about the kind of energy that Rafi is able to bring to his voice while sio...

आज का सुंदर विचार*क्या है औरत~*

🌹💞🌹💞🌹💞🌹 आज का सुंदर विचार *क्या है औरत~* <><><><><><> दुनिया की पहचान है औरत, दुनिया पर एहसान है औरत। मत समझो इसको कमजोर, पुरुष से बलवान है औरत।। हर घर की शान है औरत, हर घर की जान है औरत। इसको तुम कम न समझना, हर रिश्ते की डोर है औरत।। मर्यादा की देवी है औरत, सम्मान की देवी है औरत। इसका सदा सम्मान करना, पूजा योग्य है सब औरत।। सबसे आगे आज है औरत, शिक्षा में भी आगे है औरत। इसको कभी कम न समझना, बताओ,कहां नही आगे औरत।। जेट विमान उड़ाती है औरत, स्पेस में अब जाती है औरत। हर काम में वे आगे ही आगे, हर वाहन को चलाती है औरत।। राष्ट्र अध्यक्षा बनी है औरत, सर्वोच्च पदों पर है औरत। भेद भाव नहीं अब देश में , हर पद से सुशोभित है औरत।। माँ बहिन बनती है औरत, सारे रिश्ते निभाती है औरत।  इससे ज्यादा क्या लिखे हम, पहला अक्षर "अ" है औरत।। *महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं मेरे प्यारे भाई और बहनों को 💐💐*

तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।

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तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है। देखी मैंने बहुत दिनों तक दुनिया की रंगीनी, किंतु रही कोरी की कोरी मेरी चादर झीनी, तन के तार छूए बहुतों ने मन का तार न भीगा, तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है। अंबर ने ओढ़ी है तन पर चादर नीली-नीली, हरित धरित्री के आँगन में सरसों पीली-पीली, सिंदूरी मंजरियों से है अंबा शीश सजाए, रोलीमय संध्या ऊषा की चोली है। तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है। -हरिवंशराय बच्चन

अहंकार ही दुखों का कारण"*

प्रेरक प्रसंग..... *"अहंकार ही दुखों का कारण"* सुकरात अपने शिष्यों को उपदेश दे रहे थे। तभी वहां एक धनी व्यक्ति उनसे मिलने के लिए पहुंचा। सुकरात ने उस व्यक्ति की ओर ध्यान नहीं दिया। वे अपने काम में लगे रहे। धनी व्यक्ति को लगा कि सुकरात उसे नजर अंदाज किया है। इससे वह क्रोधित हो गया और वह सुकरात के सामने पहुंचा और बोला- 'क्या आप जानते हैं मैं कौन हूं?  सुकरात में शांति से उससे कहा- 'कृपया आप यहां आकर बैठे।' इसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति को दुनिया का एक नक्शा दिया और कहा-'आप बताएं इसमें एथेंस कहां है?' धनी व्यक्ति ने कहा- 'दुनिया के नक्शे में तो एथेंस एक बिंदु की तरह है।' उसने एथेंस पर उंगली रखी और कहा- 'यह रहा।' सुकरात ने उसे फिर पूछा- 'अब बताओ कि तुम्हारा घर कहां है?' उसने कहा- 'दुनिया के नक्शे में एथेंस तो खुद ही एक बिंदु है, इसमें मेरा घर कैसे दिख सकता है?' सुकरात ने फिर पूछा- 'जब इस नक्शे में तुम्हारा घर ही नहीं दिख रहा तो तुम अपने बड़े घर में कहां हो? यह नक्शा तो एक पृथ्वी का है। ऐसी अनंत पृथ्वियां है, अनंत सूर्य हैं, इ...

होलाष्टक कितने घातक हैं जानिए

🚩 होलाष्टक कितने घातक हैं जानिए  👹👹👹👹👹👹👹👹👹👹 हम सब जानते हैं हिरण्यकशिपु राक्षस ने ब्रह्मा जी की तपस्या कर वरदान पा लिया अंदर- बाहर- ऊपर- नीचे-दिन-रात्रि -मानव-पशु -अस्त्र-शस्त्र से ना मरुं। अत्याचार कर त्रिलोकी जीत लिया उसका पुत्र  प्रहलाद भगवान नारायण का भक्त हुआ उसे मारने अनेक उपाय किए अंत में अपनी बहिन डुंडा राक्षसी जिसे अग्नि देव से अग्नि में ना जलने का दुशाला प्राप्त हुआ था उसे ओढ़कर भक्त प्रहलाद को गोद में बिठा जलती चिता में बैठ गई किंतु नारायण विष्णु जी की कृपा से प्रहलाद बच गया डुंडा राक्षसी की होलिका दहन हो गई। हम लोग दहन से पूर्व होली का पूजन करते हैं यह डुंडा राक्षसी का पूजन नहीं उस पवित्र अग्नि जिसने प्रहलाद को बचाया और भक्त प्रहलाद की पूजन करते हैं। अब मूल विषय पर आते हैं। 🪔होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा से 8 दिन पूर्व होलाष्टक लग जाते हैं जो समाज के लिए काफी घातक होते हैं। ब्रह्मा जी से वरदान पाकर तारकासुर त्रिलोकी में आतंक मचा रहा था नवग्रह,देव, किन्नर गंधर्व आदि सभी दुखी पीड़ित थे उसने वरदान मांगा कि मैं शिवपुत्र के हाथों ही मारा जाऊंगा अन्यथा नह...

शुद्ध हिन्दी बोलने का प्रयास करें...*

* हिन्दी हमारी राजभाषा एवं मातृभाषा है;* *इसका सम्मान करें...* *हमारी भाषा बचाइए;* *हमारी संस्कृति बचाइए...* *हिन्दी बोलने का प्रयास करें...* ये वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन शब्दों को त्याग कर  मातृभाषा का प्रयोग करें...   ००० *उर्दू* @ *हिंदी* ००१ ईमानदार @ निष्ठावान ००२ इंतजार @ प्रतीक्षा ००३ इत्तेफाक @ संयोग ००४ सिर्फ @ केवल, मात्र ००५ शहीद @ बलिदान ००६ यकीन @ विश्वास, भरोसा ००७ इस्तकबाल @ स्वागत ००८ इस्तेमाल @ उपयोग, प्रयोग ००९ किताब @ पुस्तक ०१० मुल्क @ देश ०११ कर्ज़ @ ऋण ०१२ तारीफ़ @ प्रशंसा ०१३ तारीख @ दिनांक, तिथि ०१४ इल्ज़ाम @ आरोप ०१५ गुनाह @ अपराध ०१६ शुक्रिया @ धन्यवाद, आभार ०१७ सलाम @ नमस्कार, प्रणाम ०१८ मशहूर @ प्रसिद्ध ०१९ अगर @ यदि ०२० ऐतराज़ @ आपत्ति ०२१ सियासत @ राजनीति ०२२ इंतकाम @ प्रतिशोध ०२३ इज्ज़त @ मान, प्रतिष्ठा ०२४ इलाका @ क्षेत्र ०२५ एहसान @ आभार, उपकार ०२६ अहसानफरामोश @ कृतघ्न ०२७ मसला @ समस्या ०२८ इश्तेहार @ विज्ञापन ०२९ इम्तेहान @ परीक्षा ०३० कुबूल @ स्वीकार ०३१ मजबूर @ विवश ०३२ मंजूरी @ स्वीकृति ०३३ इंतकाल @ मृत्यु, निधन...

आज का सुविचार 🌹👏🙏

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* 💫🌹 आज का सुविचार  🌹💫*     *🌹"जिंदगी"और  सायकल तभी बेहतर चल सकती है जब दोनों में चैन हो"विचार और व्यवहार"हमारे बगीचे के वो फ़ूल हैं जो हमारे पूरे व्यक्तित्व को महका देते हैं क्या खूब कहा है क़िसी ने कि जंग जम कर करो पर इतनी गूंजाइश रखो जब भी मिलो तो फिर से बात कर सको*  *🌹"ज़िंदगी" में असली सफलता हम तभी हासिल कर सकते हैं जब हम दूसरों को आगे बढ़ने में मदद करना सीख लेते है आज से हम दूसरों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे नज़र और नसीब में भी क्या फ़र्क है नज़र उसे ही पसंद करती हैं जो नसीब में नहीं होता इस नए कलयुग की स्थिति ये है भले ही आप तन ढकने के लिए वस्त्र मत खरीदो नंगे घूमते रहो सिर्फ धनवान बन जाओ 0ये कलयुगी दुनिया आपके नंगेपन को भी आज के दौर का फैसन समझ लेगी "शब्दों" में इतनी ताकत होती है कि ये किसी भी "रिश्ते" को बना या बिगाड़ सकते हैं सम्बन्ध* *और जल एक समान होते है न कोई रंग न कोई रूप पर फिर भी जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण!*         *💫🌹सुप्रभात 🌹💫*

भारत के अनोखे गांव:*

भारत के अनोखे गांव:* *01. शनि शिग्नापुर, महाराष्ट्र।* पूरे गांव में सभी घरों में दरवाजे नहीं हैं। यहां तक कि कोई पुलिस स्टेशन भी नहीं है। कोई चोरी नहीं होती। *02. शेतफल, महाराष्ट्र।* गांव वालों के हर परिवार में सांप होते हैं। *03. हिवरे बाजार, महाराष्ट्र।* भारत का सबसे अमीर गांव। 60 करोड़पति। कोई भी गरीब नहीं और सबसे ज्यादा जीडीपी। *04. पुंसरी, गुजरात।* सबसे आधुनिक गांव। सभी घरों में सीसीटीवी और वाई-फाई है। सभी स्ट्रीट लाइटें सौर ऊर्जा से चलती हैं। *05. जंबूर, गुजरात।* सभी गांव वाले अफ्रीकी जैसे दिखते हैं, लेकिन भारतीय हैं। इसे अफ्रीकी गांव का उपनाम दिया गया है। *06. कुलधरा, राजस्थान।* भूतहा गांव। यहां कोई नहीं रहता। सभी घर वीरान हैं। *07.  कोडिन्ही, केरल।* जुड़वाँ बच्चों का गाँव। 400 से ज़्यादा जुड़वाँ बच्चे। *08. मत्तूर, कर्नाटक।* अपने रोज़मर्रा के संवाद में 100% संस्कृत बोलने वाले लोगों वाला गाँव। *09. बरवान कला, बिहार।* कुंवारों का गाँव। पिछले 50 सालों से कोई शादी नहीं हुई। *10. मावल्यान्नोंग, मेघालय।* एशिया का सबसे साफ़-सुथरा गाँव। साथ ही, एक छोटी सी चट्टान पर एक अद्भुत संतुलन...

आज का सुविचार 🌹👏🙏

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* 💫🌹 आज का सुविचार  🌹💫*     *🌹"जिंदगी"और  सायकल तभी बेहतर चल सकती है जब दोनों में चैन हो"विचार और व्यवहार"हमारे बगीचे के वो फ़ूल हैं जो हमारे पूरे व्यक्तित्व को महका देते हैं क्या खूब कहा है क़िसी ने कि जंग जम कर करो पर इतनी गूंजाइश रखो जब भी मिलो तो फिर से बात कर सको*  *🌹"ज़िंदगी" में असली सफलता हम तभी हासिल कर सकते हैं जब हम दूसरों को आगे बढ़ने में मदद करना सीख लेते है आज से हम दूसरों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे नज़र और नसीब में भी क्या फ़र्क है नज़र उसे ही पसंद करती हैं जो नसीब में नहीं होता इस नए कलयुग की स्थिति ये है भले ही आप तन ढकने के लिए वस्त्र मत खरीदो नंगे घूमते रहो सिर्फ धनवान बन जाओ 0ये कलयुगी दुनिया आपके नंगेपन को भी आज के दौर का फैसन समझ लेगी "शब्दों" में इतनी ताकत होती है कि ये किसी भी "रिश्ते" को बना या बिगाड़ सकते हैं सम्बन्ध* *और जल एक समान होते है न कोई रंग न कोई रूप पर फिर भी जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण!*         *💫🌹सुप्रभात 🌹💫*

एक हृदयस्पर्शी लघुकथा❤️

* 💥💥 एक हृदयस्पर्शी लघुकथा ! 💥💥* *सुबह सूर्योदय हुआ ही था कि, एक वयोवृद्ध सज्जन डॉक्टर के दरवाजे पर आकर घंटी बजाने लगे।*  *"इतने सुबह-सुबह कौन आ गया ?"* कहते हुए डॉक्टर की पत्नी ने दरवाजा खोला। वृद्ध को देखते ही डॉक्टर की पत्नी ने कहा, *"दादा आज इतनी सुबह ?  क्या परेशानी हो गयी आपको ??"*    वयोवृद्ध ने कहा, *"मेरे अंगूठे के टांके कटवाने आया हूं बेटा, डॉक्टर साहब के पास। मुझे 8:30 बजे दूसरी जगह पहुंचना होता है, इसीलिए जल्दी आया।* *सॉरी डॉक्टर साहब।"* डाक्टर के पड़ोस वाले मोहल्ले में ही वयोवृद्ध का निवास था, जब भी जरूरत पड़ती वह डॉक्टर के पास आ जाते थे। इसलिए डाक्टर उनसे  परिचित था। उसने कमरे से बाहर आकर कहा, *"कोई बात नहीं दादा।बैठो। बताओ आप का अंगूठा।* डॉक्टर ने पूरे ध्यान से अंगूठे के टांके खोले, और कहा कि, *"दादा बहुत बढ़िया है। आपका घाव भर गया है ।फिर भी मैं पट्टी लगा देता हूं कि, कहीं पर चोट न पहुंचे।"* डाक्टर तो बहुत होते हैं परंतु, यह डॉक्टर बहुत हमदर्दी रखने वाले,  आदमी का खयाल रखने वाले और  दयालु थे। डॉक्टर ने पट्टी लगाकर के पूछा...