योजक*

*योजक* *प्रेरणात्मक* 🪴🪴🪴
     
एक *गांव में एक किसान रहता था। वह रोज सुबह झरनों से साफ पानी लाने के लिए दो बड़े घड़े ले जाता था, जिन्हें वह डंडे में बांधकर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका लेता था। उनमें से एक घड़ा कहीं से फूटा हुआ था,* और दूसरा एकदम सही था । इस तरह रोज घर पहुंचते-पहुंचते किसान के पास डेढ़ घड़ा पानी ही बच पाता था।

सही घड़े को इस बात का घमंड  था कि वो पूरा का पूरा पानी घर पहुंचाता है और उसके अन्दर कोई कमी नहीं है। दूसरी तरफ फूटा घड़ा इस बात से शर्मिंदा  रहता था कि वो आधा पानी ही घर तक पहुंचा पाता है और किसान की मेहनत बेकार जाती है।

फूटा घड़ा ये सब सोचकर बहुत परेशान रहने लगा और एक दिन उससे रहा नहीं गया। उसने किसान से कहा,  'मैं खुद पर शर्मिंदा हूं और आपसे माफी मांगना चाहता हूं।'

किसान ने पूछा, 'क्यों ❓ तुम किस बात से शर्मिंदा हो❓' 

फूटा घड़ा बोला, 'शायद आप नहीं जानते पर मैं एक जगह से फूटा हुआ हूं, और पिछले दो सालों से मुझे जितना पानी घर पहुंचाना चाहिए था, बस उसका आधा ही पहुंचा पाया हूं। मेरे अंदर ये बहुत बड़ी कमी है और इस वजह से आपकी मेहनत बर्बाद होती रही है।' 

*किसान को घड़े की बात सुनकर थोडा दुख हुआ और वह बोला, 'कोई बात नहीं,* मैं चाहता हूं कि आज लौटते वक्त तुम रास्ते में पड़ने वाले सुन्दर फूलों को देखो।घड़े ने वैसा ही किया। वह रास्ते भर सुन्दर फूलों को देखता आया। 

ऐसा करने से उसकी उदासी कुछ दूर हुई पर घर पहुंचते-पहुंचते फिर उसके अन्दर से आधा पानी गिर चुका था।' वह मायूस  होकर किसान से माफी मांगने लगा।

किसान बोला, 'शायद तुमने ध्यान नहीं दिया। *पूरे रास्ते में जितने भी फूल थे।' वो बस तुम्हारी तरफ ही थे। सही घड़े की तरफ एक भी फूल नहीं था।* ऐसा इसलिए क्योंकि मैं हमेशा से तुम्हारे अंदर की कमी को जानता था, और मैंने उसका फायदा उठाया। मैंने तुम्हारी तरफ वाले रास्ते पर रंग-बिरंगे फूलों के बीज बो दिए थे।

तुम रोज थोड़ा-थोड़ा कर उन्हें सींचते रहे और पूरे रास्ते को इतना खूबसूरत  बना दिया। आज तुम्हारी वजह से ही मैं इन फूलों को भगवान  को अर्पित कर पाता हूं और अपने घर  को सुन्दर बना पाता हूं। *तुम्हीं सोचो, 'यदि तुम जैसे हो, वैसे नहीं होते तो भला क्या मैं ये सब कुछ कर पाता ❓*

हम सभी के अन्दर कोई ना कोई कमी है, पर यही कमियां हमें अनोखा बनाती हैं। *यानी आप जैसे हैं वैसे ही रहिए। उस किसान की तरह हमें भी हर किसी को वैसा ही स्वीकारना चाहिए जैसा वह है। उसकी अच्छाई पर ध्यान देना चाहिए। जब हम ऐसा करेंगे तब फूटा घड़ा भी अच्छे घड़े से कीमती हो जाएगा ll*
🪴🪴🪴

*जो प्राप्त है-पर्याप्त है*
*जिसका मन मस्त है*
*उसके पास समस्त है!!*

Life is d Most Easy Exam but
Many Fail.

Becoz

they try to copy others,Not realizing that each one has a different question paper.

HAVE A GREAT DAY.
.......
जीवन सबसे आसान परीक्षा है, लेकिन कई लोग इसमे असफल हो जाते हैं ।

क्योंकि 

वे दूसरों की नकल करने की कोशिश करते हैं। यह समझे बिना कि इस परिक्षा मे हर किसी के पास अलग प्रश्न पत्र होता है।

आपका दिन मंगलमय रहे ।
!! जय श्री कृष्णा !!
सुप्रभात

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