बहुत सुंदर
.🤷🏻♂️
एक उम्रदराज़ वृद्ध से
पच्चीस साल के एक युवक ने
पूछा ~ अब तबीयत कैसी है दादा !
क्या हाल चाल है ?
😇 दादा ने ...
संस्कृत का ज्ञाता होने के नाते
उस युवक को मन्त्र वाले अंदाज में
जवाब दिया कि ...
वृद्धावस्था में क्या हालत होती है,
क्या तकलीफ होती है और
क्या-क्या कष्ट होते हैं ?
जरा ध्यान से पढ़िएगा तो
आनंद अवश्य आएगा.
😭😤 😬 😤😭
मुखे न दाँतम् , माथे न बालम् ,
बधिरम् कानम् , पोपले गालम्.
दुखत अंगम्, सिकुड़म् खालम् ,
न शेष सुरम्, न शेष तालम्.
वैद्यम् बुलावम्, पूछम् हालम् ,
काया अकड़म्, मकड़ीं जालम्.
वैद्यम् उवाचम्, परहेज पालम्,
चटनी, अचारम् सब त्याग डालम्.
अब रोटी ज्वारम् च फीकी दालम्,
शाँतिमय गुजारम् अब शेष सालम्.
भोजन थाली रूखी-सूखी घालम्,
देखे बनावे मुख पीत, लालम्.
सब खावे पूड़ी हलवा थालम्,
मुखेन टपके टप टप रालम्.
बहुएँ भी टोकम्, पौत्रम् भी टालम्,
पुत्रम् भी अब तो गृह से निकालम्.
सम्मुख आवे जवानी ख़यालम्,
व्याधि तलवारम्, बुढ़ापा ढालम्.
अब कौन पूछे, ये प्रश्न विशालम्,
न बैंक बैलेन्स, न पास मालम्.
स्वास्थ्य गिरावम्, ज्यों वृक्ष छालम्,
पग-पग आवे, समीप कालम्.
😇
अब न पूछो हालम्, ना पूछ चालम्,
अब न पूछो हालम्, ना पूछ चालम्.
🙏 😁 😇
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