सृजनशील बनें
--------------------------------------
जिस जीवन में अच्छाई होती है वही जीवन सम्मानीय भी होता है। अच्छे कार्य करने से ही व्यक्ति महान बनता है। विचारात्मक प्रवृत्ति रचनात्मक जरूर होनी चाहिए। जिस दिन शुभ विचार सृजन का रूप ले लेता है उस दिन परमात्मा भी प्रसन्न होकर झूमने लगते हैं ।
कुछ ऐसा करो कि समाज की उन्नति हो। समाज स्वस्थ, सदाचारी बनकर उन्नति के मार्ग पर चले जिससे सबका भला हो। शास्त्र यही तो कहते हैं कि जब हर प्रकार से आप अपना कल्याण करना चाहते हैं तब केवल धन के, भोग के पीछे मत भागना।
मैंने दुनिया से बहुत लिया अब देने की बारी है। अब लेने के लिए नहीं देने के लिए जीना है। ये कभी मत भूलो कि हमारा ये जीवन अस्थायी है। इसलिए जीवन के प्रत्येक क्षण का सम्मान करो। जो समय का सम्मान करता है समाज में उसका जीवन अवश्य ही सम्मानीय भी बन जाता है..!
*!! ॐ नमः शिवाय !!**
Comments
Post a Comment