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Showing posts from August, 2024

Song Review

Let’s start the day with Dilip Dhawan’s 1982 drama film *”Saath Saath”* written and directed by Raman Kumar.  The film starred Farooq Shaikh and Deepti Naval. They were supported by Satish Shah, Rakesh Bedi, Neena Gupta, Avtar Gill, A K Hangal, Sudha Chopra, Geeta Kak and Anjan Srivastav.  In 1970s and 1980s, small budget movies began to be produced which told the stories of boys and girls next door rather than the usual make believe stories that had little resemblance to reality. Many actors in the film had their screen names same as their original names. In 1970s, Amol Palekar and Vidhya Sinha were the biggest “stars” of such movies. In 1980s, Faarooque Sheikh and Dipti Nawal became the leading “stars” of such movies. One pleasant fact of such movies was that the music of these movies tended to be very nice that would touch the heart strings of the audiences. Here is a party song. Farooq Shaikh and Dipti Naval play a lower middle class couple, whose relationship is strained, but they

गुरु तो गुरु ही रहेगा*

* एक बार आई.आई.टी.  मुंबई के 4 छात्र देर तक ताश खेलते रहे और अगले दिन की परीक्षा की तैयारी नहीं कर सके।*     *सुबह उन्हें एक युक्ति सूझी।*  *वे खुद ग्रीस, धूल और गंदगी से सने हुए थे और डीन के पास जाकर बोले... कल रात अचानक तबीयत खराब होने के कारण वह एकमित्र अस्पताल ले गए थे।  और वापस आते समय उनकी कार का टायर फट गया, हॉस्टल तक पहुंचने के लिए उन्हें पूरी रात कार को धक्का लगाना पड़ा।  और वे इस हालत में परीक्षा नहीं दे सकते.*  *डीन साहब को उनकी परेशानी का एहसास हुआ और उन्होंने सहानुभूति व्यक्त की और उन्हें 3 दिन का समय दिया...*  *3 दिन बाद दोबारा परीक्षा में शामिल होने का विकल्प दिया गया।*   *छात्रों ने विकल्प को सहर्ष स्वीकार किया और डीन को धन्यवाद दिया।  और परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।*      *तीसरे दिन वह डीन के सामने उपस्थित हुआ।   डीन ने कहा कि चूंकि यह एक _विशेष स्थिति परीक्षा_ थी, इसलिए चारों को अलग-अलग कक्षाओं में परीक्षा के लिए बैठना पड़ा।*    *उन्होंने पिछले 3 दिनों में अच्छी तैयारी की थी इसलिए सभी सहमत हुए।*   *इस परीक्षा में कुल 100 अंकों के केवल 2 प्रश्न थे।*      *प्र.1.   कौन

जानिये ॐ का रहस्य

जानिये ॐ का रहस्य  〰〰🌼〰🌼〰〰 मन पर नियन्त्रण करके शब्दों का उच्चारण करने की क्रिया को मन्त्र कहते है। मन्त्र विज्ञान का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे मन व तन पर पड़ता है। मन्त्र का जाप एक मानसिक क्रिया है। कहा जाता है कि जैसा रहेगा मन वैसा रहेगा तन। यानि यदि हम मानसिक रूप से स्वस्थ्य है तो हमारा शरीर भी स्वस्थ्य रहेगा।  मन को स्वस्थ्य रखने के लिए मन्त्र का जाप करना आवश्यक है। ओम् तीन अक्षरों से बना है। अ, उ और म से निर्मित यह शब्द सर्व शक्तिमान है। जीवन जीने की शक्ति और संसार की चुनौतियों का सामना करने का अदम्य साहस देने वाले ओम् के उच्चारण करने मात्र से विभिन्न प्रकार की समस्याओं व व्याधियों का नाश होता है। सृष्टि के आरंभ में एक ध्वनि गूंजी ओम और पूरे ब्रह्माण्ड में इसकी गूंज फैल गयी। पुराणों में ऐसी कथा मिलती है कि इसी शब्द से भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा प्रकट हुए। इसलिए ओम को सभी मंत्रों का बीज मंत्र और ध्वनियों एवं शब्दों की जननी कहा जाता है। इस मंत्र के विषय में कहा जाता है कि, ओम शब्द के नियमित उच्चारण मात्र से शरीर में मौजूद आत्मा जागृत हो जाती है और रोग एवं तनाव से मुक्ति मिलती है।

Interesting but true incident*

Listen to the answer of the bus driver of London... Interesting but true incident* *An Arab Muslim boarded a bus in London and requested the bus driver to "immediately stop the western music playing in the bus."* *When the bus driver asked the reason for this, the Arab Muslim said that "According to the teachings of Islam, listening to music is haram because there was no music at the time of the beloved Prophet and especially western music."* *The bus driver politely switched off the radio!* *Opened the door of the bus and requested the Arab Muslim to get down from the bus!* *The Arab Muslim asked the reason for this.* The bus driver politely replied - "O Arab brother! At the time of the beloved Prophet, there were no taxis, no buses, no bombs, no airplane hijackers, no loudspeakers making noise in the mosque, no suicide attacks, no RDX, no AK 47, only peace everywhere *There was.* *Go somewhere else and play a double trick in the name of Islam.* *Get down quie

Song of the Day

Let’s start the day with Rajendra Bhatiya’s 1965 romantic drama film *”Neela Akash”* directed by Rajendra Bhatia.  The film starred Dharmendra and Mala Sinha. They were supported by Shashikala, Raj Mehra, Madan Puri, Sulochana, Manorama and Mehmood.  Neela Akash was big hit of the year 1965.. The lead role kept bouncing between Dharmendra and Manoj Kumar. Finally Dharmendra signed the film. Dharmendra and Mehmood worked together for the first time. Today’s song is a Rafi Asha Bhonsle duet from “Neela Aakash”(1965). This delightful song is picturised on Dharmendra and Mala Sinha. Raja Mehdi Ali Khan is the lyricist. Music is composed by Madan Mohan. Just how many great compositions did Madan Mohan compose ? Madan Mohan demonstrartes that he could create magic not only with Lata, but also with Asha Bhonsle. In fact, it is interesting to realise that the most popular song composed by Madan Mohan in his lifetime was with Asha Bhonsle and that was the song Jhumka gira re Bareli ke bazaar me

अच्छे व्यवहार का रहस्य..*

2️⃣8️⃣❗0️⃣8️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣      *🌷 अच्छे व्यवहार का रहस्य..* हम साधारण मनुष्य अक्सर किसी से नाराज़ हो जाते हैं या किसी को भला-बुरा कह देते हैं, पर संतो का स्वाभाव इसके विपरीत हमेशा सौम्य व् मधुर बना रहता है। संत तुकाराम का स्वभाव भी कुछ ऐसा ही था, वे न कभी किसी पर क्रोध करते और न किसी को भला-बुरा कहते। आइये इस कहानी के माध्यम से जानते हैं कि आखिर संत तुकाराम के इस अच्छे व्यवहार का रहस्य क्या था। एक बार की बात है संत तुकाराम अपने आश्रम में बैठे हुए थे। तभी उनका एक शिष्य, जो स्वाभाव से थोड़ा क्रोधी था उनके समक्ष आया और बोला, ” गुरूजी, आप कैसे अपना व्यवहार इतना मधुर बनाये रहते हैं, ना आप किसी पे क्रोध करते हैं और ना ही किसी को कुछ भला-बुरा कहते हैं?” कृपया अपने इस अच्छे व्यवहार का रहस्य बताइए। संत बोले,” मुझे अपने रहस्य के बारे में तो नहीं पता, पर मैं तुम्हारा रहस्य जानता हूँ !” “मेरा रहस्य! वह क्या है गुरु जी?”, शिष्य ने आश्चर्य से पूछा। ” तुम अगले एक हफ्ते में मरने वाले हो!”, संत तुकाराम दुखी होते हुए बोले। कोई और कहता तो शिष्य ये बात मजाक में टाल सकता था, पर स्वयं संत तुकाराम के मुख से

लकड़हारा💐

*🛕 जय श्री राम🙏* *💐लकड़हारा💐* एक बार लकड़ी काटने में माहिर एक आदमी लकड़ी के बड़े व्यापारी के यहाँ काम की तलाश में गया। उसे लकड़ी काटने की नौकरी मिल गयी। तनख्वाह तो अच्छी थी लेकिन काम भी उसी तरह कठिन था। इस वजह से उसने खूब मेहनत से काम करने का निश्चय किया। उसके बॉस ने उसे एक कुल्हाड़ी दिया और कार्यस्थल भी दिखा दिया। पहले ही दिन लकड़हारे ने 18 पेड़ काट दिया। उसके बॉस ने उसे शाबाशी दी और कहा कि,"ऐसे ही मन लगाकर काम करो।" बॉस के प्रोत्साहन से प्रेरित होकर उसने अगले दिन ज़्यादा मेहनत किया लेकिन सिर्फ 15 पेड़ ला पाया। तीसरे दिन उसने और ज़ोर लगाया लेकिन वह सिर्फ 10 ही पेड़ ला पाया। दिन प्रतिदिन उसके द्वारा लाये पेड़ों की संख्या कम होती जा रही थी। "लग रहा है कि मैं अपनी ताक़त खोता जा रहा हूँ।" लकड़हारे ने सोचा। वह अपने बॉस के पास गया और माफ़ी मांगते हुए बोला,"मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि क्या हो रहा है।" बॉस ने पूछा,"अंतिम बार अपनी कुल्हाड़ी को तुमने धार  कब दिया था?" "धार? मेरे पास समय कहाँ है धार लगाने का? मैं तो पेड़ काटने में बहुत व्यस्त रहता हूँ......"  ☀

कुछ घरेलू उपचार

🟣🟣🟣🟣🟣🟣🟣 इमरजेंसी में काम आने वाले कुछ घरेलू उपचार कुछ आवश्यक घरेलू उपचार अचानक कोई समस्या होने पर बहुत काम आती है पल भर में समस्या का निदान हो जाता है आजमाया हुआ नुक्सा कृपया इसे सेव करके रखना है ♦️दस्त लूज मोशन लग जाना तुरंत 2 चम्मच निम्बू रस पीला दीजिये बिना पानी मिलाये.. 15 मिनट बाद फिर दोबारा दीजिये रुक जायेगे..  15 साल से बडो के लिए 2 चम्मच  अगर निम्बू नहीं है तब अदरक का रस 2 चम्मच दे दीजिये  10 साल से 15 साल तक 1 बड़ा चम्मच  छोटे बच्चों के लिए आधा चम्मच   ♦️उल्टी लग जाना♦️ एक चम्मच पियाज का रस + एक चम्मच निम्बू रस + 1 चम्मच मिश्री मिला कर दे दीजिये  उल्टी रुक जाएगी.  ♦️हिचकी आना♦️ तुरंत छोटी इलाची हरे वाली 5 से 6 दाने चबा लीजिये  इसके ऊपर एक चम्मच चीनी खा लीजिये तुरंत आराम आ जायेगा.  ♦️बैठे बैठे हाथ पर सुन हो जाना♦️ ब्लड सर्कुलर सही ना होना बॉडी मे  तुरंत दोनों हाथो की हथेली को रगडे + लेफ्ट हैंड की अंगूठे के पास वाली दोनों ऊँगली को ऊपर की तरफ से जोर जोर से रगडे.  पैर का सुन पन ठीक हो जायेगा..  ♦️गैस एसिडिटी बन जाना♦️ तुरंत एक चम्मच जीरा चबा कर ऊपर से एक कप गर्म पानी पी लीजि

मां

वृद्धाश्रम के दरवाजे पर हर दिन सुबह के वक्त एक कार आकर रुकती थी। उसमें से एक युवा व्यक्ति उतरता, और वृद्धाश्रम के बगीचे में बैठी एक बुजुर्ग महिला के पास जाकर बैठ जाता। दोनों के बीच धीमी-धीमी आवाज़ में बातें होतीं, और फिर कुछ देर बाद वह युवक उठकर चला जाता। यह दृश्य अब वृद्धाश्रम के सभी निवासियों के लिए एक परिचित और रोजमर्रा का हिस्सा बन गया था। धीरे-धीरे, सबको यह भी पता चल गया कि वह बुजुर्ग महिला, उस युवक की माँ है। आज सुबह का दृश्य भी कुछ वैसा ही था, लेकिन आज युवक अपनी माँ के सामने घुटनों के बल बैठा था, बार-बार उनके पैरों को पकड़कर माफी मांग रहा था। वृद्धाश्रम के गेट कीपर, रघु, जो हमेशा अपने काम में तल्लीन रहता था, आज इस दृश्य को देखकर विचलित हो गया। उसने पास ही बैठे एक बुजुर्ग व्यक्ति से कहा, "लोग कहते हैं कि औलाद बदल जाती है, लेकिन यहाँ तो कुछ और ही कहानी नजर आ रही है।" बुजुर्ग व्यक्ति, जो जीवन के अनुभवों से समृद्ध था, हल्की मुस्कान के साथ बोला, "जो तुम्हारी आंखें देख रही हैं, वह पूरा सच नहीं है। यहाँ आने वाले हर व्यक्ति की एक कहानी होती है, और उस कहानी में बहुत कुछ छि

भक्तिमति मीराबाई

एक बार भक्तिमति मीराबाई को किसी ने ताना माराः "मीरा ! तू तो राजरानी है। महलों में रहने वाली, मिष्ठान्न-पकवान खाने वाली और तेरे गुरु झोंपड़े में रहते हैं। उन्हें तो एक वक्त की रोटी भी ठीक से नहीं मिलती।" मीरा से यह कैसे सहन होता। मीरा ने पालकी मँगवायी और गुरुदर्शन के लिए चल पड़े। मायके से कन्यादान में मिला एक हीरा उसने गाँठ में बाँध लिया। रैदास जी की कुटिया जगह-जगह से टूटी हुई थी। वे एक हाथ में सूई और दूसरे में एक फटी-पुरानी जूती लेकर बैठे थे। पास ही एक कठोती पड़ी थी। हाथ से काम और मुख में नाम चल रहा था। ऐसे महापुरुष कभी बाहर से चाहे साधन-सम्पदा विहीन दिखें पर अंदर की परम सम्पदा के धनी होते हैं  और बाहर की धन-सम्पदा उनके चरणों की दासी होती है। यह संतों का विलक्षण ऐश्वर्य है। मीरा ने गुरुचरणों में वह बहूमूल्य हीरा रखते हुए प्रणाम किया। उसके नेत्रों में श्रद्धा-प्रेम के आँसू उमड़ रहे थे। वह हाथ जोड़कर निवेदन करने लगीः "गुरुजी ! लोग मुझे ताने मारते हैं कि मीरा तू तो महलों में रहती है और तेरे गुरु को रहने के लिए अच्छी कुटिया भी नहीं है। गुरुदेव मुझसे यह सुना नहीं जाता। अपने च

मघा नक्षत्र का जल

।। मघा नक्षत्र का जल ।। वर्षाऋतु में अभी मघा नक्षत्र चल रहा है । मघा नक्षत्र की वर्षा अमृत के समान है । इस समय आकाश बिल्कुल स्वच्छ हो जाता है अतः जो जल बादलों से गिरता है वह भी स्वच्छ और निर्मल रहता है । इसका पानी बहुत ही ठंडा होता है साथ ही सोयाबीन जैसी अन्य फसलों में लगी हुई इल्लियों को मार देता है। आज भी मुझे अच्छे से याद है बचपन में मेरी दादी वर्षा होने पर एक बड़ा तपेला (पतीला) आँगन में रख देती थी । थाली भर जाने पर उसका पानी हंडे में भर लेती थी । फिर मुझे और मेरे भाई को थोड़ा सा वही पानी पिलाती थी तब तो कुछ समझ नही आता था वो ऐसा क्यों करती है वो ये पानी हमे क्यों पिलाती है छोटे थे तो समझ भी नही थी और न ही किसी प्रकार की जिज्ञासा हुई जानने की लेकिन जैसे जैसे बड़े हुए तो ये जानने की जिज्ञासा बढ़ती गयी और एक दिन दादी से पूछा कि वो ये पानी हमे क्यों पिलाती है तब उन्होंने बताया कि मघा नक्षत्र का जल पीने से बच्चों के पेट के कृमि मर जाते हैं । यह मघा का जल गंगाजल के समान पवित्र होता है ।  इसे किसी पात्र में भरकर रखेंगे तो खराब नहीं होगा । मघा नक्षत्र की वर्षा के बारे में अनेक कहावतें हैं । जै

Very Important

1. * Search All India ATM Database By Location, Addresses, ATM ID Of All Banks | Complete ATM Directory*  https://www.the420.in/all-banks-atm-database-by-location/ 2. *Step By Step Guide: How To File Cybercrime Complaint Online In India*  https://www.the420.in/step-by-step-guide-how-to-file-cybercrime-complaint-online-in-india/ 3. *How to Report Cyber Crime in India : ऐसे करें साइबर क्राइम की Online FIR*  https://www.the420.in/how-to-report-cyber-crime-in-india/ 4. *Here Is How to Report Suspicious Websites, Emails and Mobile Numbers on I4C’s Cyber Crime Portal*  https://www.the420.in/report-cybercrime-india-national-portal-guide-scam-number-fake-website-cyber-fraud/ 5. *Search All India Police Station Phone Numbers & Mail ID Through This Search Engine*  https://www.the420.in/search-police-station-phone-numbers-mail-id-through-this-search-engine/ 6. *Contact List Of Grievance Officers Of The Social Media Giants Under New IT Rules*  https://www.the420.in/know-all-about-grievance-off

ध्यान राखियो

* हे राम तुम बड़े दयालु हो, 🙏🙏 कोई भी आवेदन नहीं किया था,  किसी की भी सिफारिश नहीं थी, फिर भी सिर के *बालों से* लेकर पैर के *अंगूठे तक* 24 घंटे भगवान,  आप *रक्त* प्रवाहित करते है... *जीभ पर* नियमित अभिषेक हो रहा है... निरंतर आप मेरा ये  *हृदय* चला रहे है... चलने वाला ये कौन सा *यंत्र* आपने फिट कर दिया है *हे भगवान...* *पैर के नाखून से लेकर सिर के बालों तक बिना रुकावट संदेशवाहन करने वाली प्रणाली...* किस *अदृश्य शक्ति* से चल रही है कुछ समझ नहीं आता। *हड्डियों और मांस में* बनने वाला *रक्त* कौन सा अद्वितीय *आर्किटेक्चर* है... इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं है।  *हजारों प्रकार की गंध* की सटीक पहचान करने वाली अनोखी *नासिका।*  *हजार-हजार मेगापिक्सल वाले दो-दो कैमरे* दिन-रात सारी दृश्यें कैद कर रहे हैं। *दस-दस हजार* टेस्ट करने वाली *जीभ* नाम की टेस्टर, अनगिनत *संवेदनाओं* का अनुभव कराने वाली *त्वचा* नाम की *सेंसर प्रणाली*... और... अलग-अलग *फ्रीक्वेंसी की* आवाज पैदा करने वाली *स्वर प्रणाली* और उन फ्रीक्वेंसी का *कोडिंग-डीकोडिंग* करने वाले *कान* नाम का यंत्र... *पचहत्तर प्रतिशत पानी से भरा शरीर रूपी

वर्तमान समाज

** वर्तमान समाज में पैर पसारते कलयुग के अशुभ लक्षण –* 1. कुटुम्ब कम हुआ। 2. सम्बंध कम हुए।  3. नींद कम हुई। 4. बाल कम हुए। 5. प्रेम कम हुआ।   6. कपड़े कम हुए। 7. शिष्टाचार कम हुआ। 8. लाज-लज्जा कम हुई। 9. मर्यादा कम हुई। 10. बच्चे कम हुए। 11. घर में खाना कम हुआ।  12. पुस्तक वाचन कम हुआ। 13. भाई-भाई प्रेम कम हुआ। 15. चलना कम हुआ।  16. खानपान की शुद्धता कम हुई। 17. खुराक कम हुई। 18. घी-मक्खन कम हुआ। 19. तांबे - पीतल के बर्तन कम हुए। 20. सुख-चैन कम हुआ।  21. अतिथि कम हुए।  22. सत्य कम हुआ। 23. सभ्यता कम हुई। 24. मन-मिलाप कम हुआ।  25. समर्पण कम हुआ।  26. बड़ों का सम्मान कम हुआ। 27. सहनशक्ति कम हुई।  28. धैर्य कम हुआ।  29. श्रद्धा-विश्वास कम हुआ। और भी बहुत कुछ कम हुआ जिससे जीवन सहज था, सरल था। संतान को दोष न दें बालक या बालिका को 'इंग्लिश मीडियम' में पढ़ाया... 'अंग्रेजी' बोलना सिखाया। 'बर्थ डे' और 'मैरिज एनिवर्सरी' जैसे जीवन के 'शुभ प्रसंगों' को 'अंग्रेजी कल्चर' के अनुसार जीने को ही 'श्रेष्ठ' माना। माता-पिता को 'मम्मी' और 'ड

उच्च न्यायालय

*(उच्च न्यायालय)* कई साल पहले, जब न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, उन्हें ओडिशा के पुरी के लॉ कॉलेज में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उस दिन, कॉलेज के समारोह में पहुँचने से पहले, वे भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए पुरी के जगन्नाथ मंदिर गए और लौटते समय उन्होंने कई बार किसी को उनके नाम "रंगनाथ बाबू" से पुकारते सुना। वे आश्चर्यचकित थे कि उन्हें इस तरह ऊँची आवाज़ में कौन पुकार सकता है, वह भी मंदिर के प्रवेश द्वार के पास और यह उनके लिए था या किसी और के लिए!! दुविधा में पड़कर उन्होंने पीछे देखा और देखा कि एक भिखारी जिसका चेहरा कुष्ठ रोग से पीड़ित था और जिसके हाथ-पैर पर पट्टियाँ बंधी हुई थीं, उन्हें पुकार रहा था। न्यायमूर्ति मिश्रा ने उनसे पूछा "आप कौन हैं और मुझे क्यों पुकार रहे हैं?"  फोन करने वाले ने जवाब दिया, "सर, आपको मेरी याद नहीं है? मैं कुख्यात कुलिया डाकू हूँ। कुछ साल पहले, जब आप ओडिशा उच्च न्यायालय में वकालत कर रहे थे, तब मैं आपका मुवक्किल था। डकैती और हत्या के एक मामले में, मुझे निचली अदालत ने आजी

भारत का विभाजन कितनी बार हुआ?*

* आप में से कितने लोग जानते हैं कि भारत का विभाजन कितनी बार हुआ?* ✍️ *उत्तर- ब्रिटिश शासन द्वारा 61 वर्षों में सात बार।* *अफगानिस्तान 1876 में भारत से अलग हुआ,* *नेपाल 1904 में,* *भूटान 1906 में,* *तिब्बत 1907 में,* *श्रीलंका 1935 में,* *म्यांमार (बर्मा) 1937 में* *और पाकिस्तान 1947 में।* अखंड भारत हिमालय से लेकर हिंद महासागर तक और ईरान से लेकर इंडोनेशिया तक फैला हुआ था। 1857 में भारत का क्षेत्रफल 83 लाख वर्ग किलोमीटर था, जो वर्तमान में 33 लाख वर्ग किलोमीटर है। 1  *श्रीलंका* अंग्रेजों ने 1935 में श्रीलंका को भारत से अलग कर दिया था। श्रीलंका का पुराना नाम सिंहलदीप था। सिंहलदीप का नाम बाद में सीलोन रखा गया। सम्राट अशोक के शासनकाल में श्रीलंका का नाम ताम्रपर्णी था। सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए श्रीलंका गए थे। श्रीलंका अखंड भारत का हिस्सा रहा है। 2 *अफगानिस्तान* अफगानिस्तान का पुराना नाम उपगणस्थान था और कंधार का गांधार था। अफगानिस्तान एक शैव देश था। महाभारत में वर्णित गांधार अफगानिस्तान में है, जहां से कौरवों की मां गांधारी और मामा शकुनि

सर्वे भवन्तु सुखिनः

जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है,  उसी पल से आपकी पहचान एक "बॉडी" बन जाती है। अरे "बॉडी" लेकर आइये,  "बॉडी" को उठाइये, ऐसे शब्दो से आपको पुकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नही पुकारते , जिन्हे प्रभावित करने के लिये आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी। इसीलिए जीवन में आने वाली हर चुनौती को स्वीकार  करें।...... अपनी पसंद की चीजों के लिये खर्चा करें।...... इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।.... आप कितना भी बुरा नाचते हो , फिर भी 0नाचिये।......0 उस खूशी को महसूस कीजिये।...... फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दीजिये।...... बिलकुल छोटे बच्चे बन जाइये । क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है। लॉस तो वो है  के जिंदा होकर भी आपके अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म हो चुकी है।..... हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है। "जिंदगी है छोटी,पर" हर पल में खुश हूँ "काम में खुश हूं,"आराम में खुश हूँ , "आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं, "आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं, "दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं, "आज

एंडोमेट्रियोसिस सिंड्रोम

🟣🟣🟣🟣🟣🟣🟣 * इस पोस्ट को महिलाएं जरूर पढ़ें।* जानिए क्‍या हैं एंडोमेट्रियोसिस सिंड्रोम? *इस तरह करें इसका उपचार....* बिगड़ते लाइफस्टाइल और तनाव भरी जिदंगी के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं जिसमें से एक है एंडोमेट्रियोसिस। 25-30 साल की उम्र में पेट दर्द और गर्भधारण न कर पाने का सबसे मुख्य कारण यही है। इस समस्या में गर्भ (एंडोमेट्रियम) को ढकने वाले टिश्यूज ओवरीज या गर्भाशय के आसपास विकसित होने लगते हैं, जिससे पीरियड्स के दौरान ओवरीज और पेल्विक में खून के गहरे थक्के जमा हो जाते है, जोकि आंत, ट्यूब्स और ओवरीज में चिपक जाते है। इससे ट्यूब्स और ओवरीज को नुकसान पहुंचता है, जो इंफर्टिलिटी का कारण बनता है। इसका समय पर इलाज न करवाने के कारण पेल्विक में सूजन और तेज पेट दर्द प्रॉब्लम हो जाती है।   ♦️क्‍या है एंडोमेट्रियोसिस?♦️ गर्भाशय में होने वाली इस समस्‍या के कारण पेट के अंदर एक परत बनती है, जिससे एंडोमेट्रियम ऊतक में असामान्य तरीके से बढ़ने लगता है और वो गर्भाशय से बाहर फैलने लगता है। यह ऊतक गर्भाशय के अंदर ही नहीं अंडाशय, आंतो और अन्य प्रजनन अंगो तक भी फैल सकते है

CATCHING WILD PIGS*

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Very interesting must read story appreciate for our present situation in many states  *CATCHING WILD PIGS*   *Karl Marx once said- "Remove one freedom from every generation. Soon you will have no freedom left and no one would have even noticed."* One day while the class was in the laboratory, a Professor noticed a young man kept rubbing his back and stretching,  as if his back hurt. The Professor asked the young man what was the matter. The student told him that he had a bullet lodged in his back. He had been shot while fighting Communists in his native country, who were trying to overthrow his country's Government and install a new Communist regime. Then, the student looked at the Professor and asked a strange question- "Do you know how to catch wild Pigs ?" The professor thought it was a joke and asked for the punchline. The young man said that it was no joke at all. "You catch wild Pigs by finding a suitable place in the woods and putting Cor

So Well written!

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Somewhere between  “ 10 toffees for 1 rupee” and  “1 toffee for 10 rupees”,  we grew up! Somewhere between  “Ground may aaja” and  “Online aaja”,  we grew up! Somewhere between  “stealing chocolate from our sister” and “Buying chocolate for her children”,  we grew up! Somewhere between  “Just five more mins Maa” and “Pressing the snooze button”,  we grew up! Somewhere between  “Crying out loud just to get what we want” and  “Holding our tears when we are broken inside”,  we grew up! Somewhere between  “I want to grow up” and  “I want to be a child again”,  we grew up! Somewhere between  “Lets meet and plan” and  “Lets plan and meet”,  we grew up! Somewhere between  "Being afraid of our parents" and  "Praying for our parents" we finally grew up   And as we grew up, we realize; How Silently, Our Lives Have Changed...!!

पपीते के पत्ते की चाय -

पपीते के पत्ते की चाय -  किसी भी स्टेज के कैंसर को सिर्फ 60 से 90 दिन में जड़ से खत्म किया जा सकता है।       पपीते के पत्ते –  तीसरी और चौथी स्टेज का कैंसर सिर्फ 35 से 90 दिनों में ठीक हो सकता है।  अब तक -  हम इंसानों ने पपीते के पत्तों का इस्तेमाल बहुत ही सीमित तरीके से किया होगा...  (खासतौर पर प्लेटलेट कम करने या त्वचा संबंधी या अन्य किसी छोटे या बड़े प्रयोग के लिए)  लेकिन,  आज हम आपको क्या बताने जा रहे हैं -  ये वाकई आपको हैरान कर देगा.  आप सिर्फ पांच हफ्ते में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं।  यह प्रकृति की एक शक्ति है  अनेक प्रकार की वैज्ञानिक खोजों से बहुत सारा ज्ञान प्राप्त हुआ जो -  पपीते के हर भाग जैसे फल, तना, बीज, पत्तियां, जड़ सभी में कैंसर कोशिकाओं को मारने और उसके विकास को रोकने के लिए शक्तिशाली औषधि होती है।  विशेष रूप से -  पपीते की पत्तियों में कैंसर कोशिकाओं को मारने और उनकी वृद्धि को रोकने के गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।  तो आइए जानें...  यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा (2010) और अमेरिका तथा जापान के अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों और शोधकर्ताओं द्वारा किए ग

सीनियर सिटिजन डे- २१ अगस्त

सीनियर सिटिजन डे- २१ अगस्त ————————————                मेरे एक मित्र अक्सर पूछते रहते थे कि बच्चों के भविष्य के लिये क्या करें। मैं कहता था कुछ मत करिये। बस आप अपने स्वास्थ्य को दुरुस्त रखिये। यही बच्चों पर सबसे बड़ा अहसान होगा। क्योंकि जब आपके बच्चे जवान होकर अपने खुद के बच्चों के लालन- पालन में व्यस्त होंगे तब वे अपना परिवार और उनका स्वास्थ्य और भविष्य देखेंगे या आपकी तीमारदारी करेंगे। यदि करेंगे भी तो आप अपराधी हैं क्योंकि आप अपने पोते- पोतियों का हिस्सा चुरा रहे हैं। आज जब मेरे मित्रों की किडनी- लिवर- घुटने और दिल दरिया हो रहा है तो मेरे इस कथन से वे सहमति जता रहे हैं। मगर- ‘का वर्षा जब कृषि सुखाने समय चूक पुनि का पछताने!’ तुलसी और गालिब ऐसे कवि हैं जिन्हें हर अवसर पर कोट किया जा सकता है। * ४५ साल की उम्र के बाद यदि आपने पैसे और स्वास्थ्य में पैसे को महत्ता दी है तो बहुत “बढ़िया” किया है। वह पैसा साठ के बाद काम आयेगा। एफडी दो तरह की होती हैं - हेल्थ की और वेल्थ की। आपने हेल्थ की नहीं की है। अब वेल्थ की खर्च कीजिये। * चालीस के बाद हर वर्ष मांसपेशियों की शक्ति दस प्रतिशत घट जाती है।य

Song of the Day

Let’s start the day with a Qawwali from , Ramkumar Bihar’s  1958 tantasy action drama film *”Al Hilal - Judgment of Allah”* directed by Akkoo. The film starred Mahipal, Shakeela, Indira, Hiralal, Ruby Mayer, Nargis, Habib and Master Romi. Today’s song is of one of my favourite genres of Hindi songs. It is a qawwali – and I absolutely LOVE qawwalis. One of the sad things about Hindi films nowadays is that the qawwali seems to have almost completely disappeared from them. It is probably a reflection of the times and of the types of films being made nowadays. Most of the stories are very urban in nature and do not lend themselves very easily to qawwali scenes. Even if there is scope to fit in a qawwali, it is more likely that the qawwali will lose out to an item song. A case in mind is “munni badnaam hui” from Dabangg. Like I said, it is a reflection of the times and I cannot really complain. Films mirror society after all. I always enjoy and am thankful for the qawwalis that we’ve had in

एक पत्र..

* राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी के प्रपौत्र को लिखा गया एक पत्र...??*  *जिसमें राहुल गांधी द्वारा कहा गया कि.. RSS ने ही गांधी जी की हत्या की थी, ताकि वे भाजपा के विरुद्ध कांग्रेस का साथ देने आ जायें।*  *इसके जवाब में गांधीजी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने जवाब मे राहुल गांधी को ये खुला पत्र लिखा, जिसे उन्होंने पब्लिक डोमेन में भी प्रसारित किया था।* *प्रिय राहुल गांधी जी...* *मोहनदास करमचंद गांधीजी मेरे परदादा थे, उनकी हत्या श्री नाथूराम गोडसे ने की थी, कई जांचों और आयोगों ने इस मामले पर शोध किया.. और किसी ने भी गांधी जी की हत्या मामले मे RSS को नही फंसाया.. और.. न ही RSS को जिम्मेदार ठहराया।*  *मेरे दादा स्व. रामदास गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल जी को श्री नाथूराम गोडसे को मृत्युदंड से मुक्त करने के लिए लिखा था।*  *आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि.. 1969 में जब रामदास गांधी मुंबई में शरीर त्याग रहे थे.. तब श्री नाथूराम गोडसे के छोटे भाई श्री गोपाल गोडसे ने उनसे मुलाकात की थी।*  *यह मुद्दा पूरी तरह से अतीत का है.. और.. मेरा परिवार उससे आगे बढ़ चुका है।*  *आपके लोगों को मे

एक दृष्टिकोण

अमेरिका के एक रेस्तरां में वेट्रेस ने एक आदमी और उसकी पत्नी को लंच का मेनू दिया और मेनू देखने से पहले, उन्होंने उसे दो सबसे सस्ता डिशेस देने के लिए कहा क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं थे। कई महीनों से वेतन नहीं मिला था। जिस वजह से ये मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। वेट्रेस सारा ने ज़्यादा देर तक नहीं सोचा। उसने उन्हें दो डिशेस की सिफारिश की और वो बिना किसी संकोच के सहमत हुए कि वो सबसे सस्ते थे। वह दोनों आर्डर ले आई और उन्होंने भूख से जल्दी खा लिया, और जाने से पहले उन्होंने वेट्रेस से बिल के लिए पूछा। वह अपने बिलिंग वॉलेट में कागज़ का एक टुकड़ा लेकर उनके पास वापस आई जिसमें लिखा था: "मैंने आपके हालात को देखते हुए अपने व्यक्तिगत खाते से आपके बिल का भुगतान किया है। ये मेरी तरफ से गिफ्ट के रूप में सौ डॉलर हैं और कम से कम मैं आपके लिए यही कर सकती हूं। आने के लिए धन्यवाद।  सारा के लिए आश्चर्यजनक बात यह थी कि वह अपनी कठिन वित्तीय परिस्थितियों के बावजूद कपल के लंच के बिल का भुगतान करके बेहद खुश थी। हालांकि वह लगभग एक साल से ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन खरीदने के लिए पैसे बचा रही थी क्योंकि उसे पुरानी वा

शुभ श्रावण मास

_* ।। शुभ श्रावण मास ।।*_    पूरे श्रावण मास में शिव तत्व के ऊपर चिंतन प्रस्तुत किया गया जिसका उद्देश्य केवल और केवल उन भगवान भोलेनाथ के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को आनंदमय, भक्तिमय और कल्याणमय बनाना था। जाते-जाते इस पावन श्रावण मास में आज भगवान शिव के कुछ प्रमुख नाम और उनके संदेश को भी जान लेते हैं। *शिव* - अर्थात् कल्याण स्वरूप।  हमारा जीवन स्वयं के साथ-साथ दूसरों के लिए सदा कल्याण स्वरूप बने ऐसा निरत प्रयास करना चाहिए। *भोलेनाथ* - सरल और सहज। जीवन सदा सरल और सहज होना चाहिए। जिसके जीवन में सरलता और सहजता है वह जीव सबका प्रिय बन जाता है। *आशुतोष* - अतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले। मनुष्य को चाहिए कि जो मिले जब मिले और जितना मिले उसी में प्रसन्न रहना चाहिए। संतोष से बड़ा कोई सुख नहीं। *हर* - पापों को हरने वाला। कर्म ऐसे करो कि स्वयं तो पाप से बचो ही मगर दूसरों को भी पाप से बचा सको अथवा दूसरों के पापों का हरण कर सको। *महाकाल* - काल को भी वश में करने वाले। समय के गुलाम मत बनो अपितु अपने काम के प्रति इतने प्रतिबद्ध बनो कि समय आपका गुलाम बन जाए। *महादेव* - देवों के भी देव। हमेशा प्रतिक्षण

शनिमहाराज की सम्पूर्ण कथा।

शनिमहाराज की सम्पूर्ण कथा।  〰〰🌼〰🌼〰🌼〰〰 क्यों है शनिमहाराज के लिये शनिवार का महत्व? शनिदेव, सूर्य के पुत्र तथा यमराज के भाई हैं। शिवजी इनके गुरु हैं तथा शिवजी की आदेशानुसार ही ये दुष्टों को दण्ड देने का कार्य करते हैं। लेकिन कभी भी बेकसूर मनुष्यों को दण्ड नहीं देते। शिवजी तथा हनुमान जी के भक्तों को शनिदेव कभी कष्ट नहीं पहुँचाते। शनिदेव का अवतरण  पुराणों के अनुसार सूर्यदेव की पाँच पत्नियाँ हैं– प्रभा, संध्या, रात्रि, बड़वा और छाया। संध्या की तीन संतानें हैं— वैवस्वत मनु, यम और यमुना।  ऐसा कहा जाता है कि सूर्यदेव की पत्नी संध्या, सूर्य के तेज को नहीं सहन कर पाती थीं ।  जिससे उसे बहुत कष्ट सहना पड़ता था और वह अपने को अंतर्निहित करने का विचार करने लगी। उसने अपने ही रूप रंग जैसी एक प्रतिरूप स्त्री बनायी और उसे “छाया” नाम दिया ।  इसके बाद संध्या, उस छाया को सूर्यदेव के पास छोड़कर, स्वयं बड़वा (घोड़ी) के रूप में सुमेरु पर्वत पर तपस्या को चले गई।  जाते हुए संध्या ने छाया से वचन लिया कि वह उसके बच्चों का ख्याल रखेगी तथा इस रहस्य को सूर्य के समक्ष प्रकट नहीं करेगी।  छाया ने कहा – “सूर्य जब तक म

विटामिन सी कितना जरूरी है....

विटामिन सी कितना जरूरी है.... विटामिन-सी की कमी से होने वाली समस्या और उन समस्याओं से मुक्ति कैसे मिलेगी..... अगर शरीर में किसी विटामिन की कमी हो जाये तो उसी प्रकार बीमारिया होती है। अभी तक आपने विटामिन-ए, विटामिन-बी काम्प्लेक्स के बारे में जाना और अब जानिये विटामिन-सी के बारे में। कौन सी बीमारियां होती है विटामिन-सी की कमी से ... 1. मोतियाबिंद होना। 2. घाव में पिप पड़ना। 3. खाया पिया शरीर को ना लगाना। 4. शरीर में दूषित कीटाणुओ की बढ़त। 5. हड्डिया कमजोर होना। 6. चिड़चिड़ापन। 7. लकवा मारना। 8. शरीर कमजोर होना। 9. श्वेतप्रदर। 10. भूख न लगना। 11. साँस लेने में कठिनाई। 12. चर्म रोग। 13. अल्सर का फोड़ा होना। 14. चेहरे पे दाग पड़ना। 15. फेफड़े कमजोर पड़ना इत्यादि समस्या। किन खाद्य पदार्थों मे होता है विटामिन-सी ... आंवला, सेब, अमरुद, केला, बेर, कटहल, पुदीना, Mango, मुनक्का, दूध, निम्बू, टमाटर, चुकंदर, पत्ता गोभी, हरा धनिया और पालक। जिसके शरीर लाल रक्त कण की कमी है उसे विटामिन-सी लाभदायक है। अगर इसकी कमी हो जाये तो शरीर में खून की कमी होगी।  चेहरे के दाग धब्बे अगर दूर करना होता तो विटामिन-सी इसमें अह