मघा नक्षत्र का जल
।। मघा नक्षत्र का जल ।।
वर्षाऋतु में अभी मघा नक्षत्र चल रहा है । मघा नक्षत्र की वर्षा अमृत के समान है । इस समय आकाश बिल्कुल स्वच्छ हो जाता है अतः जो जल बादलों से गिरता है वह भी स्वच्छ और निर्मल रहता है । इसका पानी बहुत ही ठंडा होता है साथ ही सोयाबीन जैसी अन्य फसलों में लगी हुई इल्लियों को मार देता है। आज भी मुझे अच्छे से याद है बचपन में मेरी दादी वर्षा होने पर एक बड़ा तपेला (पतीला) आँगन में रख देती थी । थाली भर जाने पर उसका पानी हंडे में भर लेती थी । फिर मुझे और मेरे भाई को थोड़ा सा वही पानी पिलाती थी तब तो कुछ समझ नही आता था वो ऐसा क्यों करती है वो ये पानी हमे क्यों पिलाती है छोटे थे तो समझ भी नही थी और न ही किसी प्रकार की जिज्ञासा हुई जानने की लेकिन जैसे जैसे बड़े हुए तो ये जानने की जिज्ञासा बढ़ती गयी और एक दिन दादी से पूछा कि वो ये पानी हमे क्यों पिलाती है तब उन्होंने बताया कि मघा नक्षत्र का जल पीने से बच्चों के पेट के कृमि मर जाते हैं । यह मघा का जल गंगाजल के समान पवित्र होता है ।
इसे किसी पात्र में भरकर रखेंगे तो खराब नहीं होगा ।
मघा नक्षत्र की वर्षा के बारे में अनेक कहावतें हैं ।
जैसे कि....
मघा में बरसे जल,
सब नाजों में होगा फल ।
अर्थात अगर मघा में वर्षा होती है तो सभी फसलों में अच्छा फल लगेगा ।
मघा के बरसे,माँ के परसे । तृप्ति मिलती है ।
अर्थात मघा नक्षत्र में वर्षा होने से धरती तृप्त होती है जैसे माँ के भोजन परोसने से बच्चों की क्षुधा तृप्त होती है ।
अगर हमारे घरों की छत बिल्कुल स्वच्छ है तो उसका पानी भी हम किसी बड़े टैंक में संग्रहित कर सकते हैं ।
तरुण शर्मा की कलम से.......... @followers @highlight
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