कहानी और संदेश
एक कहानी *🌳 देहदानी राजा शिवि 🌳* शिवि की धर्मपरायणता, उदारता, दयालुता एवं परोपकार की ख्याति स्वर्गलोक में भी पहुंच गई थी। इन्द्र और अग्निदेव शिवि की प्रशंसा सुनने के बाद उनकी परीक्षा की योजना बनायी राजा शिवि के गुणों को परखने के लिए अग्निदेव कबूतर बने और इन्द्र बाज। एक दिन राजा अपने दरबार में बैठे थे तभी एक कबूतर उड़ता हुआ उनकी गोद में आ गिरा और अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करने लगा कबूतर ने कहा… महाराज आपकी उदारता और शरणागत पर दया की चर्चा पशु-पक्षियों तक में होती है मैं भी आपके राज्य में निवास करने के कारण आपकी प्रजा और अभी आपका शरणागत हूं। मेरी रक्षा करें। शिवि ने कबूतर को निश्चिंत रहने का वचन दिया और कहा कि वह उसकी रक्षा हर हाल में करेंगे। राजा ने जैसे ही वचन दिया तभी वहाँ एक बाज आ पहुंचा और शिवि से कबूतर को वापस करने की मांग करने लगा। बाज ने कहा… महाराज यह कबूतर मेरा आहार है मैं अपने आहार का पीछा कर रहा था मैंने इस पर प्रहार भी किए है, आप मुझे मेरा आहार वापस करें। आपकी बड़ी कृपा होगी। राजा शिवि ने कहा… बाज यह तुम्हारा आहार रहा होगा किंतु अभी यह मे...