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Showing posts from July, 2023

आत्मा की भोजन

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आत्मिक कल्याण विनय शब्द पुष्प --- ******************************************************* हमें अपने जीवन में अपने शरीर के भोजन के साथ साथ, अपनी आत्मा के भोजन पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हम अपने शरीर के भोजन का ध्यान तो अपने पिछले हजारों लाखों जन्मों से रखते चले आ रहे हैं,जबकि हमें अपनी आत्मा के भोजन का ध्यान रखने का अवसर केवल इस मानव शरीर में ही मिला है ।          अतः श्रीराम चरित मानस के अनुसार हमें अपनी आत्मा का भोजन, भगवान का भजन,का ध्यान रखने का अवसर इस मानव शरीर में ही, भगवान ने उनकी बड़ी दया से प्रदान किया है । इस संदर्भ में गोस्वामी संत तुलसीदास जी ने श्रीराम चरित मानस में चौपाई लिखी है -- उमा कहहुं मैं अनुभव अपना  । सत हरि भजन,जगत सब सपना । । अर्थात भगवान शिव जी माता पार्वती जी से कहते हैं कि, मैं अपने अनुभव की बात कहता हूं कि, इस संसार में केवल भगवान श्री राम जी का भजन ही सत्य है,शेष सभी संसार, स्वप्न के समान है  ।  अतः हमें  इस भौतिक संसार में अपनी जीवात्मा के आत्मिक कल्याण के लिए केवल भगवान के भजन का ही सहारा लेना च...

अपने स्वामी स्वयं बनो

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🌷🍁🌷🍁🌷🍁🌷🍁🌷🍁🌷🍁           * छल करोगे तो छल मिलेगा*           *आज नहीं तो कल मिलेगा*            *अगर जियोगे जिंदगी सच्चाई से*             *तो सुकून हर पल मिलेगा।*             *अच्छाई और सच्चाई चाहे*              *पूरी दुनियाँ में ढूँढ लो,*              *अगर खुद में नहीं है तो*               *कहीं नहीं मिलेगा..!* 🍀🌾🍀🌾🍀🌾🍀🌾 💐🍁💐🍁💐🍁💐🍁  🌻🥀🌻🥀🌻🥀🌻🥀 *यदि कोई व्यक्ति लोगों से कम बात करता है,*  *तो उसे घमंडी, मतलबी और बेकार ना समझे,*  *हर महान व्यक्ति दूसरों से ज्यादा* *खुद के साथ बिताना ज्यादा पसंद करते हैं।* *जो जगा हुआ है उसके लिए रात लंबी है,* *जो थका हुआ है उसके लिए यात्रा लंबी है,* *जो व्यक्ति सच्चा धर्म नही जानता*,  *उसके लिए ये जिंदगी लंबी है।*          *🙏अपने स...

सुजलां सुफलां पर्यावरण

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स्कंद पुराण में एक सुंदर श्लोक है। अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम् न्यग्रोधमेकम् दश चिञ्चिणीकान्। कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।। अश्वत्थः = पीपल (100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) पिचुमन्दः = नीम (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) न्यग्रोधः = वटवृक्ष (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) चिञ्चिणी = इमली (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) कपित्थः = कविट (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) बिल्वः = बेल (85% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) आमलकः = आवला (74% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) आम्रः = आम (70% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) (उप्ति = पौधा लगाना) अर्थात् - जो कोई इन वृक्षों के पौधो का रोपण करेगा, उनकी देखभाल करेगा उसे नरक के दर्शन नही करने पड़ेंगे। इस सीख का अनुसरण न करने के कारण हमें आज इस परिस्थिति के स्वरूप में नरक के दर्शन हो रहे हैं। अभी भी कुछ बिगड़ा नही है, हम अभी भी अपनी गलती सुधार सकते हैं। औऱ गुलमोहर , निलगिरी - जैसे वृक्ष अपने देश के पर्यावरण के लिए घातक हैं। पश्चिमी देशों का अंधानुकरण कर हमने अपना बड़ा नुकसान कर लिया है। पीपल, बरगद और नीम जैसे वृक्ष रोपना...

जयतु संस्कृतम् , जयतु भारतम् ...*

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🤔 * क्या आप जानते हैं*❓ ........  .. ............... *AM और PM संस्कृत के शब्द हैं !* हम सभी को पढ़ाया गया कि - AM : एंटी मेरिडियन, PM : पोस्ट मेरिडियन एंटी यानी पहले, लेकिन किसके ?  और पोस्ट यानि बाद में, लेकिन फिर वही सवाल, किसके ? ये कभी साफ नही किया गया, क्योंकि ये चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था ! हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा में स्पष्ट हो जाता है, देखें... *AM : आरोहणम् मार्तण्डस्य* *PM : पतनम् मार्तण्डस्य* सूर्य जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसीको गौण कर दिया, कैसे गौण किया ये सोचनीय है और बेतुका भी। भ्रम इसलिये पैदा होता है कि अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस 'मतलब' को नही इंगित करते जो कि वास्तविक में है ! *आरोहणम्  मार्तन्डस्य्*  यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव) और  *पतनम्  मार्तन्डस्य्* यानि सूर्य का ढलाव दिन के बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है आरोहणम् मार्तण्डस्य (AM), बारह के बाद सूर्य का अवसान, पतन होता है 'पतनम् मार्तण्डस्य' (PM) अब तो सबकुछ साफ साफ है ! *जयतु संस्कृतम् , जयतु भारतम् ...* *स्वदेशी भाषा अभियान...*🚩

गोपालदास नीरज सक्सेना

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इस शुक्रवार एक और गाने की बात : ''कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे!" फिल्मी गाने की एक लाइन में जीवन का दर्शन ( 9 ). आर चंद्रा द्वारा निर्देशित  'नई उमर की नई फसल' संगीतमय, पारिवारिक ड्रामा फिल्म थी, जो 1 जनवरी 1966 को रिलीज़ हुई थी। रोशन के संगीत से रची इस फिल्म में नीरज के लिखे शानदार गाने थे! 'कारवाँ गुजर गया' नीरज का ऐसा कालातीत गीत है जिसके बोल मुहावरा बन चुके हैं। यहाँ तक कि कई अख़बारों में इस बोल के कॉलम छपा करते थे। जैसे गुजरता कारवां !  इस गाने  की हर लाइन अपने आप में परिपूर्ण और गहनतम अर्थ लिये थी। यह गीत पहले ही कवि सम्मेलन के मंचों पर बेहद लोकप्रिय हो चुका था, फ़िल्म में बाद में लिया गया। आज भी यह गाना 'ब्लैक एंड व्हाइट' के दौर की फिल्मों के गीतों की महत्ता को जीवंत बनाता लगता है।  फिल्म की कहानी नायक के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। गांव से आने वाला एक होनहार नौजवान कॉलेज में दाखिला लेता है और दोस्तों की बुरी संगति में पड़ जाता है। राजनीति में आ जाता है और विधायक का चुनाव एक वोट से हार जाता है क्योंकि उसकी प्रेमिका भी  खिलाफ हो ...

अनमोल वचन

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न्यायधीश का अनोखा दंड 🙏🙏 अमेरिका में एक पंद्रह साल का लड़का था, स्टोर से चोरी करता हुआ पकड़ा गया। पकड़े जाने पर गार्ड की गिरफ्त से भागने की कोशिश में स्टोर का एक शेल्फ भी टूट गया।  जज ने जुर्म सुना और लड़के से पूछा, "क्या तुमने सचमुच चुराया था ब्रैड और पनीर का पैकेट"? लड़के ने नीचे नज़रें कर के जवाब दिया- जी हाँ। जज :- क्यों ? लड़का :- मुझे ज़रूरत थी। जज :-  खरीद लेते। लड़का :- पैसे नहीं थे। जज:- घर वालों से ले लेते। लड़का:- घर में सिर्फ मां है। बीमार और बेरोज़गार है, ब्रैड और पनीर भी उसी के लिए चुराई थी। जज:- तुम कुछ काम नहीं करते ? लड़का:- करता था एक कार वाश में। मां की देखभाल के लिए एक दिन की छुट्टी की थी, तो मुझे निकाल दिया गया। जज:- तुम किसी से मदद मांग लेते? लड़का:- सुबह से घर से निकला था, लगभग पचास लोगों के पास गया, बिल्कुल आख़िर में ये क़दम उठाया। जिरह ख़त्म हुई, जज ने फैसला सुनाना शुरू किया, चोरी और विशेषतौर से ब्रैड की चोरी बहुत ही शर्मनाक अपराध है और इस अपराध के हम सब ज़िम्मेदार हैं। "अदालत में मौजूद हर शख़्स.. मुझ सहित सभी अपराधी हैं, इसलिए यहाँ...

श्रेष्ठ सनातन🙏

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🚩🚩 अपने परिवार एवं बच्चों को  अवश्य ये जानकारी दें.... प्रश्न.1.श्री कृष्ण के धनुष का क्या नाम था? उत्तर - शारंग प्रश्न.2. अर्जुन के धनुष का क्या नाम है? उत्तर- गांडीव प्रश्न.3. शिव के धनुष का क्या नाम था? उत्तर- पिनाक प्रश्न.4. राम का नामकरण किस ऋषि ने किया था? उत्तर- वशिष्ठ प्रश्न.5. कृष्ण के कुलगुरु कौन थे? उत्तर- गर्गाचार्य प्रश्न.6. कृष्ण के शिक्षा गुरु कौन थे? उत्तर- महार्षि सांदीपनि प्रश्न.7. संजय को दिव्य दृष्टि किसने प्रदान की थी? उत्तर- वेदव्यास प्रश्न.8. शिखण्डी राजा किसके पुत्र थे? उत्तर - द्रुपद प्रश्न.9.अर्जुन को गांडीव किसने दिया था? उत्तर - वरुण प्रश्न.10. अहिल्या किसकी पत्नी थी? उत्तर- महार्षि गौतम ऋषि प्रश्न.11. वेदव्यास के पिता का क्या नाम था ? उत्तर- पाराशर प्रश्न.12. पांडवों के राज पुरोहित कौन थे?  उत्तर- धौम्य प्रश्न.13. गुडाकेश किसका नाम था? उत्तर- अर्जुन प्रश्न.14. महाभारत में ऋषि किंडम ने किसे श्राप दिया था? उत्तर- पाण्डु प्रश्न.15. महाभारत में गृहस्थ आश्रम का वर्णन किसने  किससे किया था? उत्तर - शिव ने पार्वती से। प्रश्न.16.महाभारत म...

खुशी की तस्वीर*

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* खुशी की तस्वीर*  महान तुर्की कवि नाजिम हिकमत ने एक बार अपने मित्र आबिदीन दीनो, जो एक प्रसिद्ध तुर्की कलाकार और चित्रकार थे, से इज़हार किया कि वे *खुशी की एक तस्वीर* बनायें!   _उन्होंने एक पूरे परिवार की तस्वीर बनाई, जो एक टूटे हुए बिस्तर पर, एक टपकती छत के नीचे, एक जर्जर कमरे में लेटा हुआ है, लेकिन फिर भी प्रत्येक सदस्य के चेहरे पर एक विलक्षण मुस्कान है !!_  कहना न होगा कि यह पेंटिंग पूरी दुनिया में बहुत प्रसिद्ध हुई। एक चीनी कहावत है: _"अगर आपको एक घंटे की खुशी चाहिए तो कुछ देर झपकी ले लें। अगर आपको एक दिन की खुशी चाहिए तो कहीं मछली पकड़ने के लिए चले जाएं। अगर आपको सालभर की खुशी चाहिए तो संपत्ति के वारिस बन जाएं और अगर आप जीवन भर के लिए खुशी चाहते हैं, तो दूसरों की मदद करें।"_  *जी हाँ, ख़ुशी तो वास्तव में कष्टों का अभाव नहीं बल्कि कष्टों की स्वीकृति है। कठिन परिस्थितियों में भी अपने आस-पास अच्छाई देखें... उन चीज़ों के बारे में चिंता करना बंद करें, जो हमारे नियंत्रण से परे हैं... क्योंकि खुशी हमारे भीतर है- कहीं बाहर नहीं...* वह खुशी जो तेरे अंदर है कुछ...

ईश्वर की अद्भुत रचना हैं

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👏🙏🙏 *माता पिता के प्यार की प्रतिमूर्ति और ईश्वर की अद्भुत रचना हैं -: आप* """"""""""""""""""""""""            *एक दिन राह चलता हुआ एक आदमी फूलों की एक दुकान को देखते ही अपनी गाड़ी को रोककर दुकानदार के पास गया और अपनी माँ के जन्म दिन पर गिफ्ट के साथ फूल कोरियर से भेजने के लिए फूलो के गुलदस्ते को पैक करने का आर्डर दिया । इतने में एक छोटी बच्ची वहा आयी और उस आदमी से बोली “अंकल मै अपनी माँ के लिए लाल गुलाब खरीदना चाहती हूं लेकिन मेरे पास 2 रूपये कम पड़ रहे है इसलिए अगर मेरी 2 रूपये की मदद कर दे तो मै इन फूलो को खरीद सकती हूं। यह सुनकर वह व्यक्ति मुस्कुराया और बोला ठीक है तुम खरीद लो 2 रूपये मै दे देता हूं। फिर जैसे ही वह व्यक्ति फूलो का आर्डर देने के पश्चात वहा से जाने लगा  तो लड़की बोली आप आगे जा रहे है तो मुझे भी अपने गाड़ी से आगे रास्ते में छोड़ देना । उस व्यक्ति ने उस लड़की को अपनी गाड़ी में बिठा लिया और कुछ देर चलने के बाद वह लड़की एक कब्रिस्तान के पास रुकने क...

घरेलु उपाय

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*🌹 निरोगी काया के लिए घरेलु उपाय🌹* *🌹आंवला* किसी भी रूप में थोड़ा सा आंवला हर रोज़ खाते रहे, जीवन भर उच्च रक्तचाप और हार्ट फेल नहीं होगा। 🌹 *मेथी* मेथीदाना पीसकर रख ले। एक चम्मच एक गिलास पानी में उबाल कर नित्य पिए। मीठा, नमक कुछ भी नहीं डाले। इस से आंव नहीं बनेगी, शुगर कंट्रोल रहेगी और जोड़ो के दर्द नहीं होंगे और पेट ठीक रहेगा 🌹 *नेत्र स्नान* मुंह में पानी का कुल्ला भर कर नेत्र धोये। ऐसा दिन में तीन बार करे। जब भी पानी के पास जाए मुंह में पानी का कुल्ला भर ले और नेत्रों पर पानी के छींटे मारे, धोये। मुंह का पानी एक मिनट बाद निकाल कर पुन: कुल्ला भर ले। मुंह का पानी गर्म ना हो इसलिए बार बार कुल्ला नया भरते रहे। भोजन करने के बाद गीले हाथ तौलिये से नहीं पोंछे। आपस में दोनों हाथो को रगड़ कर चेहरा व कानो तक मले। इससे आरोग्य शक्ति बढ़ती हैं। नेत्र ज्योति ठीक रहती हैं। 🌹 *शौच* ऐसी आदत डाले के नित्य शौच जाते समय दाँतो को आपस में भींच कर रखे। इस से दांत मज़बूत रहेंगे, तथा लकवा नहीं होगा। 🌹 *छाछ* तेज और ओज बढ़ने के लिए छाछ का निरंतर सेवन बहुत हितकर हैं। सुबह और दोपहर के भोजन में नित्य ...

Just leave it

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* Just leave it...* ------------------------- It's a wonderful sentence. Just realised the power of applying it. If we know the value of it, we won’t be suffering as much as we do in our lives. Where can we apply it?😉 Read the quotes below and enjoy. Principle of  *JUST LEAVE IT*  ( Worth Practicing) ...... Good morning and enjoying evening with very happy weekend ahead. - Try convincing a person once or twice. If he or she refuses to get convinced,  *Just Leave it*! - When the children grow up and take their own decisions, do not impose ,  *Just Leave it*! - Your frequency doesn't match with everyone in life. If you can't connect with someone.  *Just Leave it*! - After a certain age, if someone criticises you, don't get upset,  *Just Leave it* ! - When you realise that nothing is in your hands, stop worrying about others and the future.  *Just Leave it*! - When the gap between your wish list and your capabilities increases, stop self expe...

जय वनस्पति*

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पेड़ो के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी* . ♡. पेड़ धरती पर सबसे पुरानें living organism हैं, और ये कभी भी ज्यादा उम्र की वजह से नही मरते. . ♡. हर साल 5 अऱब पेड़ लगाए जा रहे है लेकिन हर साल 10 अऱब पेड़ काटे भी जा रहे हैं. . ♡. एक पेड़  दिन में इतनी ऑक्सीजन देता है कि 4 आदमी जिंदा रह सकें. . ♡.देशों की बात करें, तो दुनिया में सबसे ज्यादा पेड़ रूस में है उसके बाद कनाडा में उसके बाद ब्राज़ील में फिर अमेरिका में और उसके बाद भारत में केवल 35 अऱब पेड़ बचे हैं. . ♡.दुनिया की बात करें, तो 1 इंसान के लिए 422 पेड़ बचे है. लेकिन अगर भारत की बात करें,तो 1 हिंदुस्तानी के लिए सिर्फ 28 पेड़ बचे हैं. . ♡. पेड़ो की कतार धूल-मिट्टी के स्तर को 75% तक कम कर देती है. और 50% तक शोर को कम करती हैं. . ♡. एक पेड़ इतनी ठंड पैदा करता है जितनी 1 A.C 10 कमरों में 20 घंटो तक चलने पर करता है. जो इलाका पेड़ो से घिरा होता है वह दूसरे इलाकों की तुलना में 9 डिग्री ठंडा रहता हैं. . ♡. पेड़ अपनी 10% खुराक मिट्टी से और 90% खुराक हवा से लेते है. एक पेड़ में एक साल में2,000 लीटरपानीधरती से चूस लेता हैं. . ♡. एक एकड़ में...

सफलता- असफलता*

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🌹🚩* सफलता- असफलता*     *किसी व्यक्ति की सफलता का आंकलन उसकी गिर कर उठने की क्षमता से ही किया जाता है। सही अर्थों में सफलता इस बात से नहीं मापी जाती कि हमने जिंदगी में कितनी ऊँचाई प्राप्त की है, अपितु इस बात से मापी जाती है कि हम जिंदगी के रास्तों में कितनी बार गिर कर खड़े हुए हैं।*              *सफल जीवन और असफल जीवन में बल और बुद्धि का अंतर नहीं होता। बल और बुद्धि तो असफल लोगों में भी बहुतायत में मिल जाती है मगर उनमें अगर किसी बात का मुख्य अंतर है तो वो है, दृढ़ इच्छा शक्ति।*       *जीवन में सफलता पाने का एक अचूक मंत्र यह भी है कि हम बस उन सीखों पर चलते रहें जो सीख हम अक्सर दूसरे लोगों को दिया करते हैं। जिस दिन आदमी अपने द्वारा दूसरों को दी जाने वाली सीखों पर चलना सीख जायेगा, उसी दिन उसकी सफलता भी सुनिश्चित हो जायेगी।* *सत्य व्यक्ति को कभी कमजोर नहीं होने देता है ज्ञान कभी भी दुखी और भयभीत नहीं होने देता है प्रेम किसी से विश्वासघात और घृणा नहीं करने देता है* *जहाँ विश्वास हैं,वहीं प्रभु का वास है* *हम बदलें तो दुन...

Saahir Ludhianvi || __ 94th Birthday __

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There was a romantic poet : अभी ना जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नहीं  🔸 There was a philosophical poet : मै पल दो पल का शायर हूँ  🔹 There was a regretful poet: कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है  🔸 There was a poet who was a committed lover:  मेरे दिल में आज क्या है तू कहें तों मैं बता दूँ  🔹 There was a poet content with his life: मांग के साथ तुम्हारा  🔸 There was a poet who compromised his love for his lover : चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों 🔹 There was a downcast poet : जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला  🔸 There was a carefree poet : मैं जिंदगी का साथ निभाता चला 🔹 There was a non-materialistic poet : ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है  🔸 There was a patriotic poet : ये देश है वीर जवानों का 🔹 There was revolutionary poet : जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ है  🔸 There was pessimistic poet : तंग आ चुके है कशमकश-ए-जिंदगी से हम  🔹 There was a peace-loving humanitarian poet : अल्ला तेरो नाम ईश्वर तेरो...

Pray🙏

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Prayer is not asking! It is a longing of the soul. It is a daily admission of one's weaknesses. We should realise that people are like Books, some deceive us with their front cover & others, surprise us with their Contents. However prayer gives us a mindset that gives us the ability to discern between the two.             Silence is the strong fence around wisdom.If your foot slips you can regain your balance, but if your tongue slips, you can never rebuild your image again so be honest. It may not get you many friends, but it will always get you the right ones! Understand that If you feel the Pain yourself, you are ALIVE. But If you feel the pain of Others,YOU ARE A HUMAN BEING! 🌹😊🪷

*सरदार बलदेव सिंह जी

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🙏🙏🙏🙏🙏  🌹🌹  🙏🙏🙏🙏🙏               *सरदार बलदेव सिंह  (पुण्यतिथी)*               *(११.०७.१९०२ - २९.०६.१९६१)* *सरदार बलदेव सिंह का जन्म 11 जुलाई, 1902 को जाट-सिख परिवार में हुआ था। बलदेव सिंह ने अपनी शिक्षा अम्बाला में पूरी करके अमृतसर में अपने पिताजी के साथ उनके काम में हाथ बंटाना शुरू किया।* *1930 में सरदार बलदेव सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया। उनके पिता इंदर सिंह उस समय देश में स्टील किंग के तौर पर जाने जाते थे और उनका रुतबा अमीर पंजाबियों में शुमार था। उनके जमशेदपुर (अब झारखंड) और पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) में बलदेव सिंह भारत की राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे और लंदन सम्मेलन सहित अंग्रेजों के साथ सभी महत्वपूर्ण वार्ता में उन्होंने सिखों का प्रतिनिधित्व किया। वह जून 1942 से सितंबर 1946 तक आजादी से पहले संयुक्त पंजाब सरकार में विकास मंत्री थे।* *देश के रक्षामंत्री के रूप में उन्होंने देश के विभाजन के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं भारत और पाकिस्...

अलेक्जेंडर फ्लेमिंग

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अच्छाई पलट-पलट कर आती रहती है... ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में फ्लेमिंग नाम का एक गरीब किसान था। एक दिन वह अपने खेत पर काम कर रहा था। अचानक पास में से किसी के चीखने की आवाज सुनाई पड़ी । किसान ने अपना साजो सामान व औजार फेंका और तेजी से आवाज की तरफ लपका। आवाज की दिशा में जाने पर उसने देखा कि एक बच्चा दलदल में डूब रहा था । वह बालक कमर तक कीचड़ में फंसा हुआ बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहा था। वह डर के मारे बुरी तरह कांप पर रहा था और चिल्ला रहा था। किसान ने आनन-फानन में लंबी टहनी ढूंढी। अपनी जान पर खेलकर उस टहनी के सहारे बच्चे को बाहर निकाला।अगले दिन उस किसान की छोटी सी झोपड़ी के सामने एक शानदार गाड़ी आकर खड़ी हुई।उसमें से कीमती वस्त्र पहने हुए एक सज्जन उतरे उन्होंने किसान को अपना परिचय देते हुए कहा- " मैं उस बालक का पिता हूं और मेरा नाम राँडॉल्फ चर्चिल है।" फिर उस अमीर राँडाल्फ चर्चिल ने कहा कि वह इस एहसान का बदला चुकाने आए हैं । फ्लेमिंग नामक उस किसान ने उन सज्जन के ऑफर को ठुकरा दिया । उसने कहा, "मैंने जो कुछ किया उसके बदले में कोई पैसा नहीं लूंगा। किसी को बचाना मेर...

मां और बेटे की बातचीत

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*एक माँ अपने पूजा-पाठ से फुर्सत पाकर अपने विदेश में रहने वाले बेटे से विडियो चैट करते वक्त पूछ बैठी* "बेटा! कुछ पूजा-पाठ भी करते हो या नहीं?" बेटा बोला- *"माँ, मैं एक जीव वैज्ञानिक हूँ। मैं अमेरिका में मानव के विकास पर काम कर रहा हूँ।*  विकास का सिद्धांत, चार्ल्स डार्विन.. क्या आपने उसके बारे में सुना भी है?" उसकी माँ मुस्कुरा कर बोली- "मैं डार्विन के बारे में जानती हूँ बेटा.. उसने जो भी खोज की, वह वास्तव में सनातन-धर्म के लिए बहुत पुरानी खबर है।" “हो सकता है माँ!” बेटे ने भी व्यंग्यपूर्वक कहा। “यदि तुम कुछ होशियार हो, तो इसे सुनो..” उसकी माँ ने प्रतिकार किया। “क्या तुमने दशावतार के बारे में सुना है? विष्णु के दस अवतार?” बेटे ने सहमति में कहा- "हाँ! पर दशावतार का मेरी रिसर्च से क्या लेना-देना?" माँ फिर बोली- "लेना-देना है.. मैं तुम्हें बताती हूँ कि तुम और मि. डार्विन क्या नहीं जानते हैं?" . “पहला अवतार था 'मत्स्य', यानि मछली। ऐसा इसलिए कि जीवन पानी में आरम्भ हुआ। यह बात सही है या नहीं?” बेटा अब ध्यानपूर्वक सुनने लगा....

🙏🏻 कलयुग के लक्षण 🙏🏻

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🙏🏻 कलयुग के लक्षण 🙏🏻 01. कुटुम्ब कम हुआ .  02 सम्बंध कम हुए   03. नींद कम हुई.  04. बाल कम हुए   05. प्रेम कम हुआ   06. कपड़े कम हुए  07. शर्म कम हुई•  08  लाज-लज्जा कम हुई  09 मर्यादा कम हुई  10. बच्चे कम हुए  11. घर में खाना कम हुआ  12. पुस्तक वाचन कम हुआ  13. भाई-भाई प्रेम कम हुआ  15. चलना कम हुआ  16. खुराक कम हुआ  17. घी-मक्खन कम हुआ  18. तांबे - पीतल के बर्तन कम हुए  19. सुख-चैन कम हुआ  20. मेहमान कम हुए  21. सत्य कम हुआ  22. सभ्यता कम हुई  23. मन-मिलाप कम हुआ  24. समर्पण कम हुआ...😔*संतान को दोष न दें...* *बालक या बालिका को 'इंग्लिश मीडियम'* में पढ़ाया... *'अंग्रेजी'* बोलना सिखाया...  *'बर्थ डे'* और *'मैरिज एनिवर्सरी'* जैसे जीवन के *'शुभ प्रसंगों'* को *'अंग्रेजी कल्चर'* के अनुसार जीने को ही *'श्रेष्ठ'* मानकर... माता-पिता को *'मम्मा'* और *'डैड'* कहना सिखाया... जब *'अंग्रेजी कल्चर'* से परिपूर्ण बालक या बालिका बड़ा होकर, आपको *'समय'* न...

अज्ञानता क्या है, ।।।

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अज्ञानता क्या है, ।।। हमारे पास बहुत कुछ हो और हम उसे देख नही पा रहे सब से बड़ी अज्ञानता यही है,  हमारे देश में बहुत सुंदर अद्भुत लाजवाब मंदिरों का निर्माण हुआ है, और वो आज भी विद्यमान है,लेकिन हम उन अद्भुत कला संगम के मंदिरों में से बहुतको नही जानते।  आज ताजमहल सब को याद है, लेकिन बृहद मंदिर कोई नहीं जानता, लाल किला सब को मालूम है लेकिन कर्नाटक के शिव मंदिर किसी को नहीं मालूम।। बड़ी बड़ी शिक्षाएं प्राप्त कर ली, अच्छे अच्छे स्मारक याद कर लिए, विदेश में बने आर्टिक्टेक्ट की प्रशंसा कर ली, लेकिन हमारे देश में अद्भुत लाजवाब कृति बनी हुई है उनका कोई ज्ञान हमे नही है।। विदेशों की धरती पर घूमने जाने का शौख रखते है, लेकिन हमारे देश में अद्भुत अनछुए स्थान देखने की फुरसत नहीं है, मां क्या भोजन बनाती थी वो भूल गए, पिज्जा बर्गर खूब याद है।। आधुनिक युग में ज्ञान होने के बाबजूद हम हमारे बच्चे अज्ञानी है, वो कला कृति को नही देख पा रहे, भूतकी गुफा देख रहे है, दाल बाटी क्या है नही मालूम, लेकिन पास्ता क्या है ये सब को मालूम।। दुनिया को जानो कोई बात नहीं, पहले देश को पहचानो, देश की ध...

Due Empty

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* Die empty* One of the most beautiful  book to read is "Die Empty" by Todd Henry. The author was inspired and got this idea of writing ​​this book while attending a business meeting.  When the director asked the audience: "Where is the richest land in the world?" One of the audience answered: "Oil-rich Gulf states."  Another added: "Diamond mines in Africa." Then the director said: "No it is the cemetery. Yes, it is the richest land in the world, because millions of people have departed, "they have died" and they carried many valuable ideas that did not come to light and benefited others. It is all in the cemetery where they are buried." Inspired by this answer, Todd Henry wrote his book "Die empty." Where he did his best to motivate people to pour out their ideas and potential energies in their communities and turn them into something useful before it is too late. The most beautiful of what he said in h...

विनम्रता की जीत*

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* आज की अमृत कथा*          *विनम्रता की जीत* सुबह मेघनाथ से लक्ष्मण का अंतिम युद्ध होने वाला था।वह मेघनाथ,जो अब तक अविजित था,जिसकी भुजाओं के बल पर रावण युद्ध कर रहा था।अप्रतीम योद्धा!जिसमें सभी दिव्यास्त्रों को उपयोग करने की शक्ति थी। सुबह जब लक्ष्मण भगवान राम से आशीर्वाद लेने गए,उस समय भगवान राम पूजा कर रहे थे।  पूजा समाप्ति के पश्चात प्रभु श्री राम ने हनुमानजी से पूछा:- "अभी कितना समय है युद्ध होने में?" हनुमानजी ने कहा:- "प्रभु, अभी कुछ समय है!यह तो प्रातःकाल है...।"  भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा:- "यह पात्र लो और भिक्षा माँगकर लाओ,जो पहला व्यक्ति मिले उसी से कुछ अन्न माँग लेना...!" सभी बड़े आश्चर्य में पड़ गए। आशीर्वाद की जगह भिक्षा? लेकिन लक्ष्मण को तो जाना ही था,क्योंकि यह उनके बड़े भाई की आज्ञा थी। लक्ष्मण जब भिक्षा माँगने के लिए निकले,तो उन्हें सबसे पहले रावण का एक सैनिक मिल गया। आज्ञानुसार माँगना ही था।यदि भगवान की आज्ञा न होती,तो लक्ष्मण उस सैनिक को वहीं मार देते,परंतु वे उससे भिक्षा माँगते हैं। सैनिक ने अपनी रसद से लक्ष्मण को कुछ अन...

गुरु की आवश्यकता*

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* गुरु की आवश्यकता* मेरे पास लोग आ जाते हैं। वे कहते हैं आपसे एक सलाह लेनी है। अगर गुरु न बनाएं, तो हम पहुंच सकेंगे कि नहीं? मैंने कहा कि तुम इतनी ही बात खुद नहीं सोच सकते, इसके लिए भी तुम मेरे पास आए! तुमने गुरु तो बना ही लिया! गुरु का मतलब क्या होता है? किसी और से पूछने गए; यह भी तुम खुद न खोज पाए! मुझसे लोग आकर पूछते हैं कि आपका गुरु कौन था न: हमने तो सुना कि आपका गुरु नहीं था! जब आपने बिना गुरु के पा लिया, तो हम क्यों न पा लेंगे? मैं उनसे कहता हूं. मैं कभी किसी से यह भी पूछने नहीं गया कि बिना गुरु के मिलेगा कि नहीं! तुम जब इतनी छोटी सी बात भी खुद निर्णय नहीं कर पाते हो, तो उस विराट सत्य के निर्णय में तुम कैसे सफल हो पाओगे? तो एक अर्थ में गुरु की जरूरत है। और एक अर्थ में जरूरत नहीं है। अगर तुम्हारी अभीप्सा प्रगाढ़ हो, तो कोई जरूरत नहीं है। लेकिन जरूरत या गैर—जरूरत, इसकी समस्या क्यों बनाते हो? जितना मिल सके किसी से ले लो। मगर इतना ध्यान रखो कि दूसरे से लिए हुए पर थोड़े दिन काम चल जाएगा। अंततः तो अपनी समृद्धि खुद ही खोजनी चाहिए। किसी के कंधे पर सवार होकर थोड़ी देर चल लो, अंतत...

प्रतियोगिता........*

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* आज की अमृत कथा* *प्रतियोगिता........* 👌👌👌✍️👌👌👌 आज सुबह मॉर्निंग वॉक पर,एक व्यक्ति को मुझ से  आगे देखा।मुझ से आधा "किलोमीटर" आगे था।अंदाज़ा लगाया कि, मुझ से थोड़ा "धीरे" ही भाग रहा था। एक अजीब सी "खुशी" मिली। मैं पकड़ लूंगा उसे और यकीन था।  मैं तेज़ और तेज़ चलने लगा,आगे बढ़ते हर कदम के साथ,मैं उसके "करीब" पहुंच रहा था। कुछ ही पलों में मैं उससे बस सौ क़दम पीछे था।निर्णय ले लिया था कि, मुझे उसे "पीछे" छोड़ना है। थोड़ी "गति" बढ़ाई। अंततः कर मैंने पीछे दिया। उसके पास पहुंच,उससे "आगे" निकल गया।"आंतरिक हर्ष" की "अनुभूति" कि मैंने उसे "हरा" दिया। बेशक उसे नहीं पता था,कि हम "दौड़" लगा रहे थे।मैं जब उससे "आगे" निकल गया अनुभव हुआ कि दिलो-दिमाग "प्रतिस्पर्धा"पर, इस हद तक केंद्रित था कि - *घर का मोड़" छूट गया,* *मन का "सकून" खो गया,* *आस-पास की "खूबसूरती और हरियाली" नहीं देख पाया,उनका आनंद नहीं ले पाया।अच्छा मौसम की "खुशी...

पता नहीं क्यों⁉️

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*पता नहीं क्यों⁉️* *➖ खाने को सादा दाल रोटी होती थी, लेकिन फिर भी किसी को खून की कमी नहीं होती थी (पता नहीं क्यों ?)* *➖ स्कूल में अध्यापक खूब कान खींचते थे, डंडों से पिटाई होती थी, लेकिन कोई बच्चा स्कूल में डिप्रेशन के कारण आत्महत्या नहीं करता था (पता नहीं क्यों ?)* *➖ बचपन में महँगे खिलौने नहीं मिलते थे, लेकिन हर खेल बहुत आनंदित करता था (पता नहीं क्यों) ?* *➖ घर कच्चे होते थे, कमरे कम होते थे, लेकिन माता-पिता कभी वृद्धाश्रम नहीं जाते थे।* *(पता नहीं क्यों) ?* *➖ घर में गाय की, कुत्ते की, अतिथि की रोटियां बनतीं थी, फिर भी घर का बजट संतुलित रहता था, आज सिर्फ़ अपने परिवार की रोटी महंगी हो गई है।* *(पता नहीं क्यों) ?* *➖ महिलाओं के लिए कोई जिम या कसरत के विशेष  साधन नहीं थे, फिर भी महिलाएं संपूर्ण रूप से स्वस्थ्य रहती थी (पता नहीं क्यों) ?* *➖ भाई-भाई में, *भाई-बहनों में अनेक बार खूब झगड़ा होता था, आपस में कुटाई तक होती थी, परंतु आपस में मनमुटाव कभी नहीं होता था (पता नहीं क्यों) ?* *➖ परिवार बहुत बडे होते थे, पडोसियों के बच्चे भी दिनभर खेलते थे, फिर भी घरों में ही शादियां ह...

Happy CA Day !Happy Doctor:s day!!

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A Doctor was chatting with a Chartered Accountant (CA) at a party. The Doctor asked... How do I manage this delicate issue when people even at a party like this, ask me about their joint pains and heartburn and gas trouble. Just because I am a doctor, it is not fair, not fair at all. His CA friend replied coolly... Just tell them the right things politely but send them a bill from your clinic the next morning. Do it just once. Word will soon get around and it will stop immediately. Wow! Thanks for the tip... ...said the doctor. The next morning the doctor got a bill from his CA friend... ...Consulting charges for Business Development. Happy CA Day ! Happy Doctor:s day!!