अज्ञानता क्या है, ।।।
हमारे पास बहुत कुछ हो और हम उसे देख नही पा रहे सब से बड़ी अज्ञानता यही है, हमारे देश में बहुत सुंदर अद्भुत लाजवाब मंदिरों का निर्माण हुआ है, और वो आज भी विद्यमान है,लेकिन हम उन अद्भुत कला संगम के मंदिरों में से बहुतको नही जानते।
आज ताजमहल सब को याद है, लेकिन बृहद मंदिर कोई नहीं जानता, लाल किला सब को मालूम है लेकिन कर्नाटक के शिव मंदिर किसी को नहीं मालूम।।
बड़ी बड़ी शिक्षाएं प्राप्त कर ली, अच्छे अच्छे स्मारक याद कर लिए, विदेश में बने आर्टिक्टेक्ट की प्रशंसा कर ली, लेकिन हमारे देश में अद्भुत लाजवाब कृति बनी हुई है उनका कोई ज्ञान हमे नही है।।
विदेशों की धरती पर घूमने जाने का शौख रखते है, लेकिन हमारे देश में अद्भुत अनछुए स्थान देखने की फुरसत नहीं है, मां क्या भोजन बनाती थी वो भूल गए, पिज्जा बर्गर खूब याद है।।
आधुनिक युग में ज्ञान होने के बाबजूद हम हमारे बच्चे अज्ञानी है, वो कला कृति को नही देख पा रहे, भूतकी गुफा देख रहे है, दाल बाटी क्या है नही मालूम, लेकिन पास्ता क्या है ये सब को मालूम।।
दुनिया को जानो कोई बात नहीं, पहले देश को पहचानो, देश की धरोहर को संभालो, देश की मिट्टी का स्वाद जानो, अपने मां के भोजन का स्वाद याद रखो।। तभी ज्ञान है, अपने देश को पहचानना ही ज्ञान है।।
श्री स्वामी विवेकानंद जयंती पर विशेष।।
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