आपका दिन शुभ हो* 🌹
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃 🌹 *आपका दिन शुभ हो* 🌹 जिस दिन माँझी आयेगा ले चलने को उस पार सखी! यह मोहक जीवन देना होगा उसको उपहार सखी! जीवन के छोटे समुद्र में बसी प्रलय की ज्वाला, अमिय यहीं और यहीं वह प्राण-घातिनी हाला। इस चाँदनी बाद आयेगा यहाँ विकट अँधियाला, यही बहुत है, छलक न पाया जो अब तक यह प्याला। हरा-भरा रह सका यहाँ पर नहीं किसी का बाग सखी! यहाँ सदा जलती रहती है सर्वनाश की आग सखी! *__ रामधारी सिंह "दिनकर"* 🌹 *सुप्रभात 🙏 प्रातः वंदन* 🌹 🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃