जय सनातन🙏
होइहि सोई जो राम रचि राखा,, ईश्वर ने जो विधि का विधान बनाया है वैसा ही होगा। हम कर्म करते जाते हैं और विधि, उसका प्रारब्ध रचती जाती है ।
एक किस्सा है -
1994 की बात है अरविंद त्रिवेदी जी (रावण का अभिनय करने वाले) अयोध्या हनुमान गढ़ी पर संकट मोचन श्री हनुमान जी महाराज के दर्शन करने आए थे. उस समय रेवती बाबा प्रमुख पुजारी थे. वे अड़ गये, अडिग हो गये कि मै इनको किसी भी कीमत पर दर्शन नही करने दूँगा क्योंकि ये हनुमान जी को बार बार मरकट और श्री राम को वन वन भटकता वनवासी कह कर संबोधित करता रहा है।
पूरा उनके सामने अनुनय विनय करता रहा था पर पुजारी जी झुके नहीं, त्रिवेदी जी को निराश वापस जाना पड़ा. उधर रावण का अभिनय करने के बाद त्रिवेदी जी एकदम शून्य शिथिल रहने लगे थे । जबकि असली जीवन में वो स्वंय राम भक्त थे।
फिर इसके बाद त्रिवेदी जी ने अपने घर के कमरों और दीवारों पर दोहे और चौपाइयाँ लिखवाए, घर के बाहर एक बड़ा सा बोर्ड लगवाया और उस पर लिखवाया "श्री राम दरबार"।
तिस पर भी मन मे यह संताप रहने लगा कि मैंने बार बार प्रभु श्री राम को भले ही सीरियल में सही परन्तु अपमानजनक शब्द कहे हैं तो उन्होने हर साल रामायण का पाठ करवाना शुरू कर दिया इसके प्रायश्चित के लिए..!
ये हुआ था रावण का अभिनय करने पर त्रिवेदी जी के जीवन पर प्रभाव कि मात्र रावण का अभिनय करने में और प्रभु राम जी को अपशब्द कहने पर उन्हें इतने संताप झेलने पड़े तो जो आज स्वयं अपनी राजनीति या सनातन को नीचा दिखाने के लिये प्रभु राम को अपशब्द कहतें हैं या गलत चित्रण करते हैं उनका अंजाम क्या होगा ?
ऐसे लोगों के लिए विधि अपना प्रारब्ध अवश्य रचेगी,,, होईही सोई जो राम रचि राखा,,,
🌹जय राम जी,जय सनातन
वंदेमातरम् 🙏😊
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