आज का मीठा मोती
*विनय के संदर्भ में शास्त्रों में ने कहा कि, विनय संपत्ति प्रदान कर सकता है, विनय प्रीति प्रदान कर सकता है, विनय सन्मति प्रदान कर सकता है और इससे भी बढ़कर विनय मुक्ति प्रदान करने की सामर्थ्य भी रखता है।*
*मुक्ति अर्थात् क्रोध से मुक्ति, ईर्ष्या से मुक्ति, प्रतिस्पर्धा से मुक्ति, राग - द्वेष से मुक्ति और सबसे बड़ी बात वो ये कि अहंकार से भी मुक्ति। जिस मनुष्य के भीतर विनय रूपी सद्गुण विद्यमान रहेगा उसका जीवन बहुत सारे दुर्गुणों से स्वतः मुक्त हो जायेगा।*
*जीवन में सबको झुकाकर चलने वाला हार सकता है मगर सबसे झुककर चलने वाला कभी नहीं हार सकता । आँधी और तूफान भी पेड़ को तो उखाड़ कर बहा और उड़ा सकते हैं मगर एक तिनके को नहीं।*
*!!!...उपवास केवल अन्न का ही नहीं, क्रोध और कुविचारों का भी होना चाहिये-...!!!*
*दूसरों की खुशी में अपनी ख़ुशी देखना*
*एक बहुत बड़ा हुनर है*
*और जो इंसान ये हुनर सीख जाता है*
*वो कभी भी दु:खी नहीं होता*
*संसार में कोई भी इंसान*
*सख्त दिल का पैदा नहीं होता*
*बस ये ताने बाने और अंहकार*
*उसकी नरमी छीन लेते हैं*
*जो आपके मौनका अर्थ नही समझता*
*वह सम्भवतः आपके शब्दोंका*
*अर्थ भी नहीं समझेगा*
*इच्छाओं के अनुरूप जीने के*
*लिए जुनून चाहिए*
*वरना परिस्थितियां तो*
*सदा विपरीत रहती हैं*
*सुप्रभात,,,,🙏*
*जय श्री कृष्ण*🙏🙏
🙏सुप्रभात 🙏
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