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Showing posts from August, 2025

World Record of Excellence – England 🌟

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🌟 World Record of Excellence – England 🌟 The prestigious Trophy & Certificate has been awarded by Mr. Henry R., President (Europe) and Mr. Pablo Stenly, Head (England) to *Shri Jagjivanbhai Vishrambhai Jethva* *(Social Activist, Borivali East, Mumbai)* In recognition of his exceptional dedication and significant contributions, having prepared and donated 6,933 Godhris (multi-layered baby blankets made from soft cloth) from 2016 to the present. These Godhris have been selflessly contributed to the Krantijyoti Savitribai Phule Hospital, Borivali East, benefitting newborns in the maternity ward and creating a lasting impact on society through his humanitarian service. At the age of 79, when many choose rest, Shri Jagjivanbhai continues to prove that true service has no age limit. Belonging with pride to the Darji Samaj (Tailor Community), he has transformed the very skills of his community — stitching and tailoring — into a noble mission of compassion. With his own hands...

*🙏एक बेटी की अर्जी:*

*🙏 एक बेटी की अर्जी:*  *"पापा! आज आप मेरी एक बात मानेंगे...?"*   *पापा: "गुटखा छोड़ने के अलावा जो भी कहेगी, सब मानूंगा।"*   *बेटी: "मैं आपसे गुटखा छोड़ने को नहीं कहूंगी बस इतना चाहती हूं कि आप सुबह से शाम तक जितना गुटखा खाते हैं, वह सब आकर मुझे बता दिया करें।"*  *पापा: "हाँ, मैं तुझे वचन देता हूँ कि बिलकुल सच्चाई से तुझे सब कुछ बता दूँगा।"*   *फिर बेटी ने दूसरी बात रखी: "अगर मैं कुछ और मांगू तो देंगे?"*   *पापा: "हाँ बेटा! ज़रूर दूँगा,आज तेरा जन्मदिन है, जो मांगेगी, वो दूँगा।"*  *बेटी: "पर आप पलट तो नहीं जाएंगे ना...?"*   *पापा ने कहा: "तेरे सामने कभी नहीं पलटूंगा।"*   *बेटी ने मौका देखकर कहा,"जितनी बार आप दिनभर गुटखा खाएं, उतने ही थप्पड़ आपको शाम को घर आकर मेरे गाल पर जोर से मारने होंगे।"*  *बेटी की बात सुनकर पिता स्तब्ध रह गए,पिता के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई।*   *पिता बोले: "अपने जान के टुकड़े को मैं थप्पड़ मारूं...?"*   *तब बेटी ने कहा:*  *"पापा! भगवान न करे, पर अगर गुटखा खाने...

आ लौट आ मेरे पुराने दिन…

आ लौट आ मेरे पुराने दिन… हम वो आख़िरी पीढ़ी हैं जिसने सादगी, संस्कार और रिश्तों की मिठास जानी अतीत–वर्तमान–भविष्य, यह प्रश्न हमेशा दिल में उठता है – “आ लौट आ मेरे पुराने दिन?” यदि ऐसा नहीं हुआ तो सच मानिए, हम ही वह आख़िरी पीढ़ी होंगे जिसने जीवन के इतने बड़े बदलावों को अपनी आँखों से देखा और जिया है। 1960–1970 के दशक से लेकर 2025 तक का सफर तय करते हुए हम उस पड़ाव पर खड़े हैं जहाँ पीछे मुड़कर देखने पर स्मृतियों के असंख्य पन्ने खुल जाते हैं। हम महसूस करते हैं कि जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है, उतना शायद ही कोई और पीढ़ी देख पाए। * *हम वहआख़िरी पीढ़ी हैं* जिन्होंने बैलगाड़ी से सफर शुरू कर सुपरसोनिक जेट तक का अनुभव किया,  *हम वह पीढी है* जिन्होंने पोस्ट ऑफिस के बैरंग ख़त और पोस्टकार्ड से लेकर आज की लाइव चैटिंग और वर्चुअल मीटिंग तक का सफर तय किया,  *हम वह आखिरी पीढी है*  जिन्होंने मिट्टी के घरों में परियों और राजाओं की कहानियाँ सुनीं, ज़मीन पर बैठकर खाया और चाय के साथ बासी रोटी खाकर ब्रेड का स्वाद पाया।  *हम वो लोग हैं*  जिन्होंने मोहल्ले के मैदानों में गिल्ली-डंडा,...

गणेश चतुर्थी🙏

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*भगवान गणेश आपको सफलता और सौभाग्य प्रदान करें । गणेश जी का आशीर्वाद आपके जीवन में शांति, सुख और सद्भाव लेकर आए। भगवान गणेश की कृपा सदैव आपके परिवार की रक्षा करे। गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ*🌹🙏🙏 🌸✨ गणेश उत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ ✨🌸 विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी के आगमन से घर-घर में खुशियाँ, भक्ति और उल्लास का माहौल छा गया है। 🐘🙏 गणपति बप्पा हमें यह सिखाते हैं कि धैर्य, बुद्धि और भक्ति से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। आइए इस शुभ अवसर पर हम सब मिलकर प्रार्थना करें कि बप्पा सबके जीवन से विघ्न दूर करें और सुख, शांति व समृद्धि का आशीर्वाद दें। 🌿💛 ✨ गणपति बप्पा मोरया ✨ ✨ मंगलमुर्ती मोरया ✨

Monkey N Philosopher

A man was travelling in a boat with his monkey. There was also a philosopher with other passengers in that boat. The monkey had never travelled in a boat before, so it was not feeling comfortable. It was going up and down, not letting anyone sit in peace. The boatman was troubled by this and was concerned that the boat would sink due to the panic of the passengers. If the monkey doesn't calm down it will drown the boat. The man was upset about the situation, but could not find any way to calm the monkey. The philosopher watched all this and decided to help. He said: " If you allow, I can make this monkey as quiet as a house cat." The man immediately agreed.  The philosopher, with the help of two passengers, picked up the monkey and threw it into the river. The monkey started to swim desperately to stay afloat. It was now dying and struggled for its life. After some time, the philosopher dragged the monkey back into the boat. The monkey was quiet and went and sat in a corn...

गणेश चतुर्थी🙏

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*भगवान गणेश आपको सफलता और सौभाग्य प्रदान करें । गणेश जी का आशीर्वाद आपके जीवन में शांति, सुख और सद्भाव लेकर आए। भगवान गणेश की कृपा सदैव आपके परिवार की रक्षा करे। गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ*🌹🙏🙏 🌸✨ गणेश उत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ ✨🌸 विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी के आगमन से घर-घर में खुशियाँ, भक्ति और उल्लास का माहौल छा गया है। 🐘🙏 गणपति बप्पा हमें यह सिखाते हैं कि धैर्य, बुद्धि और भक्ति से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। आइए इस शुभ अवसर पर हम सब मिलकर प्रार्थना करें कि बप्पा सबके जीवन से विघ्न दूर करें और सुख, शांति व समृद्धि का आशीर्वाद दें। 🌿💛 ✨ गणपति बप्पा मोरया ✨ ✨ मंगलमुर्ती मोरया ✨

गणेशोत्सव : उपासना,🙏

गणेशोत्सव : उपासना, ज्ञान और जिम्मेदारी  इसका पालन जरूरी  *भारत में गणेशोत्सव केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं, बल्कि गौरवशाली संस्कृति, राष्ट्रवाद और एकता का प्रतीक भी है।*       लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी द्वारा 1893 में इसे सार्वजनिक रूप दिया, कारण समाज एकजुट होकर स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हो सके। उस समय गणेशोत्सव देशभक्ति के गीतों, भाषणों और विचारों का सशक्त मंच रहा करता था, इसी उत्सव ने हर भारतीय के मन में अंग्रेजों के खिलाफ एकता और संगठन की भावना जगाई। समय के बदलाव के साथ आज गणेशोत्सव की पवित्रता पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं !दुर्घटनाएँ, अव्यवस्था और विकृत परंपराएँ इसकी गरिमा को प्रभावित कर रही हैं!आखिर इसके लिए दोषी कौन? आचार्य और पंडितगण क्योंकि गणेश स्थापना से पूर्व पग पूजन जैसी परंपराएँ प्रचलित हो चुकी हैं, जिनका शास्त्रों में कोई उल्लेख नहीं है। बावजूद इसके कई पंडित इन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। क्या श्रीजी नाराज हो रहे है! मूर्तिकार ? मूर्ति निर्माण अब व्यवसाय का रूप ले चुका है। मूर्तिकार समितियों की क्षमता और संसाधनों को नज़रअंदाज कर केवल धन को मह...

ऋषि पंचमी"* की हार्दिक शुभकामनाएं ।🙏

*"ऋषि पंचमी"* की हार्दिक शुभकामनाएं । ऋषि पंचमी का त्यौहार हिन्दू पंचांग के भाद्रपद महीने में गणेश चतुर्थी के अगले दिन शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है। यह त्यौहार *"सप्त ऋषियों"* के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। उनकी पूजा अर्चना की जाती है।  सप्तर्षियों को हिन्दू धर्म में अत्यंत पूजनीय माना जाता है, उन्हें ज्ञान, तपस्या और त्याग के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। कई लोग सप्तर्षियों को अपने पूर्वज मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। सप्तर्षियों के नाम पर आकाश में एक नक्षत्र मंडल भी है, जिसे सप्तर्षि मंडल कहा जाता है। पद्मपुराण, विष्णु पुराण, मत्स्य पुराण समेत कई धर्म ग्रंथों में सप्तर्षियों का उल्लेख मिलता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सप्त ऋषियों की उत्पत्ति ब्रह्माजी के मस्तिष्क से हुई थी। माना जाता है कि शिवजी ने गुरु बनकर सप्तर्षियों को ज्ञान दिया।  सप्तर्षियों को वेदों के ज्ञान को संरक्षित करने और उसे मानव जाति तक पहुंचाने का काम सौंपा गया है. उन्होंने विभिन्न वेदों और उपनिषदों की रचना की है. उन्हें धर्म, नीति और अध्यात्म के मार्ग पर चलने वा...

पनीर*

* पनीर*   *बीमारियों का सबसे बड़ा कारण होता है।* मनुष्य स्वयं को कितना भी आधुनिक बना ले लेकिन उसे लौट के अपने पुराने ज्ञान की ओर पलटना ही पड़ता है। क्योंकि आधुनिक विज्ञान अधूरा है और प्राचीन शोध पूरी तरह जांचे-परखे और हानि रहित होते हैं। अब बात करते हैं आज के सबसे प्रसिद्ध भोजन *पनीर* की... भारतीय लोग तो पनीर के इतने दीवाने हो चुके हैं कि इन्हें पनीर जहां भी मिल जाए, बाकी सब चीज छोड़कर, सिर्फ पनीर ही मजे से ठूसने लगते हैं।  होटल में गए तो बिना पनीर खाये इनके गले से निवाला नही उतरता। कढ़ाई पनीर, शाही पनीर, मटर पनीर, चिली पनीर और भी न जाने कितने प्रकार के पनीर।  समोसे में पनीर, पकौड़ी में पनीर, पिज्जा में पनीर, बर्गर में पनीर, मतलब जहां देखो वहां पनीर। भारत में शायद जितना दूध नही पैदा होता उससे ज़्यादा पनीर बनता होगा। चिकित्सा विज्ञान में सबसे प्राचीन विधा आयुर्वेद में दूध, दही, घी का जिक्र तो हर जगह है, किन्तु इस नामुराद पनीर का जिक्र कहीं नही है। आखिर क्यों?  यदि पनीर इतना ही अच्छा है तो इसके बारे में किसी ऋषि ने कुछ क्यों नही लिखा? जब गहराई से इसकी पड़ताल की तो पता चला कि...

*!! संगती !!*

2️⃣5️⃣❗0️⃣8️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣ * ♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*               *!! संगती !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक बार एक शिकारी शिकार करने गया, शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलने के कारण। वहीं से एक अतिसुन्दर हंस उड़कर जा रहा था, उस हंस ने देखा की वह व्यक्ति बेचारा परेशान हो रहा हैं, धूप उसके मुँह पर आ रही हैं तो ठीक से सो नहीं पा रहा हैं, तो वह हंस पेड़ की डाली पर अपने पंख खोल कर बैठ गया जिससे उसकी छाँव में वह शिकारी आराम से सोयें। जब वह सो रहा था तभी एक कौआ आकर उसी डाली पर बैठा, इधर-उधर देखा और बिना कुछ सोचे-समझे शिकारी के ऊपर अपना मल विसर्जन कर वहाँ से उड़ गया। तभी शिकारी उठ गया और गुस्से से यहाँ-वहाँ देखने लगा और उसकी नज़र हंस पर पड़ी और उसने तुरंत धनुष बाण निकाला और उस हंस को मार दिया।  हंस नीचे गिरा और मरते-मरते हंस ने कहा- मैं तो आपकी सेवा कर रहा था, मैं तो आपको छाँव दे रहा था, आपने मुझे ही मार दिया? इसमें मेरा क्या दोष?  उस समय ...

श्रीगणेश चतुर्थी एवं श्रीगणेश महोत्सव 🙏

* श्रीगणेश चतुर्थी एवं श्रीगणेश महोत्सव  27 अगस्त से 06 सितंबर विशेष 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ सभी सनातन धर्मावलंबी प्रति वर्ष गणपति की स्थापना तो करते है लेकिन हममे से बहुत ही कम लोग जानते है कि आखिर हम गणपति क्यों बिठाते हैं ? आइये जानते है। हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार, महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की है। लेकिन लिखना उनके वश का नहीं था। अतः उन्होंने श्री गणेश जी की आराधना की और गणपति जी से महाभारत लिखने की प्रार्थना की। गणपती जी ने सहमति दी और दिन-रात लेखन कार्य प्रारम्भ हुआ और इस कारण गणेश जी को थकान तो होनी ही थी, लेकिन उन्हें पानी पीना भी वर्जित था। अतः गणपती जी के शरीर का तापमान बढ़े नहीं, इसलिए वेदव्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप किया और भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी की पूजा की। मिट्टी का लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर में अकड़न आ गई, इसी कारण गणेश जी का एक नाम पर्थिव गणेश भी पड़ा। महाभारत का लेखन कार्य 10 दिनों तक चला। अनंत चतुर्दशी को लेखन कार्य संपन्न हुआ। वेदव्यास ने देखा कि, गणपती का शारीरिक तापमान फिर भी बहुत बढ़ा हुआ है और उनके शरीर पर लेप की गई मिट्टी सूखक...

When the Kitchen Falls Silent…*

*🔥When the Kitchen Falls Silent…* ♍Have you ever thought that cooking is not just a household chore? It is the invisible thread that binds families together. In the 1980s, when American homes began moving away from cooking and leaned more on takeout and restaurants, a few economists issued a warning: “If the state takes care of the children and the elderly, and private companies provide the food, then the very foundation of the family will weaken.” At the time, very few paid attention, but the statistics tell the story. In 1971, 71% of American households were traditional families — husband, wife, and children living together. Today, that number has shrunk to just 20%. Where did the rest go? Nursing homes, rented apartments, fragmented lives. Now 15% of women live alone, 12% of men remain isolated within families, 41% of children are born outside of marriage, and divorce rates stand at 50% in first marriages, 67% in second, and 74% in third. This collapse is not an accident. It is the...

हरतालिका तीज (गौरी तृतीया) व्रत

हरतालिका तीज (गौरी तृतीया) व्रत  〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ हरतालिका तीज का व्रत हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा व्रत माना जाता हैं। यह तीज का त्यौहार भाद्रपद मास शुक्ल की तृतीया तिथि को मनाया जाता हैं।  यह आमतौर पर अगस्त-सितम्बर के महीने में ही आती है। इसे गौरी तृतीया व्रत भी कहते है। भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है। खासतौर पर महिलाओं द्वारा यह त्यौहार मनाया जाता हैं। कम उम्र की लड़कियों के लिए भी यह हरतालिका का व्रत श्रेष्ठ समझा गया हैं। विधि-विधान से हरितालिका तीज का व्रत करने से जहाँ कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है।   हरतालिका तीज में भगवान शिव, माता गौरी एवम गणेश जी की पूजा का महत्व हैं।  यह व्रत निराहार एवं निर्जला किया जाता हैं। शिव जैसा पति पाने के लिए कुँवारी कन्या इस व्रत को विधि विधान से करती हैं। क्यों कहते हैं हरतालिका 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ यह दो शब्दों के मेल से बना माना जाता है हरत एवं आलिका। हरत का तात्पर्य हरण से लिया जाता है और आलिका सखियों को संबोंधित करता है। मान्यता है कि इस दिन सखियां माता पार्वत...

*!! संगती !!*

2️⃣5️⃣❗0️⃣8️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣ * ♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*               *!! संगती !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक बार एक शिकारी शिकार करने गया, शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलने के कारण। वहीं से एक अतिसुन्दर हंस उड़कर जा रहा था, उस हंस ने देखा की वह व्यक्ति बेचारा परेशान हो रहा हैं, धूप उसके मुँह पर आ रही हैं तो ठीक से सो नहीं पा रहा हैं, तो वह हंस पेड़ की डाली पर अपने पंख खोल कर बैठ गया जिससे उसकी छाँव में वह शिकारी आराम से सोयें। जब वह सो रहा था तभी एक कौआ आकर उसी डाली पर बैठा, इधर-उधर देखा और बिना कुछ सोचे-समझे शिकारी के ऊपर अपना मल विसर्जन कर वहाँ से उड़ गया। तभी शिकारी उठ गया और गुस्से से यहाँ-वहाँ देखने लगा और उसकी नज़र हंस पर पड़ी और उसने तुरंत धनुष बाण निकाला और उस हंस को मार दिया।  हंस नीचे गिरा और मरते-मरते हंस ने कहा- मैं तो आपकी सेवा कर रहा था, मैं तो आपको छाँव दे रहा था, आपने मुझे ही मार दिया? इसमें मेरा क्या दोष?  उस समय ...

कुछ हास्य😂🤣

मैगी ही एक ऐसी *फीमेल* है... जो *दो मिनट में तैयार* हो जाती है...!  एक *बात* आज तक *समझ* नहीं आई... 🤔🧐  *कपड़े* का कच्चा रंग 🎨 दूसरे कपड़ों पर *लगकर* 👕👔  *पक्का* क्यों हो जाता है? 🤔 😜😆😝😁  चाहे कितना भी *बड़ा घर* हो। अगर *कूलर* और *फ्रिज* के ऊपर सामान नही रखा, तो आप *अच्छे भारतीय* नहीं हो! 😜😝😆😜😁  *व्हाट्सएप* भी मुर्गियों के *घोंसले* जैसे ही हैं! बार बार *खोल* के देखना पड़ता है, किसी ने *अंडा* दिया तो नहीं!! 😜😜😜  पहले लोग "बेल बजा" कर भाग जाते थे! अब WhatsApp पर मैसेज करके, "delete" कर देते हैं 🤔😛 "हरकतें वही हैं, सोच नई है"! चली जाती हैं आए दिन, वो *ब्यूटी पार्लर* में यूं उनका *मकसद* है, *मिसाल ए हूर* हो जाना! मगर ये *बात* किसी बेग़म की, *समझ* में क्यूं नहीं आती कि *मुमकिन* ही नहीं, *किशमिश* का फिर से अंगूर बनना!!😄🤑😜 यदि आपको आधी *छींक* आकर *रुक* जाए....! तो *समझ* लो किसी को, आपकी *याद* तो *आई*  पर फिर उसने *सोचा भाड़* में जाए....!!!!! 🤣😂😆  *समय* एक सा नहीं रहता, सबका *बदलता* है! जो *कपड़े* पहन के *अंग्रेजों* के, *जज और गव...

अनुलोम-विलोम काव्य🙏

अति दुर्लभ एक ग्रंथ ऐसा भी है हमारे सनातन धर्म मे इसे तो सात आश्चर्यों में से पहला आश्चर्य माना जाना चाहिए ---🚩 यह है दक्षिण भारत का एक ग्रन्थ क्या ऐसा संभव है कि जब आप किताब को सीधा पढ़े तो राम कथा के रूप में पढ़ी जाती है और जब उसी किताब में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़े तो कृष्ण कथा के रूप में होती है । जी हां, कांचीपुरम के 17वीं शदी के कवि वेंकटाध्वरि रचित ग्रन्थ "राघवयादवीयम्" ऐसा ही एक अद्भुत ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को ‘अनुलोम-विलोम काव्य’ भी कहा जाता है। पूरे ग्रन्थ में केवल 30 श्लोक हैं। इन श्लोकों को सीधे-सीधे पढ़ते जाएँ, तो रामकथा बनती है और विपरीत (उल्टा) क्रम में पढ़ने पर कृष्णकथा। इस प्रकार हैं तो केवल 30 श्लोक, लेकिन कृष्णकथा (उल्टे यानी विलोम)के भी 30 श्लोक जोड़ लिए जाएँ तो बनते हैं 60 श्लोक। पुस्तक के नाम से भी यह प्रदर्शित होता है, राघव (राम) + यादव (कृष्ण) के चरित को बताने वाली गाथा है ~ "राघवयादवीयम।" उदाहरण के तौर पर पुस्तक का पहला श्लोक हैः वंदेऽहं देवं तं श्रीतं रन्तारं कालं भासा यः । रामो रामाधीराप्यागो लीलामारायोध्ये वासे ॥ १॥ अर्थातः मैं उन भग...

Humour

I went to a Inter-Religion Integration Seminar.  The Bishop came, laid his hands on my hand and said, “By the will of Jesus Christ, you will walk today!” I smiled and told him I was not paralysed. The Rabbi came, laid his hands on my hand and said, “By the will of God Almighty, you will walk today! I was less amused when I told him there was nothing wrong with me. The Mullah came, took my hands and said, “Insha Allah, you will walk today!” I snapped at him, “There’s nothing wrong with me” The Hindu sadhu came and said "Beta, you will walk on your legs today." I said "Babaji - nothing wrong with my legs" The Buddhist Monk came, held my hands and said, “By the will of The Great Buddha, you will walk today!” I rudely told him there was nothing wrong with me. After the Seminar, I stepped outside and found my car had been stolen.  I believe in all Religions now.....

आवारा*_फिल्म रिव्यू

_* आवारा*_फिल्म review 14 दिसंबर 1951 निर्माता- राज कपूर निर्देशक- राज कपूर गीत- शैलेंद्र (S), हसरत जयपुरी (HJ) संगीत- शंकर, जयकिशन कलाकार- राज कपूर, नरगिस, पृथ्वीराज कपूर, लीला चिटनीस, के एन सिंह, कुक्कू, लीला मिश्रा, शशि कपूर, बेबी जुबेदा, बी एम व्यास, दीवान बसवेश्वरनाथ कपूर                      यह फ़िल्म हिन्दी सिनेमा की एक माइल स्टोन समझी जाती है.. बहोत बड़ी ब्लॉकबस्टर.. विदेशों में भी धूम मचायी इस फ़िल्म ने..फिल्म दक्षिण एशिया में रातों-रात सनसनी बन गई..और विदेशों में सोवियत संघ, पूर्वी एशिया, अफ्रीका, कैरेबियन, मध्य पूर्व और पूर्वी यूरोप में और भी बड़ी सफलता मिली इसे..चीन में भी इस फिल्म ने 100 मिलियन से अधिक टिकट बेचे..फिल्म में राज कपूर के घर से कुछ कलाकार भी थे जैसे की उनके छोटे भाई शशि कपूर, उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और पृथ्वीराज कपूर के पिता दीवान बसवेश्वरनाथ कपूर..पहले तो ये फिल्म राज कपूर और के ए अब्बास मिलकर बना रहे थे..के ए अब्बास ये फिल्म दिलीप कुमार और अशोक कुमार को लेकर बनाना चाहते थे और महबूब खान से निर्देशित करना चाह...

Phoolon Se Dosti Hai👍 song Review

*बिना किताबों की*       *जो पढ़ाई सीखी*         *जाती है, उसे*     *"जिंदगी" कहते है....!!!?* 🌹 *सुप्रभात*🌹 Let’s start the day with Homi & J. B. H. Wadia’s 1960 drama film *”Duniya Jhukti Hai”* directed by J. B. H. Wadia.  The film starred Sunil Dutt and Shyama. They were supported by Kum Kum, B. M. Vyas, Wasti, Agha and Daisy Irani.  In old Hindi movies, especially those of 1950s and 1960s, we often see songs picturised on “Taanga” The beats of the horse was made famous by the great O. P. Nayyar when he gave one of his musician 2 shells of dried coconut and asked him to imitate the rhythm of the horse’s gait.   “Taanga” was actually a mode of public transport in India those days. With time, Taanga has all but vanished as a mode of public transport in India. But they have not become extinct. One can still find them in some small towns of India.  The most famous Tanga in Hindi films belonged to Basanti drawn by h...

मानव इतिहास का एकमात्र नायक..कन्हैया... कन्हैया...

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कटे जंजीर खुले दरवाजे....*_  आपने कभी सोचा है, कि वे जेल में ही क्यों जन्मे ? भादो की काली अँधेरी रात में जब वे आये, तो सबसे पहला काम यह हुआ कि जंजीरे कट गयीं। जन्म देने वाले के शरीर की भी, और कैद करने वाली कपाटों की भी। वस्तुतः वह आया ही था जंजीरे काटने... हर तरह की जंजीर! जन्म लेते ही वह बेड़ियां काटता है। थोडा सा बड़ा होता है, तो लज्जा की जंजीरे काटता हैं। ऐसे काटता है कि सारा गांव चिल्लाने लगता है- कन्हैया हम तुमसे बहुत प्रेम करते हैं। सब चिल्लाते हैं- बच्चे, जवान, बूढ़े, महिलाएं, लड़कियां सब... कोई भय नहीं, कोई लज्जा नही! वह प्रेम के बारे में सबसे बड़े भ्रम को दूर करता है, और सिद्ध करता है कि प्रेम देह का नही हृदय का विषय है। माथे पर मोरपंख बांधे आठ वर्ष की उम्र में रासलीला करते उस बालक के प्रेम में देह है क्या? मोर पंख का रहस्य जानते हैं? मोर के सम्बन्ध में लोक की एक प्राचीन धारणा है कि वह मादा से शारीरिक सम्बन्ध नही बनाता। मेघ को देख कर नाचते मोर के मुह से गाज़ गिरती है, और वही खा कर मोरनी गर्भवती होती है। यह वैज्ञानिक रूप से सत्य न भी हो, पर युगों से लोक की मान्यता यह...

!! चार मोमबत्तियां !!*

* ♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*            *!! चार मोमबत्तियां !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ रात का समय था। चारों ओर पूरा अंधेरा छाया हुआ था। केवल एक ही कमरा प्रकाशित था। वहाँ चार मोमबत्तियाँ जल रही थी। चारों मोमबत्तियाँ एकांत देख आपस में बातें करने लगी। पहली मोमबत्ती बोली, “मैं शांति हूँ, जब मैं इस दुनिया को देखती हूँ, तो बहुत दु:खी होती हूँ। चारों ओर आपा-धापी, लूट-खसोट और हिंसा का बोलबाला है। ऐसे में यहाँ रहना बहुत मुश्किल है। मैं अब यहाँ और नहीं रह सकती।” इतना कहकर मोमबत्ती बुझ गई। दूसरी मोमबत्ती भी अपने मन की बात कहने लगी, “मैं विश्वास हूँ, मुझे लगता है कि झूठ, धोखा, फरेब, बेईमानी मेरा वजूद ख़त्म करते जा रहे हैं। ये जगह अब मेरे लायक नहीं रही। मैं भी जा रही हूँ।” इतना कहकर दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गई। तीसरी मोमबत्ती भी दु:खी थी। वह बोली, “मैं प्रेम हूँ, मैं हर किसी के लिए हर पल जल सकती हूँ। लेकिन अब किसी के पास मेरे लिए वक़्त नहीं बचा। स्वार्थ और नफरत का भाव मेरा स्थान लेता जा रहा है। लोगों के मन में अपनों के प्रति भी प्रेम-भावना नहीं बची। अब ये सहना मेरे बस क...

नाथूराम गोडसे 2014 की पोस्ट

आखिर क्या कारण है जो कुछ लोग गोडसे को हीरो और गाँधी को विलेन मानते है कुछ तथ्य पेश है- अगर रोना चाहे तो बिलकुल पढे :- क्या थी विभाजन की पीड़ा ? विभाजन के समय हुआ क्या क्या ? विभाजन के लिए क्या था विभिन्न राजनैतिक पार्टियों दृष्टिकोण ? क्या थी पीड़ा पाकिस्तान से आये हिन्दू शरणार्थियों की … मदन लाल पाहवा और विष्णु करकरे की? क्या थी गोडसे की विवशता ? क्या गोडसे नही जानते थे की आम आदमी को मरने में और एक राष्ट्रपिता को मरने में क्या अंतर है ? क्या होगा परिवार का ? कैसे कैसे कष्ट सहने पड़ेंगे परिवार और सम्बन्धियों को और मित्रों को ? क्या था गांधी वध का वास्तविक कारण ? क्या हुआ 30 जनवरी की रात्री को … पुणे के ब्राह्मणों के साथ ? क्या था सावरकर और हिन्दू महासभा का चिन्तन ? क्या हुआ गोडसे के बाद नारायण राव आप्टे का .. कैसी नृशंस फांसी दी गयी उन्हें l यह लेख पढने के बाद कृपया बताएं कैसे उतारेगा भारतीय जनमानस हुतात्मा नाथूराम गोडसे जी का कर्ज…. आइये इन सब सवालों के उत्तर खोजें …. पाकिस्तान से दिल्ली की तरफ जो रेलगाड़िया आ रही थी, उनमे हिन्दू इस प्रकार बैठे थे जैसे माल की बोरिया एक के ऊपर एक रची ज...