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Showing posts from October, 2024

शास्त्रों में वर्णित ये कार्य न करें।

*🛕 जय श्री राम🙏* *🍁शास्त्रों में वर्णित ये कार्य न करें।🍁* १-- सूर्य उदय के बाद ना उठें। २-- शैय्या पर भोजन ना करें। ३-- दक्षिण दिशा की और मुंह करके भोजन ना करें। ४--खडे होकर जल ना पीएं। ५--अग्नि- कन्या- ब्राह्मण - गाय को भूलकर पैर से ना छुंए। ६--जुआ ना खेलें। ७-- मदिरा ना पीएं। ८-- पर स्त्री समागम ना करें। ९--अधिक भोजन ना करें। १०-- बासी दुर्गंध युक्त भोजन ना करें। ११--देहली पर ना बैठें। १२-- दिन में स्त्री समागम ना करें। १३-- मांसाहार ना करें। १४--देर रात्रि भोजन ना करें। १५--झूठ ना बोलें। १६--शुभ कार्यों में विलम्ब ना करें। १७--विवाह अधिक आयु में ना करें। १८--भ्रूण हत्या ना करें। १९-- कच्चे फल ना तोडें। २०-- सूर्यास्त के बाद वृक्ष के पत्ते फल और टहनी ना तोडें। २१--दूसरे का गेट और दीवार फांदकर ना जाएं। २२--अग्निहोत्र को जल से ना बुझाएं। २३-- नदियों को दूषित ना करें। २४--नाखून ना चबाएं। २५-- बे वजह सिर ना खुजलाएं। २६--जल में मल - मूत्र त्याग ना करें और ना ही कुल्ला करें। २७--उत्तर दिशा में सिर करके ना सोएं। २८--अन्न की थाली को पैर ना मारें। २९-- क्रोध की अवस्था में भोजन ना करें। ३

प्रेरक_प्रसंग*

* प्रेरक_प्रसंग*  दिन की आखिरी ट्रेन अगर स्टेशन से निकल गई तो फिर कल सुबह ही अगली ट्रेन मिलने की कल्पना किए एक बूढी महिला के पैर तेजी से स्टेशन की तरफ बढ़े जा रहे थे किंतु स्टेशन पहुंचते पहुंचते आखिर ट्रेन छूट गई तो महिला निढाल होकर एक बेंच पर बैठ गई,,उनके चेहरे पर चिंता के भाव थे,, एक कुली ने इसे देखा और माँ से पूछा। - माईजी, आपको कहाँ जाना था? - मैं अपने बेटे के पास दिल्ली जाऊंगी.... - पर आज कोई ट्रेन नहीं माई अब कल सुबह मिलेगी।। महिला बेबस लग रही थी तो कुली ने कहा,,,, माई अगर आपका घर दूर हो तो यहीं प्रतीक्षालय में आपके लेटने का प्रबंध कर दूं और भोजन भी आपको पहुंच जाएगा,कोई दिक्कत की बात नही है,,,,,,,, वैसे दिल्ली में आपका बेटा क्या काम करता है??? माँ ने जवाब दिया कि उसका बेटा रेल महकमे में काम करता है। माई आप जरा बेटे का नाम बताइए,, देखूंगा अगर संपर्क संभव होगा तो तार (प्राचीन भारत का टेलीफोनिक सिस्टम) से आपकी बात करवा दूंगा,,,,, कुली ने कहा,,, - वह मेरा लाल है, मैं उसे लाल ही बुलाती हूं मगर  उसको सब लाल बहादुर शास्त्री कहते हैं ! (माँ ने जवाब दिया) वृद्ध महिला के मुंह से उनके बेटे

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मैं हूँ,  चाहे जैसी भी हूँ... ख़ुद से ही खुश हूँ, चाहे कैसी भी हूँ...    न मैं ख़ूबसूरत, न छरहरी,    ना ही नायिकाओं सी काया है मेरी...    पर ख़ुद पे ही है नाज़,      पुरकशिश अदा है मेरी...  क्या करुँ क्या नहीं,   अब नहीं करनी किसी की परवाह... नहीं करना कोई ख़याल,  अब तो लगता है वही करुँ, जो दिल में दबा के रखी थी चाह...       बच्चे उड़ चुके या उड़ने वाले हैं,     घोसलों से नई दिशाओं में...    हम भी चुनेगें अब अपने पसंद की ज़मीं,     और आसमां नई उम्मीदों में...     अब अपने घोंसले को ही नहीं,  ख़ुद को भी सजाना है... बहुत मनाया सबको, अब ख़ुद को भी मनाना है...     सूख चुकी उम्मीदों को,     फिर से सींचना है...    नाराज़ हुई ख्वाहिशों को ,     कस के गले लगाना है...--- 💖😘

उत्तम हास्य - व्यंग्य***

* उत्तम हास्य - व्यंग्य*** ट्रेन में मेल एक्सप्रेस ही होती है फीमेल एक्सप्रेस क्यों नहीं चलाई जाती है !! "एक औरत गुस्साती हुई, स्टेशन मास्टर के पास आयी, इक्कीसवीं सदी की रागिनी सुनायी... महिलाओं के लिए  तीस-प्रतिशत  आरक्षण का सिद्धांत क्यूँ नहीं अपना रहे हो,  वर्षों से मेल-एक्सप्रेस चला रहे हो, फीमेल-एक्सप्रेस क्यूँ नहीं ला रहे हो ?  स्टेशन मास्टर घबराया, मुश्किल से जवाब दे पाया,  मैडम..... ‌ मैडम... मेल-एक्सप्रेस ही मेकअप, करते-करते लेट हो जाती है,  फिमेल-एक्सप्रेस तो  मेकअप ही करती रह जाएगी, सवारी को कब पहुंचाएगी ? और..... आज की रेल व्यवस्था में, जहाँ लोग, मेल-एक्सप्रेस को रोक-रोक कर छेड़खानी करते हैं, फीमेल-एक्सप्रेस के साथ तो, जाने क्या हो सकता है, इल्जाम में ड्राइवर फँस सकता है, उसकी नौकरी जा सकती है, ड्राईवर की पत्नी गुस्सा सकती है, और फिर मैडम... अपना आँचल संभालिए और दूसरा पहलू देखिए, फीमेल-एक्सप्रेस चैन से न चल पाएगी, बगल की लाइन के मेल-एक्सप्रेस उसे देखकर, सीटी बजाएंगे,  उनकी हेडलाइट  बंद हो जाएगी, ठौर पर वह रोते हुए ही पहुँच पाऐंगे, वहाँ पर सिर्फ   "मी टू" की फ

कूटनीति"*

* कूटने से बढ़ती है - "इम्युनिटी पॉवर"*                मैंने काफी बुजुर्ग            दादा जी से पूछा      कि पहले लोग इतने            बीमार नही होते थे ?     जितने आज हो रहे है ....            तो दादा जी बोले       बेटा पहले हम             हर चीज को कूटते थे      जबसे हमने कूटना               छोड़ा है, तबसे ही        हम सब बीमार               होने लग गए है.....      मैंने पूछा :- वो कैसे ?           दादा जी मुस्कुराते हुए      जैसे पहले खेत से अनाज को               कूट कर घर लाते थे ...       घर में मिर्च मसाला                कूटते थे .......       कभी कभी बड़ा भाई              छोटे भाई को        कूट देता था .......             और जब छोटा भाई        उसकी शिकायत               माँ से करता था .....     तो माँ.. बड़े भाई को             कूट देती थी ......      और कभी कभी तो               दादा जी भी      पोते को कूट देते थे ......            यानी कुल मिलाकर       कूटने का सिलसिला             निरंतर चलता                 रहता था ......        कभी माँ.. बाजरा                कूट कर       

Film n Song Review

Let’s start the day with L. B. Lachman’s 1956 romantic comedy film *”Chori Chori”* directed by Anant Thakur.  The film starred Raj Kapoor and Nargis. They were supported by Johnny Walker, David, Gope, Mukri, Bhagwan and Pran.  Inspired by the classic Hollywood film 'It Happened One Night' directed by Frank Capra. Raj Kapoor and Nargis were paired as leads for the last time, the same year Nargis made a special appearance in the climax of 'Jagte Raho' (1956). This movie was remade as 'Dil Hai Ki Manta Nahin' in 1991 with Aamir Khan and Pooja Bhatt in the lead roles; like this one, it turned out to be a major hit. This is a film that is still remembered for its music. This was a rare movie where Manna Dey had sung the songs picturised on Raj Kapoor and those songs had become very popular. The female playback singer of this movie was Lata of course, and she too had come up with some mewmorable songs in this movie. Grimes song "Rasik" sampled the song "