विक्रमादित्य वैदिक घड़ी,
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यह *दुनिया की पहली वैदिक घड़ी* है जो *जंतर मंतर परिसर*, उज्जैन में स्थित है और इसे *सरकार के पास 85 फीट के टॉवर के शीर्ष पर रखा गया है*। जीवाजी वेधशाला - *29 फरवरी 2024 को उद्घाटन*।
*विशेषताएं*: - यह घड़ी *भारतीय 'पंचांग' (पंजिका)* पर आधारित है और (1) ग्रहों की स्थिति, (2) शुभ समय, (3) भारतीय मानक समय और (4) ग्रीनविच मीन टाइम के बारे में जानकारी प्रदान करती है। घड़ी *दिन को 30 भागों (घंटे) में विभाजित करती है और प्रत्येक भाग (घंटे) में 48 सेकंड होते हैं* [एक दिन में सामान्य 24 घंटे और प्रत्येक घंटे में 60 मिनट होते हैं] के विपरीत।
वैदिक घड़ी रात के 12.00 बजे सामान्य के विपरीत *एक सूर्योदय से दूसरे तक* समय का संचालन/गणना शुरू करती है। इसका समय *0.00 बजे शुरू होता है और 30.00* पर समाप्त होता है।
*उद्देश्य* :- घड़ी का उद्देश्य *भारतीय समय गणना की परंपरा* को पुनर्स्थापित करना और *प्राचीन भारतीय समय निर्धारण विधियों* में अंतर्दृष्टि प्रदान करना है। समय गणना की भारतीय प्रणाली *सबसे पुरानी है। संसार में सूक्ष्म, शुद्ध, त्रुटिरहित, प्रामाणिक एवं विश्वसनीय*। हमें न केवल इसे जानना चाहिए बल्कि अपनी प्राचीन संस्कृति को पूरे विश्व के सामने प्रदर्शित करने में गर्व भी महसूस करना चाहिए। ]
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