ज़िन्दगी चार दिन की है,*
*उम्रदराज* न बनें
*उम्र को दराज़* में रख दें।
खो जाएं ज़िन्दगी में,
*मौत का इन्तज़ार न करें*
जिनको आना है आए,
जिसको जाना है जाए।
*पर हमें जीना है*।
ये न भूल जाएं।
जिनसे मिलता है प्यार,
उनसे ही मिलें बार बार।
महफिलों का शौक रखें
*दोस्तों से प्यार करें*
जो रिश्ते हमें समझ सकें,
उन रिश्तों की कद्र करें।
*बंधें नहीं किसी से भी,*
ना किसी को बँधने पर
मजबूर करें।
दिल से जोड़ें हर रिश्ता,
और उन रिश्तों से दिल से जुड़े रहें।
*हँसना अच्छा होता है*
पर अपनों के लिये,
रोया भी करें।
याद आएं कभी अपने तो,
आँखें अपनी नम भी करें।
*ज़िन्दगी चार दिन की है,*
तो फिर शिकवे शिकायतें
कम ही करें।
*उम्र को दराज़ में रख दें*
उम्रदराज़ न बनें !!
*हमेशा मुस्कुराते रहिए* ❣️❣️
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