प्रशंसा करना भी सीखे ||
|| प्रशंसा करना भी सीखे || प्रशंसा करना भी सीखिये क्योंकि दूसरों की प्रशंसा से हमें उनका प्रेम और सम्मान सहज में ही प्राप्त हो जाता है। जीवन में केवल दूसरों के निंदक मत बनो अपितु कभी किसी के द्वारा कुछ अच्छा कार्य किया जा रहा हो तो खुले हृदय से उसकी प्रसंशा भी अवश्य करो। जब भी और जहाँ भी दूसरों की प्रशंसा करने का अवसर प्राप्त हो उससे कभी मत चूको। जब तक हमारे मन में दूसरों की प्रशंसा का भाव जागृत नहीं होता तब तक हमारी चेतना भी कुण्ठित बनी रहती है। केवल इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि दूसरे आपकी प्रशंसा करें अपितु यह ज्यादा महत्वपूर्ण है, कि आपके मुख से भी दूसरों की प्रशंसा के बोल निकलें। स्वयं की ज्यादा प्रशंसा सुनने से अहम पैदा होता है और यही अहम हमारे जीवन के कल्याण मार्ग में अवरोधक का कार्य करता है व जीवन के प्रगति पथ को बाधित कर देता है। केवल दूसरों की प्रशंसा प्राप्ति के लिए भी अच्छे कार्य मत करो क्योंकि जो अच्छे कार्य करते हैं वे स्वतः ही दूसरों की प्रशंसा के पात्र बन । 🙏🏻 *🌹!! Զเधे Զเधे !!🌹*?...