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Showing posts from November, 2025

एक कहानी और एक सीख

  एक शख्स ज़िबाह की हुई मुर्गी लेकर कसाई की दुकान पर आया और कहा - "भाई जरा इस मुर्गी को काट कर मुझे दे दो।" कसाई बोला : "मुर्गी रखकर चले जाओ और आधे घँटे बाद आकर ले जाना।" इत्तिफ़ाक़ से जरा देर बाद ही शहर का काज़ी, कसाई की दुकान पर आ गया और कसाई से कहा : "ये मुर्गी मुझे दे दो" कसाई बोला : "ये मुर्गी मेरी नही है, बल्कि किसी और की है और मेरे पास भी अभी कोई और मुर्गी नही जो आप को दे सकूं।" काज़ी ने कहा : "कोई बात नही, ये मुझे दे दो मालिक आए तो कहना कि मुर्गी उड़ गई है।" कसाई बोला : "ऐसा कहने का भला क्या फायदा होगा? मुर्गी तो उसने खुद ज़िबाह करके मुझे दी थी, फिर ज़िबाह की हुई मुर्गी कैसे उड़ सकती है?"  काज़ी ने कहा : "मैं जो कहता हूं उसे गौर से सुनो! बस ये मुर्गी मुझे दे दो और उसके मालिक से यही कहना कि तेरी मुर्गी उड़ गई है। वह ज़ियादा से ज़ियादा तुम्हारे खिलाफ मुकदमा लेकर मेरे पास ही आएगा।" कसाई बोला : "अल्लाह सब का पर्दा रखे" और मुर्गी काज़ी को पकड़ा दी।  काज़ी मुर्गी लेकर निकल गया तो मुर्गी का मालिक भी आ गया और कसाई से पूछा ...

भगवान की चमत्कार🙏

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ओडिशा के जगन्नाथ पुरी से एक अविश्वसनीय और अकल्पनीय खबर सामने आई है। यह खबर ऐसी है जिस पर शायद आपको यकीन न हो। आप कहेंगे कि यह सब सिर्फ फिल्मों में होती है। लेकिन यह रील नहीं बल्कि रियल लाइफ में हुआ। जगन्नाथ पुरी मंदिर में एक भावुक और हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला। एक असहाय पिता रोते हुए भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचा।  उनकी गोद में उसका शिथिल पड़ा बेटा था, जो कोमा में था और डॉक्टर्स ने उसे यह कहकर घर भेज दिया था कि उसे मरा समझो। वह अब कभी ठीक नहीं होगा। लेकिन मंदिर में अचानक चमत्कार हुआ और वह बच्चा ठीक हो गया। जगन्नाथ पुरी मंदिर में यह घटना इस हफ्ते की शुरुआत में सोमवार को हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक 40 साल का शख्स गोद में एक बच्चे को लेकर आया। यह बच्चा देखने में मृत लग रहा था। उसे मंदिर में सुरक्षा गार्डों ने रोका लेकिन उसका रोना-बिलखना सुनकर वह पीछे हट गया। मंदिर के पुजारी वहां आते हैं। वह बच्चे पर भगवान का चरणामृत छिड़कते हैं और कुछ ही देर में अचानक बच्चा सिर हिलाने लगता है। यह सब देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरान हो गया। मंदिर के सेवकों के अनुसार, पिता अपने बेटे...

आज की कहानी

*💐आज की कहानी💐* सुप्रभातम्* 🌅🌄🕉️  *नमस्कार🙏 कहानी से सीख की सुप्रभात कहानी में आप सभी का स्वागत है! प्रतिदिन कहानियों का आनंद लेने के लिए*, *🍁​टूटी थाली और रिश्तों की कीमत🍁* गांव के बीचों-बीच एक बड़ा सा घर था, जिसके आंगन में आम का पेड़ खड़ा था। उस पेड़ की ठंडी छाया में रोज़ शाम को रामस्वरूप जी बैठकर अपनी पुरानी लकड़ी की कुर्सी पर अख़बार पढ़ते थे। उनके तीन बेटे — मोहन, सोहन और गोपाल — और बहुएं सब एक साथ रहते थे। घर में चहल-पहल थी, लेकिन मनों में धीरे-धीरे दरारें पड़ने लगी थीं। कभी रसोई के खर्चे पर बहस, तो कभी खेत की पैदावार को लेकर मनमुटाव। छोटी-छोटी बातों पर बहुएं आपस में कटु वचन कह देतीं, और बेटे भी अब पिता की बातों को उतना महत्व नहीं देते थे। रामस्वरूप जी हर दिन देखते थे कि परिवार जो कभी हँसी-खुशी का आंगन था, अब शिकायतों और ग़ुस्से की गूंज से भर गया है। एक दिन सुबह की बात है। मोहन बोला — “बाबा, अब ये साथ रहना मुमकिन नहीं। हर दिन कलह झेलने से अच्छा है कि मैं अपना हिस्सा ले लूँ।” सोहन ने भी सिर हिलाया, “हाँ बाबा, आप ही बताइए, रोज़ का ये झगड़ा किसे अच्छा लगता है?” गोपाल भी ब...

भगवान की चमत्कार🙏

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ओडिशा के जगन्नाथ पुरी से एक अविश्वसनीय और अकल्पनीय खबर सामने आई है। यह खबर ऐसी है जिस पर शायद आपको यकीन न हो। आप कहेंगे कि यह सब सिर्फ फिल्मों में होती है। लेकिन यह रील नहीं बल्कि रियल लाइफ में हुआ। जगन्नाथ पुरी मंदिर में एक भावुक और हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला। एक असहाय पिता रोते हुए भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचा।  उनकी गोद में उसका शिथिल पड़ा बेटा था, जो कोमा में था और डॉक्टर्स ने उसे यह कहकर घर भेज दिया था कि उसे मरा समझो। वह अब कभी ठीक नहीं होगा। लेकिन मंदिर में अचानक चमत्कार हुआ और वह बच्चा ठीक हो गया। जगन्नाथ पुरी मंदिर में यह घटना इस हफ्ते की शुरुआत में सोमवार को हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक 40 साल का शख्स गोद में एक बच्चे को लेकर आया। यह बच्चा देखने में मृत लग रहा था। उसे मंदिर में सुरक्षा गार्डों ने रोका लेकिन उसका रोना-बिलखना सुनकर वह पीछे हट गया। मंदिर के पुजारी वहां आते हैं। वह बच्चे पर भगवान का चरणामृत छिड़कते हैं और कुछ ही देर में अचानक बच्चा सिर हिलाने लगता है। यह सब देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरान हो गया। मंदिर के सेवकों के अनुसार, पिता अपने बेटे...

दोस्तों की door bell दबाते रहिये*

* दोस्तों की door bell दबाते रहिये* पुराने साथियों को सताते रहिये, प्रेम और क्रोध भी जताते रहिये। कभी हाले दिल ही बताते रहिये, कभी अपनी खबर सुनाते रहिये। छठे छमाही समय निकाल कर, *दोस्तों की डोर बेल दबाते रहिये।* कभी अपने घर की देहरी लांघ, दोस्तों के चक्कर लगाते रहिये। अपने छोटे दरबे के बाहर झांक, साथ में सुख दुःख सुनाते रहिये। जब मन अनमना सा महसूस करे, *दोस्तों की डोर बेल दबाते रहिये।* कभी रखके हाथ उनके कंधों पर, दोस्ती का अहसास कराते रहिये। हरदम औपचारिकता में न जियें, बिना मतलब भी बतियाते रहिये। जब करने को कोई काम न सूझे, *दोस्तों की डोर बेल दबाते रहिये।* टूटे दिलों को आस दिलाते रहिये। किस्मत के रूठों को हंसाते रहिये।  जीवन से मायूस हो चुके दिलों में,  आशाओं के दीपक जलाते रहिये। जब दिल्लगी करने का मन करे, *दोस्तों की डोर बेल दबाते रहिये।* ऐसा न हो कि मन में पछताते रहें, वक्त को भी मुट्ठी में फंसाते रहिये। मिले जब भी तुमको खाली समय, प्रियजनों को गले से लगाते रहिये। करने को कुछ भी न सूझ रहा हो, *दोस्तों की डोर बेल दबाते  रहिये।* 🙏🙏 🤝

Ancient Architecture

The image shows an ancient stone carving from the Sri Sundara Kamakshi Amman Temple in Sirukarumbur, Tamil Nadu. It is notable for its detailed depiction of a fetus in the womb.  The carving is estimated to be at least 800 years old, dating back to the Chola period.  It is believed by some to be evidence of the advanced anatomical knowledge possessed by ancient Indian architects and sages.  The temple is dedicated to the Hindu god Shiva, with the mother goddess Sundara Kamakshi given prominence.  The Garbh Upanishad, an ancient Hindu text, also contains descriptions of embryology and fetal development, providing a potential textual basis for such knowledge.