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Showing posts from July, 2025

एक छोटी बच्ची ने निबंध❤️

* दादा-दादी कौन होते हैं? एक छोटी बच्ची ने निबंध लिखा कि,* 😘दादा-दादी एक महिला और एक पुरुष होते हैं। जिनके अपने कोई छोटे बच्चे नहीं होते। 😘वे हमेशा दूसरों के बच्चों को भी पसंद करते हैं। 😘वे बाहर रहते हैं जब वे आते हैं तो हमें उन्हें लेने जाना होता है और बाद में वापस airport छोड़ने जाना होता है। 😘🫶🏻🫶🏻🫶🏻🫶🏻🫶🏻 😘वे हमेशा बूढ़े लोग होते हैं। 😘 वे बाहर का बना खाना पसंद नहीं करते। 😘जब वे हमें सैर पर ले जाते हैं, तो वे हमेशा धीरे धीरे चलते  हैं। 😘वे हमसे गीता और भगवान के बारे में बात करते हैं। 😘वे किसी को बुरे शब्द नहीं बोलते। 😘आमतौर पर वे सुबह चाय या कॉफी पीते हैं। 😘वे चश्मा पहनते हैं  😘वे ब्रश करने के लिए अपने दांत निकाल सकते हैं 😄 😘दादी हमेशा मम्मी से ज़्यादा स्वादिष्ट खाना बनाती हैं। 😘दादा हमें ऐसी कहानियाँ सुनाते हैं जो हैरी पॉटर से भी बेहतर होती हैं। 😘दादा-दादी मंमी पापा की तरह नहीं लड़ते। 🤭 😘हर किसी को कोशिश करनी चाहिए कि उसके पास दादी-दादा हों। 😘वे हमारे साथ प्रार्थना करते हैं और हमें प्यार करते हैं। 😘दादाजी दुनिया के सबसे समझदार आदमी होते हैं लेकि...

पाप का प्रायश्चित्त🙏

। ।श्रीहरिः।। अनजाने  में किये हुये पाप का प्रायश्चित्त कैसे होता है? बहुत सुन्दर प्रश्न है ,यदि हमसे  अनजाने में कोई पाप हो जाए तो क्या उस पाप से मुक्ति का कोई उपाय है। श्रीमद्भागवतजी के षष्ठ स्कन्ध में  महाराज परीक्षितजी ने श्रीशुकदेवजी से ऐसा प्रश्न किया था। बोले भगवन - आपने  पञ्चम स्कन्ध में जो नरकों का वर्णन  किया ,उसको सुनकर तो गुरुवर रोंगटे खड़े जाते हैं। प्रभूवर मैं आपसे ये पूछ रहा हूँ कि यदि  कुछ पाप हमसे अनजाने में हो जाते हैं जैसे चींटी मर गयी,हम लोग श्वास लेते हैं तो कितने जीव श्वासों के माध्यम से मर जाते हैं। भोजन बनाते समय लकड़ी जलाते हैं ,उस लकड़ी में भी कितने जीव मर जाते हैं । और ऐसे कई पाप हैं जो अनजाने हो जाते हैं ।    तो उस पाप से मुक्ति का क्या उपाय है  भगवन ? शुकदेवजी ने कहा राजन्! ऐसे पाप से मुक्ति के लिए रोज प्रतिदिन पाँच प्रकार के यज्ञ  करने चाहिए । -महाराज परीक्षितजी ने कहा, भगवन् एक यज्ञ यदि कभी करना पड़ता है तो सोचना पड़ता है ।आप पाँच यज्ञ रोज कह रहे हैं । - यहां पर शुकदेवजी हम सभी मानव के कल्याणार्थ कितनी सुन्दर बा...

Laaga Chunri Mein Daag"...Review

Let’s start the day with C L Rawal’s 1963 drama film *”Dil Hi To Hai”* written by C L Rawal and directed by C L Rawal and P L Santoshi.  The film starred Raj Kapoor and Nutan. They were supported by Agha, Nazir Hussain, Padmini Priyadarshini, Manorama, Shivraj Leela Chitnis and Pran.  The original censor's certificate states that the film is in Urdu. The film had an interesting storyline: In a mansion, filled with guests and decorated for a wedding, two men struggle over the possession of a revolver. A shot rings out and to the horror of the assembled throng, a lady falls, dying. She is the mother of one of the protagonists and her deathbed confession is the key that unravels the complicated events that led up to this tragic climax - a tale that involves switched identities, multiple disguises, an arranged marriage, attempted murder, heartless cruelty, rapacious greed and (for good measure) a dancing girl whose mother (were she around) would have good reason to suspect her con...