Posts

Showing posts from May, 2025

वंदेमातरम्.... 🇮🇳🙏

सिर्फ चार दिन की लड़ाई, फिर खुले लंबे लंबे रहस्य.. रहस्य भी ऐसे की सुनकर उड़ गए दुनिया के होश....  ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो खुलासे हुए, वो केवल पाकिस्तान की हार की कहानी नहीं थे, ये अमेरिका की छुपी रणनीति और चीन की मिलीभगत की भी परतें उधेड़ गए। दरअसल, अब यह साफ हो चुका है कि पाकिस्तान के पास अपना कोई परमाणु हथियार था ही नहीं। जो परमाणु शक्ति पाकिस्तान दशकों से दिखा रहा था, वो दरअसल अमेरिका की गोपनीय तिजोरी थी, जिसे 1998 में पाकिस्तान में छुपाया गया था। अमेरिका को ये जगह इसलिए मुफीद लगी क्योंकि अगर कभी कोई हमला हो, तो नुक़सान एशिया को हो, अमेरिका को नहीं। भारत जब 1998 में परमाणु परीक्षण कर रहा था और अमेरिका धमकियाँ दे रहा था, तभी अमेरिका ने पाकिस्तान को परीक्षण करवाकर दुनिया को भ्रमित किया कि अब पाकिस्तान भी परमाणु शक्ति है। यही नहीं, पाकिस्तान की इस नकली परमाणु छवि से भारत को डराने का खेल शुरू हुआ, जिसमें देश के अंदर बैठे अमेरिकी भक्त भी पाकिस्तान की ताकत का डर दिखाते रहे। लेकिन युग बदला,,, और सत्ता पहुँची उस नेता के हाथ में जो डरता नहीं, जवाब देता है। मोदी सरकार ने पहले भारत को आत्...

मिर्ची से भी तीखी..20 लाइनें ;

❤️❤️❤️❤️❤️ व्यंग्यकार ; हरिशंकर परसाई जी के, आज से लगभग 50  साल‌ पहले के रचित व्यंग्य लेखों से, 20 लाइनें ; आज भी ताजा हैं, और कुछ लोगों को  ' मिर्ची  से भी तीखी ' लगेंगी.. 🎈       1-  लडक़ों को अपना   ईमानदार बाप,  ' निकम्मा ' लगता है। 🎈       2-  " दिवस," कमजोर  का  ही मनाया जाता है, जैसे कि " हिंदी दिवस ",  " महिला दिवस ",  " अध्यापक दिवस ",  " मजदूर दिवस "।  कभी  ' थानेदार दिवस ' ; नहीं मनाया जाता। 🎈       3- व्यस्त आदमी को अपना काम करने में, जितनी अक्ल की जरूरत पड़ती है. उससे ज्यादा अक्ल बेकार आदमी को, ' समय काटने में ' लगती है। 🎈       4-  जिनकी हैसियत है, वे ' एक से ; ज्यादा बाप ' रखते हैं। एक ; घर में, एक ; दफ्तर में, एक ; बाजार में, एक - एक ; " हर राजनीतिक दल " में। 🎈       5- आत्मविश्वास, कई प्रकार का होता है. धन का, बल का, ज्ञान का। लेकिन ' मूर्खता का आत्मविश्वास,' सर्वोपरि होता है । 🎈  ...

भारत का यह रडार इमेजिंग सैटेलाइट,

Image
' 'उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता, जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आँखें।" भारत का यह रडार इमेजिंग सैटेलाइट, कल पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C61) के जरिए लॉन्च होगा। इसका शुभ नाम है, EOS-09 (RISAT-1B)।  इस सैटेलाइट में C-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) है, जो हर मौसम में उच्च-रिजॉल्यूशन इमेज प्रदान करेगा। ये तो हुई साइंस की भाषा अब सरल भाषा मे समझो ये सैटेलाइट क्या काम करेगा। वैसे तो यह कृषि, मौसम आदि कई क्षेत्रों के लिए काम करेगा लेकिन इसकी खासियत ये है कि यह रडार से तस्वीरें लेता है, जो दिन-रात, बारिश-कोहरे में भी परफेक्ट काम करता है। यह सैटेलाइट सीमा पर दुश्मन की हरकतों, जैसे सैनिकों, हथियारों या टैंकों की गतिविधियों को देख सकता है। यह सैटेलाइट बहुत साफ और बारीक तस्वीरें देता है, इसलिए यह दुश्मन सेना या आतंकियों के गुप्त ठिकाने, बंकर या मिसाइल आसानी से ढूंढ कर उसकी तस्वीरें भेज सकता है।  इन तस्वीरों से हमारी सेना को यह तय करने में मदद मिलेगी है कि हमारा दुश्मन कहां और कैसे उस पर हमला करना है। युद्ध या स्ट्राइक के बाद यह सेना को यह देखने में मदद कर...

भारतीय सेना के जूते की दास्तान*

Image
.  * भारतीय सेना के जूते की दास्तान*     जयपुर की कंपनी सेना के लिए                जूते बनाती है,   फिर वह जूते इजराइल को बेचते थे,        फिर इजराइल वही जूते          भारत को बेचता था.  और फिर वे जूते भारतीय सैनिकों को              नसीब होते थे.          भारत एक नग जूते के         Rs. 25,000/- देता था,    और यही सिलसिला काँग्रेस द्वारा       कई सालों से चल रहा था. जैसे ही पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को        यह पता चला, वो चौंके और            आग बबूला हो गए.       और तुरंत जयपुर कंपनी के       CEO को मिले, कारण पूछा, तो ... जवाब मिला :  *भारत को डायरेक्ट जूते बेचने पर* *भारत का सरकारी तंत्र सालों तक*          *पेमेंट नहीं देता था.* ...

👌👏 *🌹 धैर्य 🌹* 👏👌

              👌👏 *🌹 धैर्य 🌹* 👏👌 जो भी होता है नियति के अनुसार होता है। आपको लगता है कि आपके प्लान काम नहीं कर रहे, तो ज़रा सोचिए, Sunita Williams और Barry Wilmore को भी यही लगा होगा।  वो सोचकर गए थे कि 8 दिन के लिए अंतरिक्ष में रहेंगे। पर वो 286 दिन तक वहीं फंसे रह गए!  वो सचमुच अंतरिक्ष में फंसे हुए थे। सोचिए ज़रा: आपने छोटी सी ट्रिप के लिए सामान पैक किया, और  लगभग एक साल तक लौट ही नहीं पाए। कोई ताज़ी हवा नहीं। असली खाना नहीं। बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं—बस इंतज़ार। और ये भी पता नहीं कि कब  फिर वापस लौट पाएंगे भी या नहीं। और हम यहाँ,सब्र खो देते हैं जब 10 मिनट का ट्रैफिक जाम हो जाता है।कोई डील कुछ महीने लेट हो जाती है।एक रिजेक्शन ईमेल देखकर हार मान लेते हैं।नज़रिया बदलो।  इन अंतरिक्ष यात्रियों के पास कोई कंट्रोल नहीं था।कोई टिकट नहीं बुक कर सकते थे। बस शांत रहना था,भरोसा रखना था,और 286 दिन तक धैर्य रखना था।और आखिर में वो लौटे। सिर्फ लौटे ही नहीं,इतिहास भी रच दिया। अगर ये सब्र,हिम्मत,और समाधान की सबसे बड़ी मिसाल नहीं ह...

Black Sheep

Image
They called you the black sheep. Not because you were wrong — but because you were different. While the herd followed the path without question, you paused. Looked up. Listened to the wind. And whispered, “There must be another way.”  The black sheep doesn’t blend in. Not because they can’t… But because they won’t. They’ve seen too many cliffs disguised as traditions. Too many cages called “normal.” So they step out. Alone, maybe. But awake. 🖤✨ They ruffle feathers. Stir waters. Break silence. And sometimes — they build the bridges the flock never knew it needed.  To every black sheep out there: You are the quiet revolution. The shift in the pattern. The wild note in the chorus. You don’t need to fit in. You were born to stand out — and lead forward. 🖤

Awesome

Image
In 1993, a couple from Russia made a very unusual choice when they decided to adopt a bear. Instead of keeping the bear in a zoo or a forest, they brought him into their home. This bear grew up as part of their family, and over the years, he became a beloved companion. Now, after almost three decades together, the bear is 32 years old. Living with a bear is very different from having a regular pet. The couple showed the bear a lot of love and care, treating him like one of their own children. They made sure he was well-fed and safe, creating a strong bond between them. In return, the bear has brought joy and happiness to their lives, amazing everyone who hears their story. Today, people are often surprised to see a bear living in a house as a pet. Many think it's incredible that the bear has stayed with the couple for so long. Their story reminds us that love and kindness can sometimes lead to the most unexpected friendships, showing that animals can be a big part of ou...

Let go Negative Thinking

Life goes by too quickly to waste time on negative thinking. Try to go 24 hours without complaining. You'll be amazed at how your life starts changing. You'll feel better, too. Allowing negativity into your life is usually a choice. Don't feel guilty for distancing yourself from people who hurt you. Do what helps you grow. Today you find yourself where your thoughts have brought you. Where will your thoughts take you tomorrow? Believe in yourself. There is one corner of the world that we can be certain of improving and that's our own corner. Change in life is unavoidable so create the change that you wish to see in your own life. Be strong enough and grounded enough that another person cannot possibly bring you down.  Fate may determine who enters your life but you determine who stays. Cherish the people who cherish you. If someone rejects you, it says nothing about you and everything about them and their insecurities and limitations. They weren't blessed with the s...

पैसा

* गुड मॉर्निंग एवरीवन* 19.05.25😊🌷🙏🏻 *ये जो थोड़े से हैं पैसे,* *खर्च तुम पर करूँ कैसे* फिल्म *पापा कहते हैं* के एक गीत का ये कमाल का मुखड़ा है। जब जावेद अख्तर से पूछा गया था कि आपका सबसे पसंदीदा गाना कौनसा है तो उन्होंने इसी गाने का नाम लिया था। असल में ये बेबसी का गाना है, मजबूरी का गाना है। एक प्रेमिका को पैसों की ज़रूरत है और प्रेमी की जेब खाली है। *खाली जेब प्यार की दुश्मन होती है।*  थोड़े से *पैसों की ज़रूरत हम सबको* है, पैसे *बस हमेशा थोड़े से कम पड़ जाते* हैं। चमचमाते शीशों के पीछे से झांकते सपने हमें आकर्षित करते हैं, कदम बढ़ते हैं और फिर जेब में पड़े सिक्के खनखना कर रोक लेते हैं! (२) शाहरुख़ खान ने कभी कहा था कि मैं बस इतना अमीर होना चाहता हूँ कि अगर मुझे दो शर्ट खरीदने की इच्छा हो तो एक शर्ट मुझे पैसों की कमी की वजह से छोड़नी ना पड़े।  थोड़ी सी कमी की वजह से हम ज़रूरत के काम अगले महीने के लिए टाल देते हैं, लेकिन अगले महीने भी ज़रूरत मुंह फाड़े खड़ी रहती है।  राजपाल यादव ने कभी कहा था कि मुंबई में फ्लैट खरीदने के लिए पंद्रह लाख रुपये हमेशा कम पड़ेंगे, जब तक हम वो पंद्रह लाख ज...

ब्राह्मण द ग्रेट "

* IAS अधिकारी नियाज़ खान ने ब्राह्मणों पर लिखी अपनी पुस्तक " ब्राह्मण द ग्रेट " का विमोचन काशी महाकाल मंदिर में किया।*  *उन्होंने लिखा कि ब्राह्मण नहीं होते तो देश का कोई इतिहास ही नहीं होता, ब्राह्मणों ने ही समय समय पर अपना बलिदान देकर इस देश को बचाया है।* *पुस्तक में ब्राह्मणों गौरवशाली*         *इतिहास का वर्णन है।*  *अब यह अजूबा नहीं तो और क्या होगा की "नियाज खान" को ब्राह्मणो का महत्व समझ में आ गया लेकिन देश के सैंकड़ो हिन्दू यहाँ तक की स्वयं ब्राह्मण कुल में जन्मे भी अपनी आभा को समझ नहीं पाते।*

मैं ज़िंदा हूँ

मैं ज़िंदा हूँ एक पार्टी में जहाँ कई मशहूर हस्तियाँ मौजूद थीं, एक बुज़ुर्ग सज्जन मंच पर छड़ी के सहारे आए और अपनी सीट पर बैठ गए। होस्ट ने पूछा, “क्या आप अब भी डॉक्टर के पास अक्सर जाते हैं?” बुज़ुर्ग बोले, “हाँ, मैं तो अक्सर जाता हूँ!” होस्ट ने पूछा, “क्यों?” बुज़ुर्ग मुस्कराकर बोले, “मरीज़ों को तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए, तभी तो डॉक्टर ज़िंदा रहेगा!” श्रोता तालियों से गूंज उठे उस बुज़ुर्ग की हाज़िरजवाबी पर। फिर होस्ट ने पूछा, “तो क्या आप फार्मासिस्ट के पास भी जाते हैं?” बुज़ुर्ग बोले, “ज़रूर! क्योंकि फार्मासिस्ट को भी तो जीना है!” अबकी बार और ज़्यादा तालियाँ बजीं। होस्ट ने हँसते हुए पूछा, “तो फिर क्या आप फार्मासिस्ट की दी हुई दवा भी लेते हैं?” बुज़ुर्ग बोले, “नहीं! दवाइयाँ तो अक्सर फेंक देता हूँ… मुझे भी तो जीना है!” इस पर तो पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा। अंत में होस्ट ने कहा, “आपका धन्यवाद कि आप इस इंटरव्यू के लिए आए।” बुज़ुर्ग बोले, “आपका स्वागत है! मुझे मालूम है, आपको भी तो जीना है!” श्रोता इतने हँसे कि देर तक तालियाँ बजती रहीं। फिर एक और सवाल हुआ, “क्या आप अपने व्हाट्सएप ग्रुप में भ...

*घास के तिनके का रहस्य..**

आज की कहानी **घास के तिनके का रहस्य..** /+/+/+/+/+/+/+/ रामायण मे एक घास के तिनके का भी रहस्य है, जो हर किसी को नहीं मालूम क्योंकि आज तक किसी ने हमारे ग्रंथो को समझने की कोशिश नहीं की,सिर्फ पढ़ा है, देखा है, और सुना है,आज आप के समक्ष ऐसा ही एक रहस्य बताने जा रहा हूँ,रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया, तब लंका मे सीता जी वट व्रक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी, रावण बार बार आकर माँ सीता जी को धमकाता था  लेकिन माँ सीता जी कुछ नहीं बोलती थी,यहाँ तक की रावण ने श्री राम जी के वेश भूषा मे आकर माँ सीता जी को भी भ्रमित करने की कोशिश की लेकिन फिर भी सफल नहीं हुआ,रावण थक हार कर जब अपने शयन कक्ष मे गया तो मंदोदरी बोली आप तो राम का वेश धर कर गये थे फिर क्या हुआ,रावण बोला जब मैं राम का रूप लेकर सीता के समक्ष गया तो सीता मुझे नजर ही नहीं आ रही थी ! रावण अपनी समस्त ताकत लगा चुका था लेकिन जगत  जननी माँ को आज तक कोई नहीं समझ सका फिर रावणभी कैसे समझ पाता ! रावण एक बार फिर आया और बोला मैं तुमसे सीधे सीधे संवाद करता हूँ लेकिन तुम कैसी नारी  हो की मेरे आते ही घास का तिनका उठाकर उसे...

छत्रपति संभाजी महाराज (जयंती) _🙏

Image
* छत्रपति संभाजी महाराज (जयंती) _*  *( १४.०५.१६५७ - ११.०५.१६८९ )* *आज यानी १४ मई २०२५ को छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती है।* *संभाजी महाराज मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे। इसके अलावा उनका खुद का दमदार व्यक्तित्व है। संभाजी महाराज वीर और साहसी योद्धा होने के साथ ही धार्मिक सहिष्णुता और विद्वता के प्रतीक भी हैं।* *महज १५ वर्ष की उम्र में संभाजी महाराज को १३ भाषाओं का ज्ञान था। वह एक विद्वान लेखक और कवि भी थे। मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति संभाजी ने औरंगजेब की विशाल सेना से लड़ते हुए कई वर्षों तक मराठा भूमि की रक्षा की। जब औरंगजेब ने उन्हें बंदी बनाकर इस्लाम कबूल करने का आदेश दिया तो संभाजी महाराज ने धर्म परिवर्तन करने से मना कर दिया। इसके बाद उन्हें क्रूरता से शहीद कर दिया गया। संभाजी के व्यक्तित्व से शिक्षा लेकर नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी* *चाहिए।* *छत्रपति संभाजी महाराज की जन्म जयंती पर उन्हें सादर नमन 🙏* *राजेश नारायण श्रीवास्तव (एड.)*

कविता🙏

लेती नहीं दवाई मम्मी जोड़े पाई-पाई मम्मी। दुःख थे पर्वत, राई मम्मी, हारी नहीं लड़ाई मम्मी। इस दुनियां में सब मैले हैं, किस दुनियां से आई मम्मी। दुनिया के सब रिश्ते ठंडे, गरमागर्म रजाई मम्मी । जब भी कोई रिश्ता उधड़े, करती है तुरपाई मम्मी । बाबू जी तनख़ा लाये बस, लेकिन बरक़त लाई मम्मी। बाबूजी थे सख्त मगर , माखन और मलाई मम्मी। बाबूजी के पाँव दबा कर सब तीरथ हो आई मम्मी। नाम सभी हैं गुड़ से मीठे, मां जी, मैया, माई, मम्मी । सभी साड़ियाँ छीज गई थीं, मगर नहीं कह पाई  मम्मी । घर में चूल्हे मत बाँटो रे, देती रही दुहाई मम्मी। बाबूजी बीमार पड़े जब, साथ-साथ मुरझाई मम्मी । रोती है लेकिन छुप-छुप कर, बड़े सब्र की जाई मम्मी। लड़ते-लड़ते, सहते-सहते, रह गई एक तिहाई मम्मी । बेटी रहे ससुराल में खुश, सब ज़ेवर दे आई मम्मी। "माँ" से घर, घर लगता है, घर में घुली, समाई मम्मी । बेटे की कुर्सी है ऊँची, पर उसकी ऊँचाई मम्मी। दर्द बड़ा हो या छोटा हो, याद हमेशा आई मम्मी। घर के शगुन सभी "माँ" से,हैं है घर की शहनाई मम्मी। सभी पराये हो जाते हैं, होती नहीं पराई मम्मीll *HAPPY MOTHER'S DAY*

!! बुद्धिमत्ता की परीक्षा !!

*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*          *!! बुद्धिमत्ता की परीक्षा !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ बहुत पुरानी बात है, उन दिनों आज की तरह स्कूल नहीं होते थें। गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी और छात्र गुरुकुल में ही रहकर पढ़ते थे। उन्हीं दिनों की बात है, एक विद्वान पंडित थे, उनका नाम था- राधे गुप्त। उनका गुरुकुल बड़ा ही प्रसिद्ध था, जहाँ दूर दूर से बालक शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते थे। राधे गुप्त की पत्नी का देहांत हो चूका था, उनकी उम्र भी ढलने लगी थी, घर में विवाह योग्य एक कन्या थी, जिनकी चिंता उन्हें हर समय सताती थी। पंडित राधे गुप्त उसका विवाह ऐसे योग्य व्यक्ति से करना चाहते थे, जिसके पास सम्पति भले न हो पर बुद्धिमान हो। एक दिन उनके मन में विचार आया, उन्होंने सोचा कि क्यों न वे अपने शिष्यों में ही योग्य वर की तलाश करें। ऐसा विचार कर उन्होंने बुद्धिमान शिष्य की परीक्षा लेने का निर्णय लिया, उन्होंने सभी शिष्यों को एकत्र किया और उनसे कहा- मैं एक परीक्षा आयोजित करना चाहता हूँ, इसका उद्देश्य यह जानना है कि कौन सबसे बुद्धिमान है। मेरी पुत्री विवाह योग्य हो गई है और मुझे उ...

कविता🙏

लेती नहीं दवाई मम्मी जोड़े पाई-पाई मम्मी। दुःख थे पर्वत, राई मम्मी, हारी नहीं लड़ाई मम्मी। इस दुनियां में सब मैले हैं, किस दुनियां से आई मम्मी। दुनिया के सब रिश्ते ठंडे, गरमागर्म रजाई मम्मी । जब भी कोई रिश्ता उधड़े, करती है तुरपाई मम्मी । बाबू जी तनख़ा लाये बस, लेकिन बरक़त लाई मम्मी। बाबूजी थे सख्त मगर , माखन और मलाई मम्मी। बाबूजी के पाँव दबा कर सब तीरथ हो आई मम्मी। नाम सभी हैं गुड़ से मीठे, मां जी, मैया, माई, मम्मी । सभी साड़ियाँ छीज गई थीं, मगर नहीं कह पाई  मम्मी । घर में चूल्हे मत बाँटो रे, देती रही दुहाई मम्मी। बाबूजी बीमार पड़े जब, साथ-साथ मुरझाई मम्मी । रोती है लेकिन छुप-छुप कर, बड़े सब्र की जाई मम्मी। लड़ते-लड़ते, सहते-सहते, रह गई एक तिहाई मम्मी । बेटी रहे ससुराल में खुश, सब ज़ेवर दे आई मम्मी। "माँ" से घर, घर लगता है, घर में घुली, समाई मम्मी । बेटे की कुर्सी है ऊँची, पर उसकी ऊँचाई मम्मी। दर्द बड़ा हो या छोटा हो, याद हमेशा आई मम्मी। घर के शगुन सभी "माँ" से,हैं है घर की शहनाई मम्मी। सभी पराये हो जाते हैं, होती नहीं पराई मम्मीll *HAPPY MOTHER'S DAY*

कोड नेम सिन्दूर ———————

कोड नेम सिन्दूर  ———————                 कुछ वामियों को आपत्ति हुई कि ‘ऑपरेशन सिंदूर नाम क्यों रखा गया।यह धार्मिक और पितृ सत्तात्मक है।’ इस बयान से मुझे दो साल पहले की एक घटना याद आ गई। मध्यप्रदेश के शिवपुरी राष्ट्रीय उद्यान में वन अधिकारियों और एनजीओ को यह प्रशिक्षण दे रहा था कि वन विभाग के एक महत्वपूर्ण पोस्टर बॉय कार्यक्रम अनुभूति में विद्यार्थियों को नेचर ट्रेल में क्या -क्या बता सकते हैं। तभी एक प्रतिभागी ने पूछ लिया- “जिस पेड़ के नीचे खड़े होकर आप ज्ञान दे रहे हैं उसका क्या नाम है?” मुझे सोचने में बीस सेकंड लगे क्योंकि पास में चाँदपाठा जलाशय की जलधार वहाँ से बह रही थी। पेड़ का नाम सिन्दूर था। Mallotus philipinensis नाम का यह पेड़ लीनियस या उसके चेलों को भारत से पहले फिलीपींस में दिखा होगा इसलिये प्रजाति उसके नाम पर रख दी। नदियों के किनारे ही यह पेड़ मिलता है। इसके फलों के ऊपर सिंदूरी रंग का पाउडर आता है।जिसे एकत्रित कर उपयोग में लिया जाता था।           भारत में माँग में सिंदूर भरने की परम्परा लगभग ५००० साल ...

सरकोपेनिया*(Sarcopenia)

* सरकोपेनिया* (Sarcopenia)  उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर के अस्थि-मांसपेशियों (Musculo-skeletal) की ताकत में गिरावट आती है। मांसपेशियों की कमजोरी को सरकोपेनिया कहा जाता है।  उचित जानकारी व सजगता के अभाव में यह बीमारी डायबिटीज टाइप-2 की तरफ धकेलती जाती है। यह बात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली यानी AIIMS में हुए एक अध्ययन में सामने आई है।यह एक डरावनी स्थिति है।  सरकोपेनिया आमतौर पर बुजुर्ग और गतिहीन व्यक्ति और उन रोगियों को प्रभावित करता है जिनमें सह-रुग्णताएं होती हैं जो मस्कुलोस्केलेटल प्रणाली को प्रभावित करती हैं या शारीरिक गतिविधि को ख़राब करती हैं। *आइए सरकोपेनिया पर विचार करें!* 1-जितना हो सके खड़े रहने की आदत डालनी चाहिए,कम से कम बैठें. यदि आप बैठ सकते हैं तो कम से कम लेटें। 2-अगर कोई अधेड़ उम्र का व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है तो *उसे ज्यादा आराम करने के लिए ना कहें*. * लगातर लेटने और बिस्तर पर बैठने की सलाह न दें*। एक सप्ताह तक लेटे रहने से मांसपेशियाँ की संख्या  5% कम हो जाती है।  एक बूढ़ा आदमी अपनी मांसपेशियों का पुनर्निर्माण नहीं कर सकता, एक बार...

एक कटोरी प्रेम।* ✍🏻

🥣 * एक कटोरी प्रेम।* ✍🏻 _आपमें से बहुत से लोगों ने वह जीवन देखा और जिया भी होगा—_  जब पड़ोस वाली मौसी, चाची, या ताई से एक कटोरी चीनी, चायपत्ती, दही के लिए खट्टा, नींबू, थोड़ा धनिया, एक मिर्ची या आज का अख़बार मांग लाना बिल्कुल सामान्य बात थी। घर में कुछ खास बना हो तो एक-एक कटोरी या प्लेट आस-पास के दो घरों में न भेज दी जाए, तो जैसे *उसका स्वाद ही पूरा नहीं होता था।*  _"उस एक कटोरी में सिर्फ खाना नहीं, भरोसा होता था..."_  उस कटोरी का स्वाद *दाल से भी ज़्यादा मीठा* लगता था। उन प्लेटों में सिर्फ खाना नहीं, *अनमोल रिश्ते* परोसे जाते थे। और वो प्लेटें भी खाली नहीं लौटा करती थीं। उनके साथ कुछ न कुछ *अपनापन* ज़रूर लौटता था। घर में कोई बहुत खास मेहमान आने वाला हो तो— बिछाने के लिए चादर, टी-सेट, कांच के गिलास तो छोड़िए,  कुर्सियां और डाइनिंग टेबल अड़ोस-पड़ोस से या जाया करती थी ... और वो भी बेझिझक। फिर *ज़िन्दगी की इस आपाधापी में हम इतने "व्यक्तिगत" हो गए कि यह सब लुप्त होता चला गया।*  हम सब अपने-अपने घरों की चारदीवारी में सिमटकर रह गए। पड़ोस वाली मौसी, चाची, ताई—कब "आंटी...

! ऋषि की शक्ति।।

*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*          *!! ऋषि की शक्ति !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक बार एक ऋषि जंगल में रहते थे। वह बहुत शक्तिशाली बनने के लिए, जंगल में एक पेड़ के नीचे बैठकर बरसों से तपस्या कर रहे थे। भगवान उनकी तपस्या से खुश होकर, आशीर्वाद के रूप में उन्हें कई शक्तियां दी। जिनका वे आवश्यकता के समय उपयोग कर सकते थे। ऋषि बहुत ही विनम्र व्यक्ति थे। लेकिन भगवान से कुछ शक्तियां प्राप्त करने के बाद, उन्हें खुद पर गर्व होने लगा। जंगल से लौटने के बाद, वह गांव में अपने घर चले गए। एक दिन किसी काम के लिए उन्हें शहर जाना था। बीच में एक नदी थी, जिसे शहर जाने के लिए पार करना पड़ता था। नदी पार करने के लिए, नदी के दोनों किनारों पर नावें और नावें चलाने वाले उपलब्ध थे। ऋषि वहां पहुंचे और फिर नाव किराए पर लेने के लिए, नाव वाले के पास गए। लेकिन तभी उन्होंने एक दूसरे ऋषि को नदी के उस पार पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान करते देखा। ऋषि ने शक्ति प्राप्त कर लिया था और वहां बैठे ऋषि को अपनी शक्ति दिखाना चाहते थे। ऋषि ने अपनी शक्ति का उपयोग किया और जल्द ही नदी के उस पार चले गए। फिर, उस ऋ...

Atom_बम_गिरने_पर_रेडिएशन_से_कैसे_बचें?

# Atom_बम_गिरने_पर_रेडिएशन_से_कैसे_बचें? जानें 5 जरूरी उपाय जागरूक रहें।  May 8, 2025 परमाणु बम से होने वाले रेडिएशन से बचने के लिए जल्दी से आश्रय लें अपने कपड़े बदलें और अपने शरीर को अच्छी तरह से धो लें।  रेडिएशन से बचने के लिए 5 महत्वपूर्ण उपाय इस प्रकार हैं जरूर पढ़ें, 1. आश्रय लें: जैसे ही परमाणु बम का खतरा हो, तुरंत किसी सुरक्षित जगह पर आश्रय लें। किसी मजबूत इमारत में जाने की कोशिश करें, जैसे कि भूमिगत या बेसमेंट। अपने शरीर को रेडिएशन से ढकने के लिए किसी भी उपलब्ध वस्तु का उपयोग करें, जैसे कि कंबल या कपड़े। 2. कपड़े बदलें: रेडिएशन आपके कपड़ों पर बैठ सकता है। इसलिए, तुरंत अपने कपड़े बदल लें और उन्हें किसी प्लास्टिक बैग में बंद करके अलग रखें। 3. शरीर को धो लें: रेडिएशन को हटाने के लिए साबुन और पानी से अपने शरीर को अच्छी तरह से धो लें। ध्यान रखें कि अपने शरीर को रगड़ना नहीं है। अपने बालों को भी धो लें, लेकिन कंडीशनर का उपयोग न करें क्योंकि रेडिएशन इससे चिपक सकता है। 4. नाक, कान और आंखों को साफ करें: अपनी नाक, कान और आंखों को किसी साफ कपड़े या टिशू पेपर से बहुत सावधानी से साफ...

खूबसूरत सोच

  *एक खूबसूरत सोच ही एक खूबसूरत जिंदगी को जन्म देती है*  *सब को इकट्ठा रखने की ताकत "प्रेम" में है और सबको अलग*  *करने की ताकत "भ्रम" में है* : *परमात्मा कहते है* *  *जो"पॉजिटिव"सोचता है उसे कोई"जहर"नहीं मार सकता*  *और जो नेगेटिव सोचता है उसे कोई दवाई नहीं बचा सकती* *ज़िंदगी में कभी भी ये मत सोचो कि.* *कौन कब,कैसे और कहाँ बदल गया* *सिर्फ इतना देखो कि.* *वह तुम्हें सिखा कर क्या गया* *यही जीवन का ज्ञान है*  *पीड़ा केवल दुख ही नहीं,ज्ञान भी देती है* *न बनाओ अपने सफर को किसी कश्ती का मोहताज.* *चलो इस शान से की तूफान भी झुक जाए.*

खूबसूरत सोच

  *एक खूबसूरत सोच ही एक खूबसूरत जिंदगी को जन्म देती है*  *सब को इकट्ठा रखने की ताकत "प्रेम" में है और सबको अलग*  *करने की ताकत "भ्रम" में है* : *परमात्मा कहते है* *  *जो"पॉजिटिव"सोचता है उसे कोई"जहर"नहीं मार सकता*  *और जो नेगेटिव सोचता है उसे कोई दवाई नहीं बचा सकती* *ज़िंदगी में कभी भी ये मत सोचो कि.* *कौन कब,कैसे और कहाँ बदल गया* *सिर्फ इतना देखो कि.* *वह तुम्हें सिखा कर क्या गया* *यही जीवन का ज्ञान है*  *पीड़ा केवल दुख ही नहीं,ज्ञान भी देती है* *न बनाओ अपने सफर को किसी कश्ती का मोहताज.* *चलो इस शान से की तूफान भी झुक जाए.*

Meal on the Plane

Meal on the Plane I was seated in my seat on the flight, heading to Delhi—a journey of around 6 hours. I planned to spend the time reading a good book and getting an hour of sleep. Just before takeoff, around 10 soldiers came and sat around me, filling the nearby seats. Thinking it would be interesting, I asked the soldier next to me, “Where are you headed?” “To Agra, sir! We have two weeks of training there, and then we’ll be sent on an operation,” he replied. An hour passed. An announcement was made: “Lunch is available for purchase for those who wish to buy.” I thought to myself—still a long way to go, maybe I should eat. I reached for my wallet to book my meal when I overheard a conversation. “Shall we also get lunch?” one of the soldiers asked. “No, it's too expensive here. Let’s eat at a regular hotel once we land,” another replied. “Alright.” I walked up to the flight attendant and said, “Please give lunch to all of them,” and paid for everyone’s meal. Tears welled up in her...

एक छोटा सा अनुरोध 🙏

ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में एक छोटा सा अनुरोध 🙏 हम भारतीय सेना की भलाई के लिए 1,000 प्रार्थनाओं की श्रृंखला बना रहे हैं। एक प्रार्थना कहें और इसे दस लोगों को आगे भेजें, मुझे छोड़कर। इस श्रृंखला को आगे बढ़ने दें: "ओम नमो भगवते महासुदर्शनाय, वासुदेवाय, अमृत कलश हस्ताय, सकल भय विनाशाय, सर्व रोग निवारणाय, त्रिलोक पथाय, त्रिलोक निधये, ओम श्री महाविष्णु स्वरूपाय, ओम श्री श्री औषध चक्र नारायणाय नमः।" वेदों के अनुसार, यह एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है जो हमें स्वस्थ रखता है। 🙏🙏 कृपया इस प्रार्थना को आगे बढ़ाएं और दस लोगों को भेजें।

Jab Koyi Baat Bigad Jaye❤️

Let’s start the day with Mukesh Bhatt’s 1990 action film *”Jurm”* directed by Mahesh Bhatt.  The film starred Vinod Khanna, Meenakshi Seshadri and Sangeeta Bijlani. They were supported by Shafi Inamdar, Gopi Desai, Sharat Saxena, Anang Desai, Akash Khurana, Mahesh Anand and Om Shivpuri.  Between 1988-1992, Vinod Khanna and Shafi Inamdar starred together in four films (Aakrhi Adalat, Jurm, C.I.D., and Humshakal). And in all four of these movies, both the actors played police officers. The film was said to have sold for a heavy price after the success of Vinod Khanna 's last few movies. Despite the soundtrack releasing in November 1989 the film released nearly 9 months later. When released it was an average fare at the box office. Salim Khan and Mahesh Bhatt had a falling out over money matters. This would make Salman Khan swear never to work with Mahesh Bhatt. Vinod Khanna stopped the shooting several times because he was not happy with his pay check. So his pay was increased s...

आम की लौंजी" 😋😋👌👌

" आम की लौंजी" 😋😋👌👌 इस समय रेहड़ियों पर कच्चे आम बहुतायत में मिल रहे,आज की रेसिपी इन्हीं कच्चे आमों से प्रेरित है जो कि बेहद स्वादिष्ट और खट्टी मीठी होती है। 🌺सामग्री: कच्चे आम – 2 मध्यम आकार के (करीब 250 ग्राम)🥭🥭 गुड़ – 100-150 ग्राम (स्वाद अनुसार) सौंफ – 1 छोटी चम्मच कलौंजी – ½ छोटी चम्मच मेथी दाना – ¼ छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर – ½ छोटी चम्मच धनिया पाउडर – 1 छोटी चम्मच नमक – स्वादानुसार तेल – 1-2 बड़े चम्मच पानी – 1 कप 🌺विधि: 1. कच्चे आम को छीलकर मोटे-मोटे लंबे टुकड़ों में काट लें। 2. कढ़ाई में तेल गर्म करें। उसमें सौंफ, कलौंजी और मेथी दाना डालकर तड़काएं। 3. अब कटे हुए आम डालें और 2-3 मिनट भूनें। 4. इसके बाद हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर और नमक डालकर मिलाएं। 5. 1 कप पानी डालकर ढक दें और आम को मध्यम आंच पर नरम होने तक पकाएं। 6. जब आम नरम हो जाएं, तब गुड़ डालें और चलाते रहें जब तक गुड़ अच्छे से घुल न जाए। 7. अब आंच धीमी कर दें और लौंजी को गाढ़ा होने तक पकाएं। 8. गैस बंद कर दें और ठंडा होने पर परोसें। 😳🫣🤦‍♂️