संगीता भाबर 🙏
*शाष्टांग दण्डवत प्रणाम है साक्षात देवी को*
चित्र में दिखाई दे रही आपको लड़की पहनावे और रहन-सहन से भले ही पिछड़ी और गंवार जान पड़े, लेकिन उसकी हिन्दू धर्म के प्रति निष्ठा अनन्य है। इस लड़की ने तमाम सीमाओं को लांघते हुए ऐसा करतब कर दिखाया है कि आप भी जानकर हैरान होंगे और इस बहन पर गर्व करने से खुद को नहीं रोक पाएंगे।
मध्यप्रदेश झबुआ की रहने संगीता भाबर की शादी १७ अप्रैल को आशीष मचार से हुई। विदाई के बाद जब वह ससुराल पहुँची तो उसे घर के मंदिर ले जाया गया जहाँ संगीता ने देखा कि मंदिर में क्रास लटका हुआ है। क्रास देखकर उसका विश्वास टूट गया। उसने जब अपने पति से बात की तो पता लगा कि पूरा झबुआ गांव बीस साल पहले ही ईसाई हो चुका है। बस बाहरी दिखावे के लिए वो खुद को हिन्दू बताते हैं।
संगीता ने अपने ससुराल वालों को १८ अप्रैल को ही बता दिया कि वह केवल हिन्दू धर्म को मानने वालों के साथ रहेगी। उसने हिन्दू से शादी करनी थी न कि किसी और धर्म को मानने वाले से। जब ससुराल वालों ने उसकी बात नहीं मानी तो वह घर छोड़कर चली आई और थाने जाकर शिकायत कर दी। ससुराल वाले जेल गए।
फिर पूरे झबुआ के ग्रामीण संगीता के घर आए और सनातन धर्म में वापसी का संकल्प लिया। तब जाकर वह मानी और रिपोर्ट वापस ली। संगीता के ससुराल वालों ने बीस साल बाद हिन्दू धर्म में वापसी की।
एक साधारण हिन्दू नारी में निज धर्म की चेतना के इस स्तर का दर्शन जीवन में पहली बार हुआ। संगीता उत्कृष्ट उदाहरण है धर्मनिष्ठता का। 👏👏
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