शांति मंत्र जाप के क्या लाभ है?

सनातन धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व है। यह मंत्र बहुत शक्तिशाली और कल्याणकारी माने जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इन मंत्रों का जाप करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं तथा उनके जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। घर की सुख-समृद्धि से लेकर जीवन में शांति तक के लिए सनातन धर्म में कई मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। अगर आप अपने जीवन में तथा परिवार में शांति का वास करना चाहते हैं तो आपको शांति मंत्र का उच्चारण अवश्य करना चाहिए। शांति मंत्र एक तरह का प्रार्थना है जो पूजा, यज्ञ या तप से पहले या बाद में उच्चारित किया जाता है। हिंदू ग्रंथ उपनिषद में कई शांति मंत्रों का उल्लेख किया गया है जिनके एकमात्र उच्चारण से लोगों को परम शांति की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि, इन मंत्रों का उच्चारण करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

यहां पढ़ें, शांति मंत्र और जानें इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें।

शांति मंत्र

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षॅं शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्र्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वॅंशान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि।।
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:।।

शांति मंत्र के क्या लाभ हैं?

शांति मंत्र का उच्चारण करने से शरीर में उर्जा उत्पन्न होती है तथा शरीर के अंग सुव्यवस्थित तरीके से काम करते हैं। शांति मंत्र का उच्चारण करने से मस्तिष्क भी हल्का और शांत रहता है।

कब करना चाहिए शांति मंत्र का उच्चारण?

जानकारों के मुताबिक, शांति मंत्र का उच्चारण सुबह करना चाहिए ताकि पूरा दिन शांतिपूर्ण तरीके से बीते।

शांति मंत्र का महत्व क्या है?

शांति मंत्र का जाप करने से त्रिविध ताप की प्राप्ति होती है जिसमें अध्यात्मिक, अधिभौति और आधिदैविक शक्तियां मजबूत हैं। शक्ति मंत्र का उच्चारण करने से शारीरिक व मानसिक स्थिति मजबूत रहती है तथा आंतरिक ऊर्जा का विकास होता है।

शांति मंत्र की शक्ति क्या है?

सनातन धर्म में शांति मंत्र को शक्तिशाली और चमत्कारी कहा गया है। शांति मंत्र का जाप करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है तथा जीवन में आ रहीं सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं।  


Courtesy.. TimesNow, Hindi


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