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Showing posts from December, 2022

Happy Last Week -2022

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एक कविता . 💕 जिन्दगी का एक ओर वर्ष कम हो चला, कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला..💕  💕 कुछ ख्वाहिशें दिल मे रह जाती हैं.. कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं ..💕  💕 कुछ छोड़ कर चले गये.. कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर मे .. 💕  💕 कुछ मुझसे बहुत खफा हैं..  कुछ मुझसे बहुत खुश हैं.. 💕  💕 कुछ मुझे मिल के भूल गये.. कुछ मुझे आज भी याद करते हैं..💕  💕 कुछ शायद अनजान हैं.. कुछ बहुत परेशान हैं..💕  💕 कुछ को मेरा इंतजार हैं .. कुछ का मुझे इंतजार है.. 💕  💕 कुछ सही है कुछ गलत भी है. कोई गलती तो माफ कीजिये और कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये।💕🦚 *💕🦚Happy Last* *Week of Year 2022* 💕🦚sk🙏

The Magic Tree .. A Poem

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My best friend is a live oak tree. His branches shade and shelter me. Beneath these arms of green, each day, I come to sit and read and play. If you look up and squint your eyes, think hard of golden butterflies, and drink one drop of morning dew, you’ll see him smiling down on you. Not every grown-up sees his face but Grandpa sees it (just in case you don’t believe me) and what’s more; around the back, we’ve found a door. A tiny door, for elf or gnome, or other folk who make a home inside my wondrous, magic tree. Each night, they leave a gift…for me! Written by Susan Noyes Anderson on August 26, 2009. Posted in Children's Poems, Nature Poems

मॉडर्न शादियां; A forward

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मॉडर्न शादियां; शहर से दूर महंगे रिसोर्ट में शादिया होने लगी है शादी के 2 दिन पूर्व ही रिसोर्ट बुक करा लिया जाते हैं और शादी वाला परिवार वहां शिफ्ट हो जाता है, आगंतुक और मेहमान सीधे वही आते हैं और वहीं से विदा हो जाते हैं । इतनी दूर होने वाले समारोह में जिनके पास अपने चार पहिया वाहन होते हैं वहीं पहुंच पाते हैं  और सच मानिए समारोह के मेजबान की दिली इच्छा भी यही होती है कि सिर्फ कार वाले मेहमान ही  रिसेप्शन हॉल में आए और वह निमंत्रण भी उसी श्रेणी के अनुसार देता है । दो तीन तरह की श्रेणियां आजकल रखी जाने लगी है किसको सिर्फ लेडीस संगीत में बुलाना है , किसको सिर्फ रिसेप्शन में बुलाना है  किसको कॉकटेल पार्टी में बुलाना है , और किस वीआईपी परिवार को इन सभी कार्यक्रमों में बुलाना है । इस आमंत्रण में अपनापने की भावना खत्म हो चुकी है । सिर्फ मतलब के व्यक्तियों को या परिवारों को आमंत्रित किया जाता है । लेडीज संगीत कहने को तो महिलाओं के लिए ही होता है परंतु इसमें भी डिनर की व्यवस्था रिसेप्शन की तरह ही इतनी भारी-भरकम होती है कि  एक आम व्यक्ति अपने दो बच्चों की शादी का...

चीटिंग:- एक प्यार ऐसा भी*

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* चीटिंग:- एक प्यार ऐसा भी* नींद की गोलियों की आदी हो चुकी बूढ़ी माँ नींद की गोली के लिए ज़िद कर रही थी। बेटे की कुछ समय पहले शादी हुई थी। बहु डॉक्टर थी। *बहु सास को नींद की दवा की लत के नुकसान के बारे में बताते हुए उन्हें गोली नहीं देने पर अड़ी थी*। जब बात नहीं बनी तो सास ने गुस्सा दिखाकर नींद की गोली पाने का प्रयास किया।। *अंत में अपने बेटे को आवाज़ दी*। बेटे ने आते ही कहा,*'माँ मुहं खोलो*। पत्नी के मना करने पर भी बेटे ने जेब से एक दवा का पत्ता निकाल कर *एक छोटी पीली गोली माँ के मुहं में डाल दी*। पानी भी पिला दिया। गोली लेते ही *आशीर्वाद देती हुई माँ सो गयी*।  पत्नी ने कहा..ऐसा नहीं करना चाहिए पति ने दवा का पत्ता अपनी पत्नी को दे दिया। *विटामीन की गोली* का पत्ता देखकर *पत्नी के चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी।* धीरे से बोली.. *आप माँ के साथ चीटिंग करते हो*।  पति बोला.. *बचपन में माँ ने भी चीटिंग करके कई चीजें खिलाई है। पहले वो करती थीं। अब मैं बदला ले रहा हूँ। यह कहते हुए बेटा मुस्कुराने लगा।* *जय श्रीराम*

अति सुन्दर,सनातन घड़ी

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*🌹अति सुन्दर,सनातन घड़ी🌹*  *12:00* बजने के स्थान पर *आदित्य* लिखा हुआ है जिसका अर्थ यह है कि *सूर्य 12 प्रकार* के होते हैं। *1:00* बजने के स्थान पर *ईश्वर* लिखा हुआ है इसका अर्थ यह है कि *ईश्वर एक* ही प्रकार का होता है। *एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति।* *2:00* बजने की स्थान पर *पक्ष* लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि *पक्ष दो* होते हैं *1 कृष्ण पक्ष* औऱ दूसरा *शुक्ल पक्ष।* *3:00* बजने के स्थान पर *अनादि तत्व* लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि *अनादि तत्व 3* हैं। *परमात्मा*, *जीवात्मा* और *प्रकृति* ये तीनों तत्व अनादि है , *4:00* बजने के स्थान पर *वेद* लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं -- *ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।* *5:00* बजने के स्थान पर *महाभूत* लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य है कि महाभूत पांच प्रकार के होते हैं। *पांच महाभूत हैं* - *सत्वगुण, रजगुण, कर्म, काल, स्वभाव"* *6:00* बजने के स्थान पर *दर्शन* लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि *दर्शन 6 प्रकार* के होते हैं । छः दर्शन  *सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदान्त* के...

एक बाप और बेटे की कहानी*

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* एक बाप और बेटे की कहानी* एक बाप अदालत में दाखिल हुआ। ताकि अपने बेटे की शिकायत कोर्ट में कर सके। जज साहब ने पूछा, आपको अपने बेटे से क्या शिकायत है। बूढ़े बाप ने कहा, की मैं अपने बेटे से उसकी हैसियत के हिसाब से हर महीने का खर्च मांगना चाहता हू।  जज साहब ने कहा, वो तो आपका हक है। इसमें सुनवाई की क्या जरूरत है। आपके बेटे को हर महीने, खर्च देना चाहिए। बाप ने कहा की मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है। लेकिन फिर भी मुझे हर महीना, अपने बेटे से खर्चा लेना चाहता हू। वो चाहे कम का ही क्यों न हो। जज साहब आश्चर्यचकित होकर, बाप से कहने लगा, आप इतने मालदार हो, तो आपको बेटे से क्यों पैसे की क्या आवश्यकता है।  बाप ने अपने बेटे का नाम और पता देते हुए, जज साहब से कहा,  की आप मेरे बेटे को अदालत में बुलाएंगे। तो आपको बहुत कुछ पता चल जाएगा। जब बेटा अदालत में आया, तो जज साहब ने बेटे से कहा, की आपके पिता जी, आपसे हर महीना खर्चा लेना चाहते हैं। चाहे वह कम क्यों न हो।  बेटा भी जज साहब की बात सुनकर ,आश्चर्यचकित हो गया कहने लगा। मेरे पिता जी बहुत अमीर हैं, उनके पास पैसे की भला क्या...

मुफ्तखोरी की कहानी

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यह कहानी पड़ के लाभ उठाना  अनाज से भरे जार के शीर्ष पर एक "चूहा" रखा गया था। अपने आस-पास इतना सारा खाना पाकर वह बहुत खुश था। अब उसे भोजन की तलाश में इधर-उधर भागने की जरूरत नहीं है और वह खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर सकता है।  जैसे ही उसने अनाज का आनंद लिया, कुछ ही दिनों में वह जार के तल पर पहुंच गया। अब वह फंस गया है और वह इससे बाहर नहीं आ सकता है। उसे जीवित रहने के लिए उसी घड़े में अनाज डालने के लिए किसी पर निर्भर रहना पड़ता है। उसे अपनी पसंद का अनाज भी न मिले और वह चुन भी नहीं सकता। इससे सीखने के लिए यहां चार सबक हैं: 1) अल्पकालीन सुख दीर्घकालीन जाल में फंसा सकता है। 2) अगर चीजें आसान हो रही हैं और आप सहज हो रहे हैं, तो आप सर्वाइवल मोड में फंस रहे हैं। 3) जब आप अपने कौशल का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो आप अपने कौशल से अधिक खो देंगे। आप अपनी पसंद खो देते हैं। 4) सही कार्य सही समय पर करना होगा, वरना आपके पास जो कुछ भी है उसे आप खो देंगे।

Music Connects Hearts

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  Music connects Hearts According to new research, music helps synchronize our bodies and our brains. We listen to music from the moment we are born . According to research we have a dedicated part of our brain for processing music. Listening to music and singing together directly impacts neuro-chemicals in the brain, creating an urge for social connection through the release of endorphins.  Rhythm in music synchronizes our head and heart healing our sou l.

Laughter Therapy

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* बारहवी के बाद B.A करना उतना ही जरूरी है,* *जितना मरने के बाद तेरहवीं करना।* *होता कुछ नहीं, बस आत्मा को शांति मिल जाती है।* 😄😄😄😄😄 *दोस्त की शादी में इतना नागिन डान्स किया कि दोस्त का बाप भी पूछ बैठा,* *"बेटा शादी होने देगा या नागमणी लेकर ही मानेगा.* 😤😂😂 *ठण्ड में सबसे बड़ी समस्या.* *आधी रात तो यही सोचने में निकल जाती है कि,,,* *कम्बल लम्बा किधर से है और चौड़ा किधर से..* 😁😁😆😆😂😂 *रूम लेकर रहने वाले  लड़के तब तक  बर्तन नहीं धोते* *जब तक कढ़ाई में चाय बनाने की  नौबत ना आ जाये.* 😜😜  *जब घर में पोंछा लगा हो तो साला ऐसे निकलना पड़ता है.* *जैसे पाकिस्तानियों ने बारूद बिछा दिया हो।* 😂😂😂 *जिस दिन सोचता हूँ, कि ज़िन्दगी में बहुत बड़े बड़े काम करने हैं.* *साला उसी दिन घरवाले गेहूँ पिसवाने भेज देते हैं.* 😂😂😂 *इंसान के पास दिमाग होना चाहिये...* *खोपड़ी तो भूतो के पास भी होती है !!* 😜😜😜 *ये तो अच्छा है कि बोर्ड परीक्षा का कोई exit poll नही आता,* *नहीं तो घरवाले 3-4 दिन पहले से ही "पिटाई" शुरू कर देते...!* 😂😅😁😀 *पत्नी : "मैं कब से पूछ रही हूँ कि...

गृहिणी एक कविता

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सुंदर कविता ❤️ सभी महिलाओं को समर्पित... 🌹 बहुत ही सुंदर और सच लिखा है किसी ने स्त्रियों के लिए ………. रसायनशास्त्र से शायद ना पडा हो पाला,  पर सारा रसोईघर प्रयोगशाला दूध में साइटरीक एसिड डालकर पनीर बनाना या  सोडियम बाई कार्बोनेट से केक फुलाना,  चम्मच से सोडियम क्लोराइड का सही अनुपात तोलती  रोज कितने ही प्रयोग कर डालती हैं...  पर खुद को कोई  वैज्ञानिक नही बस गृहिणी ही मानती हैं...  रसोई गैस की बढ़ती क़ीमतें  या सब्जी के बढ़े भाव पैट्रोल डीजल महँगा हो या तेल मे आए उछाल घर के बिगड़े हुए बजट को झट से सम्हालती है...  अर्थशास्त्री होकर भी खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं... मसालों के नाम पर भर रखा आयूर्वेद का खजाना गमलो मे उगा रखे हैं तुलसी गिलोय करीपत्ता छोटी मोटी बीमारियों को काढ़े से भगाना जानती है पर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं। सुंदर रंगोली और मेहँदी में  नजर आती इनकी चित्रकारी सुव्यवस्थित घर में झलकती है इनकी कलाकारी ढोलक की थाप पर गीत गाती नाचती है कितनी ही कलाए जानती है पर  खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं समाजशास्त्र ना प...

पापा की परी* सुंदर कविता

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  सुंदर कविता           पापा की परी * बिटिया थोड़ी बड़ी हो गयी थी ,* *एक रोज उसने बड़े सहज भाव में,अपने पिता से पूछा -🤷‍♂️* *"पापा, क्या मैंने आपको कभी*  *रुलाया" है, ?* *पिता ने कहा -"हाँ "* *उसने बड़े आश्चर्य से पूछा -*  *"कब" ?* *पिता ने बताया - 'उस समय तुम करीब एक साल की थीं,* *घुटनों पर सरकती थीं,* *मैंने तुम्हारे सामने पैसे, पेन और खिलौना रख दिया,,* *क्योंकि मैं ये देखना चाहता था, कि, तुम तीनों में से किसे उठाती हो,,* *तुम्हारा चुनाव मुझे बताता कि, बड़ी होकर तुम किसे अधिक महत्व देतीं,,* *जैसे पैसे मतलब संपत्ति,* *पेन मतलब बुद्धि और* *खिलौना मतलब आनंद,* *मैंने ये सब बहुत सहजता से लेकिन उत्सुकतावश किया था,,👍🤷‍♂️* *क्योंकि मुझे सिर्फ तुम्हारा चुनाव देखना था,,*  *पर तुम,* https://chat.whatsapp.com/EsD8SmyGNX6EngzVwz9Csz *एक जगह स्थिर बैठीं टुकुर टुकुर उन तीनों वस्तुओं को देख रहीं थीं,,🤷‍♂️* *मैं तुम्हारे सामने उन वस्तुओं की दूसरी ओर खामोश बैठा बस तुम्हें ही देख रहा था,,* *तुम घुटनों और हाथों के बल सरकती आगे बढ़ीं,,*...

अच्छी कहानी

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प्रिया मित्रों एक अच्छी कहानी एक पोस्टमैन ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा,”चिट्ठी ले लीजिये।” अंदर से एक बालिका की आवाज आई,”आ रही हूँ।” लेकिन तीन-चार मिनट तक कोई न आया तो पोस्टमैन ने फिर कहा,”अरे भाई! मकान में कोई है क्या,अपनी चिट्ठी ले लो।” लड़की की फिर आवाज आई,”पोस्टमैन साहब,दरवाजे के नीचे से चिट्ठी अंदर डाल दीजिए,मैं आ रही हूँ।” पोस्टमैन ने कहा,”नहीं,मैं खड़ा हूँ,रजिस्टर्ड चिट्ठी है,पावती पर तुम्हारे साइन चाहिये।” करीबन छह-सात मिनट बाद दरवाजा खुला।  पोस्टमैन इस देरी के लिए झल्लाया हुआ तो था ही और उस पर चिल्लाने वाला था लेकिन दरवाजा खुलते ही वह चौंक गया, सामने एक अपाहिज कन्या जिसके पांव नहीं थे,सामने थी। पोस्टमैन चुपचाप पत्र देकर और उसके साइन लेकर चला गया। हफ़्ते, दो हफ़्ते में जब कभी उस लड़की के लिए डाक आती, पोस्टमैन एक आवाज देता और जब तक वह कन्या न आती तब तक खड़ा रहता। एक दिन कन्या ने पोस्टमैन को नंगे पाँव देखा।  दीपावली नजदीक आ रही थी। उसने सोचा पोस्टमैन को क्या ईनाम दूँ। एक दिन जब पोस्टमैन डाक देकर चला गया,तब उस लड़की ने, जहां मिट्टी में पोस्टमैन के पाँव के...