पापा की परी* सुंदर कविता
सुंदर कविता
पापा की परी
*बिटिया थोड़ी बड़ी हो गयी थी ,*
*एक रोज उसने बड़े सहज भाव में,अपने पिता से पूछा -🤷♂️*
*"पापा, क्या मैंने आपको कभी*
*रुलाया" है, ?*
*पिता ने कहा -"हाँ "*
*उसने बड़े आश्चर्य से पूछा -*
*"कब" ?*
*पिता ने बताया - 'उस समय तुम करीब एक साल की थीं,*
*घुटनों पर सरकती थीं,*
*मैंने तुम्हारे सामने पैसे, पेन और खिलौना रख दिया,,*
*क्योंकि मैं ये देखना चाहता था, कि, तुम तीनों में से किसे उठाती हो,,*
*तुम्हारा चुनाव मुझे बताता कि, बड़ी होकर तुम किसे अधिक महत्व देतीं,,*
*जैसे पैसे मतलब संपत्ति,*
*पेन मतलब बुद्धि और*
*खिलौना मतलब आनंद,*
*मैंने ये सब बहुत सहजता से लेकिन उत्सुकतावश किया था,,👍🤷♂️*
*क्योंकि मुझे सिर्फ तुम्हारा चुनाव देखना था,,*
*पर तुम,*
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*एक जगह स्थिर बैठीं टुकुर टुकुर उन तीनों वस्तुओं को देख रहीं थीं,,🤷♂️*
*मैं तुम्हारे सामने उन वस्तुओं की दूसरी ओर खामोश बैठा बस तुम्हें ही देख रहा था,,*
*तुम घुटनों और हाथों के बल सरकती आगे बढ़ीं,,*
*मैं अपनी श्वांस रोके तुम्हें ही देख रहा था,,👍🤷♂️*
*और क्षण भर में ही तुमने तीनों वस्तुओं को आजू बाजू सरका दिया और उन्हें पार करती हुई, कर सीधे मेरी गोद में बैठ गयीं,,🤷♂️*
*मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि, उन तीनों वस्तुओं के अलावा तुम्हारा एक चुनाव मैं भी तो हो सकता था,,😒🙏👍🤷♂️*
*तभी तुम्हारा तीन साल का भाई आया ओर पैसे उठाकर चला गया,,🤷♂️*
*वो पहली और आखरी बार था बेटा जब, तुमने मुझे रुलाया..ओर बहुत रुलाया,,😔🤷♂️😔*
*आखिर बेटी तो बेटी ही होती है,,,*
*भगवान की दी हुई सबसे,*
*अनमोल धरोहर है बेटी,*
*कुदरत की सबसे प्यारी सौगात हे बेटी,,*
*दिल की धड़कन होती हे बेटीयां,,*🙏😔
*सभी बेटीयों के पिताओं को सादर समर्पित!!*🙏😔🪷💕🌹✍️
🌹🙏🌹
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