प्रेम vs प्यार❤️
“प्रेम में बढ़ना एक आध्यात्मिक बात है।
“प्यार में पड़ना एक जैविक बात है।
"जीव विज्ञान अंधा है, इसीलिए प्रेम को अंधा कहा जाता है। लेकिन मैं जिस प्रेम की बात कर रहा हूँ, वह एकमात्र अंतर्दृष्टि है जो हर किसी को आसानी से उपलब्ध है। बस थोड़ा सा प्रयास...
"प्रेम आपके मौन, जागरूकता, ध्यान से आना चाहिए। यह कोमल है, यह बंधन मुक्त है - क्योंकि प्रेम जिससे प्रेम किया जाता है, उसके लिए बंधन कैसे पैदा कर सकता है? यह एक-दूसरे को अधिक से अधिक स्वतंत्रता दे रहा है। जैसे-जैसे प्रेम गहरा होता जाता है, स्वतंत्रता बड़ी होती जाती है। जैसे-जैसे प्रेम गहरा होता जाता है, आप व्यक्ति को वैसे ही स्वीकार करना शुरू कर देते हैं, जैसा वह है। आप व्यक्ति को बदलने की कोशिश करना बंद कर देते हैं।“प्रेम में बढ़ना एक आध्यात्मिक बात है।
“प्यार में पड़ना एक जैविक बात है।
"जीव विज्ञान अंधा है, इसीलिए प्रेम को अंधा कहा जाता है। लेकिन मैं जिस प्रेम की बात कर रहा हूँ, वह एकमात्र अंतर्दृष्टि है जो हर किसी को आसानी से उपलब्ध है। बस थोड़ा सा प्रयास...
"प्रेम आपके मौन, जागरूकता, ध्यान से आना चाहिए। यह कोमल है, यह बंधन मुक्त है - क्योंकि प्रेम जिससे प्रेम किया जाता है, उसके लिए बंधन कैसे पैदा कर सकता है? यह एक-दूसरे को अधिक से अधिक स्वतंत्रता दे रहा है। जैसे-जैसे प्रेम गहरा होता जाता है, स्वतंत्रता बड़ी होती जाती है। जैसे-जैसे प्रेम गहरा होता जाता है, आप व्यक्ति को वैसे ही स्वीकार करना शुरू कर देते हैं, जैसा वह है। आप व्यक्ति को बदलने की कोशिश करना बंद कर देते हैं।
प्रस्तुति- स्वामी अद्वैत भारती
बोधि मठ इंटरनेशनल (कोसी)
पूर्णिया बिहार- 095708 85495
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