आज का रात्रि: चिंतन🌹
*💐🪷🌾आज का रात्रि: चिंतन:🌾🪷💐*
 *💐🪷🌾करीबी और ग़रीबी का सिखाया हुआ सबक इंसान को बदलने पर मजबूर कर देते हैं जैसे नींबू की कुछ बूंदे दूध और पानी को अलग-अलग कर देता है वैसे ही हमारा थोड़ा सा धमंड सारे रिश्तों को अलग थलग कर देता हैदौलत सिर्फ रहन-सहन का स्तर बदल सकती है बुद्धि नियत और तकदीर नहीं..!!*
*💐🪷🌾प्रेम से बढ़कर त्याग है दौलत से बढ़कर मानवता है परंतु सुंदर रिश्तों से बढ़कर इस दुनियाँ में कुछ भी नहीं है जरूरी नहीं की मिठाई खिलाकर ही दूसरो का मुँह मीठा करे आप मीठा बोलकर भी लोगों को खुशियाँ दे सकते है शब्दों से हीं लोगों कें दिलों पे राज़ किया जाता हैं चेहरे का क्या वो तों किसी भी हादसे में बदल सकता हैं.!!*
*💐🪷🌾इंसान यदि ख़ुश है, तो हर रोज़ दिवाली है, अगर इंसान को अपनों का साथ है तो हर रोज़ त्योहार है वक़्त खुशियों का मोह ताज नहीं पर ख़ुशियाँ वक़्त की मोह ताज होती हैं क्योंकि वक़्त बदलते देर नहीं लगती आत्मा का प्रकाश ही सच्ची दिवाली है जब तक भीतर जलता है तो जीवन का अंधकार अपने आप मिट जाता है इस दिवाली अपने भीतर के दीपक को जलाएँ जब आत्मा का प्रकाश जागृत होता है तो जीवन के अंध कार स्वतः दूर हो जाते हैं चलो हम सब इस दिवाली अपनी आत्मा को उजागर करने का संकल्प लेते हैं जीवन मे जिस दिन आप ये समझ गये कि आपकी हार और जीत के आप स्वयं ही जिम्मेदार हैं उस दिन आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता इच्छाओं के अनुरूप जीने के लिए जुनून चाहिए वरना परिस्थितियां तो सदा विपरीत रहती हैं*
*💐🪷🌾प्रेम से बढ़कर त्याग है दौलत से बढ़कर मानवता है परंतु सुंदर रिश्तों से बढ़कर इस दुनियाँ में कुछ भी नहीं है जरूरी नहीं की मिठाई खिलाकर ही दूसरो का मुँह मीठा करे आप मीठा बोलकर भी लोगों को खुशियाँ दे सकते है शब्दों से हीं लोगों कें दिलों पे राज़ किया जाता हैं चेहरे का क्या वो तों किसी भी हादसे में बदल सकता हैं.!!*
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