मंगलमय बधाई एवं शुभकामनाएं।

हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🌸🌺🕉️ प्रथम सोमवार एवं श्रावण मास आरंभ की आप सभी भक्तों को मंगलमय बधाई एवं शुभकामनाएं।  📿🛕🌸🌿🙏*सावन, शिव और सोमवार के पौराणिक तथ्य*


*सावन, शिव और सोमवार का संबंध केवल व्रत और पूजा तक सीमित नहीं है, यह गहरे पौराणिक रहस्यों, आस्था और सृष्टि के कल्याण से जुड़ा है।*


*सावन है सृष्टि की शांति का समय। शिव हैं करुणा और न्याय के प्रतीक। सोमवार है, उनके भक्तों के लिए वरदान का दिन।* 


*ये तीनों एक-दूसरे से ऐसे जुड़े हैं। जैसे जल, गंगा और शिवलिंग।* 


*जब सावन आता है तो आकाश से वर्षा की बूंदें धरती को शिवमय करने लगती हैं। इस मास का प्रत्येक सोमवार शिवभक्तों के लिए मुक्ति, कृपा और विशेष आशीर्वाद का अमूल्य अवसर बन जाता है, इसीलिए सावन मास को भगवान शिव का अत्यंत प्रिय समय कहा गया है।* 


*पुराणों के अनुसार इसी मास में माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। मान्यता है कि श्रावण मास में की गई पूजा हजार गुना फलदायी होती है, क्योंकि इस समय महादेव विशेष रूप से जागृत रहते हैं।* 


*पौराणिक कथानुसार समुद्र मंथन के समय जब अमृत और विष निकले तो सबसे पहले कालकूट विष प्रकट हुआ जिसने सृष्टि के तीनों लोकों को जलाने लगा। देवता और दानव किसी उपाय में असमर्थ थे। तब भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए वह विष स्वयं पी लिया।* 


*विष गले में अटक गया और वे नीलकंठ कहलाए। विषपान के बाद भगवान शिव का शरीर अत्यंत गर्म हो गया, जिसे शीतल करने के लिए देवताओं ने गंगाजल अर्पित किया।* 


*यह गंगाजल चढ़ाने की परंपरा श्रावण मास से ही प्रारंभ मानी जाती है। गंगा, भगवान शिव की जटाओं में विराजमान हैं। विष के प्रभाव को शीतल करने के लिए गंगाजल ही सर्वोत्तम उपाय बताया गया। सावन में शिवलिंग पर जल अर्पित करने से शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं, क्योंकि यह उनकी ग्रीष्म पीड़ा का शमन माना जाता है।* 


*जहां तक सोमवार का शिव से संबंध, का है तो सोम’ का अर्थ है चंद्रमा। चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हैं। सोम का स्वामी भी भगवान शिव को माना जाता है। सोमवार शिव का अत्यंत प्रिय दिन है।* 


*श्रावण मास के सोमवार पर शिव आराधना से विशेष पुण्य और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। शिव पुराण के अनुसार माता पार्वती ने श्रावण मास में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन व्रत और तप किया था। उन्होंने लगातार सोमवार व्रत रखे और शिव की कठोर तपस्या किया। भगवान शिव माता पार्वती की भक्ति से प्रसन्न हुए और उनसे विवाह किया। तभी से कन्याओं में सोमवार व्रत का विशेष महत्व माना जाता है।*


 *शास्त्रों के अनुसार: सावन मास में रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, रुद्राष्टक पाठ और शिव चालीसा का विशेष महत्व होता है। श्रावण में अभिषेक करने से सभी जन्मों के पाप समाप्त हो जाते हैं।*


*वर्षा की फुहारें महादेव के जलाभिषेक का प्रतीक हैं। हर बूंद शिव को समर्पित मानी जाती है। धरती, गगन, जल, वायु सब शिवमय हो जाते हैं शिवः सृष्टि, विनाश और पुनर्निर्माण के अधिपति भगवान शिव न केवल संहारक हैं, बल्कि सृष्टि के पालनकर्ता भी हैं।*

 *भोलेनाथ अपनी सहजता, सरलता और करुणा के लिए जाने जाते हैं। वे एक ऐसे देवता हैं जो केवल जल, बिल्वपत्र, और सच्ची भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं। शिव वह हैं जो भस्म धारण करते हैं लेकिन भक्तों को अक्षय पुण्य का आशीर्वाद देते हैं।*


*श्रावण मास में क्या न करें।*


*सावन के महीने में मांस मदिरा सा सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। सावन का महीना भोलेनाथ का प्रिय माह है। इस माह में ऐसे कार्य करने चाहिए जिनसे भोलेनाथ प्रसन्न हो,* 


*उन कार्यों से दूरी बनाकर रखना चाहिए जो भोलेनाथ को ना पसंद हो, इस माह में क्रोध और अंहकार से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। साथ ही किसी को कटू शब्द नहीं बोलने चाहिए।*


*आपका शरीर स्वस्थ्य रहे आप दीर्घायु हों आपका जीवन मंगलमय हो महादेव की कृपा अनवरत आप पर बनी रहे।*

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