आज का दिन बहुत भारी है।

आज का दिन बहुत भारी है।

अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा सिर्फ एक समाचार नहीं है —
यह दुख का पहाड़ है,
जो ना जाने कितने घरों पर टूट पड़ा।

वो विमान सिर्फ एक मशीन नहीं थी —
वो एक चलती हुई उम्मीद थी,
जिसमें बैठे थे हमारे अपने…
कोई भारत का था, कोई विदेश से था,
कोई किसी की माँ थी,
कोई बेटे के पास लौट रहा था,
कोई नौकरी के सफर में था,
कोई छुट्टी मनाकर वापस आ रहा था।

लेकिन किसी को भी क्या पता था…
कि यह यात्रा उनकी अंतिम यात्रा बन जाएगी।

मन व्यथित है…
हृदय मौन है…
आँखें नम हैं…

हम उन सभी परिवारों के साथ हैं
जो आज अपने अपनों को खो बैठे हैं।

ईश्वर से प्रार्थना है —
कि जो इस हादसे में दिवंगत हुए,
उनकी आत्मा को शांति दे।
और जो इस समय पीड़ा में हैं,
उन्हें धैर्य, साहस और सहारा दे।

आज न भाषा काम आती है, न तर्क…
बस एक बात कहनी है:

हम आपके साथ हैं।
पूरी मानवता आपके साथ है।
और यह देश, हर पीड़ित परिवार को नमन करता है।

ॐ शांति।
नमन और श्रद्धांजलि।

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