एक कटोरी प्रेम।* ✍🏻
🥣 *एक कटोरी प्रेम।* ✍🏻
_आपमें से बहुत से लोगों ने वह जीवन देखा और जिया भी होगा—_
जब पड़ोस वाली मौसी, चाची, या ताई से एक कटोरी चीनी, चायपत्ती, दही के लिए खट्टा, नींबू, थोड़ा धनिया, एक मिर्ची या आज का अख़बार मांग लाना बिल्कुल सामान्य बात थी।
घर में कुछ खास बना हो तो एक-एक कटोरी या प्लेट आस-पास के दो घरों में न भेज दी जाए, तो जैसे *उसका स्वाद ही पूरा नहीं होता था।*
_"उस एक कटोरी में सिर्फ खाना नहीं, भरोसा होता था..."_
उस कटोरी का स्वाद *दाल से भी ज़्यादा मीठा* लगता था।
उन प्लेटों में सिर्फ खाना नहीं, *अनमोल रिश्ते* परोसे जाते थे।
और वो प्लेटें भी खाली नहीं लौटा करती थीं। उनके साथ कुछ न कुछ *अपनापन* ज़रूर लौटता था।
घर में कोई बहुत खास मेहमान आने वाला हो तो— बिछाने के लिए चादर, टी-सेट, कांच के गिलास तो छोड़िए,
कुर्सियां और डाइनिंग टेबल अड़ोस-पड़ोस से या जाया करती थी ... और वो भी बेझिझक।
फिर *ज़िन्दगी की इस आपाधापी में हम इतने "व्यक्तिगत" हो गए कि यह सब लुप्त होता चला गया।*
हम सब अपने-अपने घरों की चारदीवारी में सिमटकर रह गए।
पड़ोस वाली मौसी, चाची, ताई—कब "आंटी" बन गईं, हमें खुद भी पता नहीं चला।
*परस्पर संवाद टूट गया,* और साथ ही वो अपनापन भी।
_आज सामाजिक संकट के इस युग ने हमें सिखा दिया है—_
कि उस *पुराने समय को लौटाना अब सिर्फ एक याद नहीं, एक ज़रूरत बन गया है।*
उन "पड़ोस वाली आंटियों" को फिर से मौसी, चाची, ताई बनाना ही होगा।
उन कटोरी-थालियों को एक बार फिर से अड़ोस-पड़ोस ने घरों में आना-जाना शुरू करना ही होगा।
*"हमारी रसोई में सिसकती साँझा संस्कृति को फिर से साँस चाहिए।"*
_आज की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है—_ अपने आसपास, अपने पड़ोस में रह रहे ' *अपनों' से फिर से जुड़ना।*
उनसे मदद लेना, उन्हें सहयोग देना।
जिनके लिए हम आजकल सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से गुहार लगाते हैं, उनसे पहले इन पासवालों से *संवाद बनाना ज़्यादा जरूरी है।*
कभी एक कटोरी चीनी, एक प्लेट खीर,
या बस एक मिर्ची से भी रिश्ते पक जाते थे...
आज वही रिश्ते फ्रिज की तरह ठंडे और दराज़ों में बंद हो गए हैं।
पर _क्या रिश्तों का तापमान बढ़ाया जा सकता है?_
शायद हाँ — बस एक बार फिर वो कटोरी चल पड़ी,
तो मोहल्ला फिर से महक उठेगा।
*आओ, बनाएँ पुल कोई अपने ही आसपास।*
*अर्सा हुआ है, आपसे कटे हुए।*
वो मिठास फिर से घोलिए—
शुरुआत एक कटोरी चीनी से ही सही।
*संपर्क और मुस्कान... ... हमेशा बनाए रखें।*
_एक विचार_
_(यदि आपको यह पसंद आया है तो प्रतिक्रिया देने से स्वयं को रोके नहीं।)_
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