अहंकार ही दुखों का कारण"*
प्रेरक प्रसंग.....
*"अहंकार ही दुखों का कारण"*
सुकरात अपने शिष्यों को उपदेश दे रहे थे। तभी वहां एक धनी व्यक्ति उनसे मिलने के लिए पहुंचा। सुकरात ने उस व्यक्ति की ओर ध्यान नहीं दिया। वे अपने काम में लगे रहे। धनी व्यक्ति को लगा कि सुकरात उसे नजर अंदाज किया है। इससे वह क्रोधित हो गया और वह सुकरात के सामने पहुंचा और बोला- 'क्या आप जानते हैं मैं कौन हूं?
सुकरात में शांति से उससे कहा- 'कृपया आप यहां आकर बैठे।' इसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति को दुनिया का एक नक्शा दिया और कहा-'आप बताएं इसमें एथेंस कहां है?' धनी व्यक्ति ने कहा- 'दुनिया के नक्शे में तो एथेंस एक बिंदु की तरह है।' उसने एथेंस पर उंगली रखी और कहा- 'यह रहा।' सुकरात ने उसे फिर पूछा- 'अब बताओ कि तुम्हारा घर कहां है?' उसने कहा- 'दुनिया के नक्शे में एथेंस तो खुद ही एक बिंदु है, इसमें मेरा घर कैसे दिख सकता है?' सुकरात ने फिर पूछा- 'जब इस नक्शे में तुम्हारा घर ही नहीं दिख रहा तो तुम अपने बड़े घर में कहां हो? यह नक्शा तो एक पृथ्वी का है। ऐसी अनंत पृथ्वियां है, अनंत सूर्य हैं, इन सब में तुम कहां हो? सुकरात की यह बातें सुनकर धनी व्यक्ति चुपचाप वहां से जाने लगा।
तब सुकरात ने उसे रोका और नक्शा देते हुए कहा कि इसे हमेशा अपने साथ रखना। जब तुम्हें अपने धन का अहंकार होने लगे तब इसे देख लेना। तुम्हारा घमंड चूर हो जाएगा। इस ब्रह्मांड में हम कुछ नहीं है। हमारा झूठ अहंकार ही हमारे दुखों का मूल कारण है। इसे जितनी जल्दी छोड़ देंगे, उतना ज्यादा अच्छा रहेगा। इस सृष्टि में हमारे जैसे असंख्य जीव हैं। इसलिए कभी भी अपने धन, पद का घमंड न करें।
*आपका दिन शुभ मंगलमय और आनंदमय हो , जय श्रीराम 🙏*
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