स्वयं का कल्याण होगा !!
*किसी ने क्या खूब लिखा है :-*
*आइये पुण्य कमाते हैं …*
*घर में ही कुम्भ मनाते हैं*
*प्रेम अपनत्व आनंद की …*
*त्रिवेणी में परिवार संग*
*डुबकी लगाते हैं*
*क्या हुआ जो जा न पाए …*
*करने कुम्भ स्नान*
*क्या हुआ जो ले ना पाए …*
*संत-महात्मों से आशीर्वाद*
*आइये बुजुर्गों को …*
*शीश नवाते हैं*
*घर में कुम्भ मनाते हैं*
*आइए सब परिजन मिल …*
*आध्यात्मिक चिंतन करते हैं*
*साथ बैठ कर सब संग …*
*भजन कीर्तन करते हैं*
*दान पुण्य आज …*
*मिल कर हम करते हैं*
*घर में कुम्भ मनाते है*
*गंगा सा पवित्र जब मन होगा …*
*यमुना सा हृदय में प्रेम होगा*
*सरस्वती सा जब ज्ञान होगा …*
*इसी त्रिवेणी संगम से हमारा*
*स्वयं का कल्याण होगा !!*
🙏🙏
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