Posts

Showing posts from February, 2025

योग्यता का पुरस्कार !!*

* जीवन एक ऐसा रंगमंच है*  *जहाँ किरदार को खुद पता*  *नही होता कि अगला* *दृश्य क्या होगा*        *🙏प्रात वंदन मित्रों आप सदा स्वस्थ रहें 🌹🙂☕* 0️⃣3️⃣❗0️⃣2️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣ * ♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*         *!! योग्यता का पुरस्कार !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक राजा के राज सभा में एक अनजान व्यक्ति नौकरी मांगने के लिए आया। उससे उसकी योग्यता पूछी गई, तो वो बोला- "मैं, आदमी हो चाहे जानवर, शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ।" राजा ने उसे अपने खास "घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज" बना दिया। कुछ दिनों बाद राजा ने उससे अपने सबसे महंगे और मनपसन्द घोड़े के बारे में पूछा। उसने कहा, "महाराज, ये घोड़ा नस्ली नही हैं।" राजा को हैरानी हुई, उसने जंगल से तुरंत घोड़े वाले को बुला कर पूछा। उसने बताया, घोड़ा नस्ली तो है; पर इसकी पैदाइश पर इसकी मां मर गई थी, ये एक गाय का दूध पीकर उसके साथ पला है।  राजा ने अपने नौकर को बुलाया और पूछा... "तुमको कैसे पता चला कि घोड़ा नस्ली नहीं है?" उसने कहा- "जब ये घास खाता है तो गायों की तरह सर नीचे करके, जबकि नस्ली घोड़...

मुस्लिम रेजिमेंट क्यों नहीं!

मुस्लिम रेजिमेंट क्यों नहीं! ********* आपको  जानकर हैरानी होगी कि 1965 तक मुस्लिम रेजिमेंट थी। 3 प्रमुख घटनाएं हैं  जिन्होंने सेना से मुस्लिम रेजिमेंट को हटाने के लिए मजबूर किया। पहली- 15 अक्टूबर 1947 को जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के पठानों ने भारत  पर हमला किया तो पूरी सोई हुई बहादुर गोरखा कंपनी को अपनी ही बटालियन के  साथी मुस्लिम सैनिकों ने मार डाला। कंपनी कमांडर प्रेम सिंह सबसे पहले  शिकार बने। 30 अन्य रैंकों के साथ 2 गोरखा JCO भागने में सफल रहे और घटना  की रिपोर्ट की। अगले दिन मेजर नसरुल्ला खान ने रात में बेखौफ गोरखाओं की एक  भयानक पुनरावृत्ति प्रदर्शन में हत्या करवा दी गई थी।  उनके कमांडर कप्तान  रघुबीर सिंह थापा को "जिंदा जला दिया"। पी.एम. नेहरू ने मामले को दबा  दिया। यह सब "द मिलिट्री प्लाइट ऑफ पाकिस्तान" पुस्तक में वर्णित है। दूसरी- पाकिस्तान के साथ 1947 के युद्ध के दौरान नेहरू द्वारा छिपाई गई एक  और बड़ी बात यह थी कि कई मुसलमानों ने अपने हथियार डाल दिए और भारतीयों से  लड़ने के लिए ब्रिटिश प्रमुख जॉन बर्ड के नेतृत्व मे...

*!! व्यर्थ का क्रोध !!*

0️⃣2️⃣❗0️⃣2️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣ *♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*           *!! व्यर्थ का क्रोध !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक साँप, एक बढ़ई की औजारों वाली बोरी में घुस गया। घुसते समय, बोरी में रखी हुई बढ़ई की आरी उसके शरीर में चुभ गई और उसमें घाव हो गया, जिससे उसे दर्द होने लगा और वह विचलित हो उठा। गुस्से में उसने, उस आरी को अपने दोनों जबड़ों में जोर से दबा दिया। अब उसके मुख में भी घाव हो गया और खून निकलने लगा। अब इस दर्द से परेशान हो कर, उस आरी को सबक सिखाने के लिए, अपने पूरे शरीर को उस साँप ने उस आरी के ऊपर लपेट लिया और पूरी ताकत के साथ उसको जकड़ लिया। इस से उस साँप का सारा शरीर जगह जगह से कट गया और वह मर गया। ठीक इसी प्रकार कई बार, हम तनिक सा आहत होने पर आवेश में आकर सामने वाले को सबक सिखाने के लिए, अपने आप को अत्यधिक नुकसान पहुंचा देते हैं। *शिक्षा:-* क्रोध से हानि और पछतावे के अतिरिक्त कुछ और प्राप्त नहीं होता।             *सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।* *जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।* ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍...