आज अन्तर्राष्ट्रीय साड़ी दिवस 🙏

जय श्री कृष्ण🙏🙏
आज अन्तर्राष्ट्रीय साड़ी दिवस 
भारतीय नारी का मर्यादित सौन्दर्य 
*
मैं साड़ी हूं* 
मैं साड़ी हूॅ, मैं धोती हूँ, 
मैं पट्टू हूँ , मैं लुगड़ा हूँ ,
*तुम ये मत मुझे समझ लेना,* 
*बस छः मीटर का टुकड़ा हूँ ।*

🌷*मैं भारत मां का आंचल हूँ,* 
*मैं भारत मां का मुखड़ा हूँ।*🌹

कश्मीर मे मैं पशमीना हूँ, 
पंजाब मे मै फुलकारी हूँ, 
रावी-चनाब की धड़कन हूँ, 
मैं जम्मू -तवी की आरी हूँ  ।

राजस्थानी बंधेज हूँ मैं 
गुजराती भुज-रैबारी हूँ, 
कोंकण -गोवा की कुनबी हूँ, 
मैं मुम्बईया नौवारी हूँ  ।

मैं छत्तीसगढ़ का कोसा हूं,
आसाम नंदिनी ऐरी हूं,
मै अमर महेश्वर के तट पर, 
 हूँ बाग़ प्रिंट , चंदेरी हूं।

मैं संबलपुरी हूँ, गमछा हूँ, 
मैं तंतुज हूँ, टंगाइल हूँ
मैं कांजीवरम हूँ रेखा की, 
बालीवुड की स्टाइल हूँ ।

मै लखनऊ की हूँ चिकनकारी, 
मैं रंग-बिरंगी दिल्ली हूँ, 
मशहूर बनारस की साड़ी
आंध्रा की पोचमपल्ली हूँ ।

दक्षिण भारत मे चेट्टिनाड हूँ, 
उडुपी हूॅ, मै इल्कल हूँ,
 हूँ कालहस्ती की क़लमकारी ,
मलखा में खादी मलमल हूं।

*जिसको कबीर ने लिक्खा था,* 
*वो हथकरघे की कविता हूँ ।*
*जिसको मीरा ने पहना था,* 
*वो कृष्ण -प्रेम की सरिता हूँ  ।*
*द्रौपदी का दर्द समेटे हूं*
*मैं चीरहरण का दुखड़ा हूं।*

सर्व -धर्म समभाव हूँ मै 
एक हिंदुस्तानी कपड़ा हूँ, 

ना सिक्ख हूँ , ना ईसाई हूँ, 
ना हिन्दू-मुस्लिम झगड़ा हूँ  ।

*मैं भारत मां का आंचल हूँ* 
*मै भारत मां का मुखड़ा हूँ,*
*तुम यह मत मुझे समझ लेना, 
बस छः मीटर का टुकड़ा हूँ ।।*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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