उज्जवल भविष्य के लिए दो मिनट

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अपनी अगली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए दो मिनट का समय निकालकर अवश्य पढ़ें।

आचार्य रजनीश से उनके एक अनुयायी ने प्रश्न किया था।
👉प्रश्न - कृपया बताएं कि जब जिहादियों द्वारा घर और संपत्ति जला दी जाती है, हत्याएं की जाती हैं तो हमें क्या करना चाहिए? क्या हमें हिंदू मुस्लिम भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए या अपनी सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाना चाहिए? कृपया मार्गदर्शन करें।👌
👉उत्तर - 🙏 आपका प्रश्न आपकी मूर्खता को बयां कर रहा है,
ऐसा लगता है कि आपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है।?
जब महमूद गजनवी ने सोमनाथ के मंदिर पर हमला किया तो उस समय सोमनाथ भारत का सबसे बड़ा और सबसे अमीर मंदिर था। उस मंदिर में पूजा करने वाले 1200 हिंदू पुजारियों को लगता था कि अगर हम दिन-रात ध्यान-भक्ति-पूजा में लगे रहेंगे तो भगवान हमारी रक्षा करेंगे। उसने रक्षा का कोई प्रबंध नहीं किया, उल्टे क्षत्रियों ने भी, जो अपनी रक्षा कर सकते थे, रक्षा करने से मना कर दिया।
परिणामस्वरूप महमूद ने हजारों निहत्थे हिंदू पुजारियों को मार डाला, मूर्तियों और मंदिरों को तोड़ दिया और बहुत सारा धन, हीरे-जवाहरात, सोना-चांदी लेकर भाग गया।
ध्यान और ईश्वर भक्ति उसकी रक्षा नहीं कर सकी।
👉आज सैकड़ों वर्ष बाद भी वही मूर्खता जारी है, ऐसा लगता है कि तुमने अपने महापुरुषों के जीवन से कुछ नहीं सीखा।

👉यदि ध्यान इतना शक्तिशाली होता कि दुष्ट लोगों का हृदय बदल सकता, तो रामचंद्रजी को हर समय धनुष-बाण साथ रखने की क्या आवश्यकता थी? ध्यान के बल से क्या वे राक्षस रावण का हृदय बदल सकते थे?
क्या वे सुर-असुरों को भाई-भाई समझाते और झगड़ा खत्म हो जाता? लेकिन राम भी किसी को मना नहीं पाए और राम-रावण का युद्ध शस्त्र से ही तय हुआ
👉अगर मन में इतनी शक्ति है कि वो दूसरों का मन बदल सकता है तो पूर्णावतार श्री कृष्ण को कंस और जरासंघ को मारने की क्या जरूरत थी! वो तो उन्हें सावधानी से ही बदल सकते थे।
👉अगर ध्यान में दूसरों का मन बदलने की शक्ति होती तो महाभारत का युद्ध नहीं होता, कृष्ण अपनी ध्यान शक्ति से दुर्योधन की जगह ले सकते थे और युद्ध टाला जा सकता था लेकिन इसके विपरीत कृष्ण ने अर्जुन को ध्यान करने से रोका और उसे युद्ध में लगाया।
👉महाभारत युद्ध इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध है जिसमें करोड़ों लोग मारे गए, पिछले 1200 सालों में भारत में कितने महर्षि संत हुए, गोरखनाथ से लेकर रैदास और कबीर से लेकर गुरु नानक से लेकर गुरु गोविंद सिंह तक की शक्ति इन सभी मुस्लिम आक्रमणकारियों और अंग्रेजों का ध्यान इस दौरान लाखों हिंदुओं को मार दिया गया और तलवार की नोंक पर उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। उन्हें मार दिया गया और इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया। उन संतों के उपदेश आक्रमणकारियों को परिवर्तित नहीं कर सके। गुरु नानक ने अपने धर्म के दर्शन को इस तरह से प्रस्तुत किया कि मुसलमान इसे आसानी से समझ सकें और आत्मसात कर सकें। लेकिन उसी गुरु परंपरा में, गुरु गोविंद सिंह को मुसलमानों के खिलाफ तलवार उठानी पड़ी, हिंदू धर्म की रक्षा के लिए, निहत्थे सिखों को हथियार उठाने पड़े। इससे यह स्पष्ट है कि ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपनी चेतना को बदल सकता है। लेकिन हमें इस मामले (भौतिक शरीर) में खुद की रक्षा करनी होगी, इसके लिए हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद लेनी होगी। देश की 70% से अधिक समस्याओं का समाधान। भगवान श्री कृष्ण ने 5 गाँव मांगे! हम देश के हित में 5 कानून मांग रहे हैं !! 👉समान शिक्षा👌
👉समान नागरिक संहिता👌
👉धर्मांतरण नियंत्रण👌
👉घुसपैठ नियंत्रण👌
👉जनसंख्या नियंत्रण👌
अगर ये पांच कानून नहीं आए तो सनातनधर्म पूरी दुनिया से पूरी तरह से खत्म हो जाएगा जैसे कि अभी भारत के नौ राज्य हैं।
भारत बचाओ आंदोलन
अपने देश और अपनी बहनों/बेटियों को बचाने के लिए आंदोलन
मुझे पता है कि आप इसे फॉरवर्ड नहीं करेंगे, इसे पढ़कर चले जाएंगे। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि कम से कम एक व्यक्ति को संदेश जरूर भेजें, अगर आपको शर्म आती है तो इसे मुझे वापस भेजें, बस सिलसिला मत तोड़िए।
*पढ़ें अगर सहमत हैं तो कृपया फॉरवर्ड करें***🙏🏽

😡🚩😠🚩😡 आज आपको पता चलेगा कि कितने हिंदू एकजुट हैं!!!!

वंदे मातरम🇮🇳🇮🇳

जागो...हिंदू.....जागो.....
🚩🚩🚩🚩🚩

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