स्त्री और पुरुष

कई बार यूँ ही बैठी सोच में डूब जाती हूँ , बहुत से ख्याल है जो बार बार मस्तिष्क का दरवाजा खटखटाते है । कभी कभी लगता है जैसे कोई आरी सी चला रहा हो तन पर 

इस समाज मे पुरुष का वर्चस्व है सभी जानते है 
 पुरुष ताकतवर है ये भी सबको पता है 
एक पुरुष इतना ताकतवर है कि किसी भी नारी का सम्मान भंग  कर सकता है 
 जब चाहे औरत को मार सकता है उसे जलील कर सकता है 
 और तो और सिर्फ पुरुष में ही दम है कि किसी स्त्री का शील भंग कर सके , उसकी इज्जत खराब कर सके 

इन सबके बावजूद भी वो बेचारा ही कहलाता है 
 जितने भी व्यंग और कटाक्ष है सब स्त्री पर किये जाते है
 
 पुरुष बेचारा पत्नी के बोझ का मारा 
 जहां देखो बस रोता रहता है कि बीवी से परेशान है 
 जितने मजाक है सब औरतों पर
जितनी गालियां है वो भी सब औरतों पर , ताने ,मार वो भी औरतों के लिए 

 क्या पुरुष सच मे इतना बेबस है ।
जब भी कोई मर्द अपनी पत्नी के ऊपर व्यंग करता है तो भूल जाता है कि वो पत्नी ही है जो उसे और उसके घर को संभालती है । 
अगर हम औरत ना हो तो क्या ये समाज चल पाएगा  
बेचारा डरा हुआ पुरुष स्त्री से पर फिर भी कायदों में बंधे  हम 

एक औरत है जो इतना दर्द झेलती है ताकि फिर किसी ऐसे पुरुष को जन्म दे सके जो कल को उसे ही कलंकित कर दे 
 कभी सोचा है अगर मां ,बहन ,बेटी और पत्नी ना हो तो कैसी होगी जिंदगी 
 जब आफिस से , दुकान से या अपने काम से घर आओगे और कोई एक ग्लास पानी देने वाला नही होगा तब क्या होगा 

 अक्सर मर्द कहते है हम तो इतनी मेहनत सिर्फ अपनी पत्नियों के लिए करते है वरना अकेले हमे कितना लगेगा 
चलो बताओ ना के क्या क्या करती है औरत उन पैसों से , घर आपका ही सजाती है 
 आपके बच्चों को लायक बनाती है एक एक रुपया जोड़ती है ताकि जरूरत में आपके ही काम आ सके दिन भर लगी रहती है ,कभी घर मे , कभी बाहर ,कभी रसोई में तो कभी बच्चों के पीछे तो कभी आपके घरवालों की सेवा में  

 कितनी बार तो ऐसा भी होता है कि उसे खुद को आईने में देखने का वक़्त भी नही मिलता 
 भूल जाती है बेचारी के उसकी खुद की भी कोई जिंदगी है 
 आपकी जिंदगी को और आपके सपनो को अपना मान लेती है और बस आप सी हो जाती है 

कभी अकेले में सोच कर देखिएगा के अगर आपकी जिंदगी में से कुछ रिश्ते हट जाए तो कैसा लगेगा आपको 
 अपना सब कुछ छोड़ कर बस एक भरोसा लिए आ जाती है कि उसका पति ही अब उसकी दुनिया है , जैसे वो उसकी हो गई ,उसमे ढल गई ऐसे ही वो भी हर कदम पर उसका साथ देगा 
ज्यादा नही पर थोड़ा ही उसका ख्याल करेगा और सिर्फ उसे प्यार करेगा  
जिद्द करती है तो क्या हुआ , छोटी बच्ची बन कर बस आपसे थोड़ा सा ध्यान चाहती है अपनी तरफ 
 वो कभी पुरुषों पर चुटकुले नही बनाती 
 कभी सुना है अपने के किसी महिला ने किसी पुरुष की इज्जत लूटी और उसे अधमरी हालत में छोड़ दीया ।
हो सके तो कभी सोचिएगा ………

बस ख्याल है जो विचलित करते है , निजी कुछ नही मेरा । औरत हूँ और बस वही दर्द बयां कर रही हूँ ✍🏻🙏

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