चोर पर लिखा एक निबंध
"चोर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं"
लोगों को यह मजाक या गलत लग सकता है लेकिन यह वाकई ध्यान देने लायक विषय है।
चोरों के लिए तिजोरियाँ, अलमारियाँ और ताले हैं।
चोरों की वजह से घरों की खिड़कियों पर ग्रिल लगी होती हैं, दरवाजे लगे होते हैं, दरवाजे बंद होते हैं, इतना ही नहीं बल्कि बाहर सुरक्षा दरवाजे भी होते हैं।
चोरों के कारण घर/सोसायटी के चारों ओर एक परिसर, एक गेट, गेट पर 24 घंटे का चौकीदार और चौकीदार के लिए एक वर्दी होती है।
चोरों की वजह से न सिर्फ सीसीटीवी, मेटल डिटेक्टर बल्कि साइबर सेल भी हैं।
चोरों के कारण पुलिस है, पुलिस चौकी है, स्टेशन है, गाड़ियाँ हैं, डंडे हैं, राइफलें हैं, रिवाल्वर हैं और गोलियाँ हैं।
चोर के कारण ही अदालत है, अदालत में जज, वकील, क्लर्क और जमानतदार हैं।
चोरों के कारण जेलें हैं, जेलर हैं, जेलों में पुलिस है।
मोबाइल, लैपटॉप, कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, साइकिल, वाहन जैसी कई उपयोग में आने वाली चीजें चोरी हो जाती हैं तो लोग नई खरीद लेते हैं, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है।
सड़ जी जैसा चोर है तो देश विदेश की मीडिया की भी रोजी रोटी चलती है।
ये सब पढ़ने के बाद अब आपको यकीन हो जाएगा कि चोर ही सिस्टम की रीढ़ हैं. 😂🥴😝🤔
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