राम तत्व
*|| जनम हमार सुफल भय आजू ||*
ये परिदृश्य देखकर समझ आ रहा है कि सचमुच त्रेता में जब प्रभु श्रीराम का अवध में आगमन हुआ होगा वो दृश्य कितना अद्भुत एवं अलौकिक रहा होगा। घर - घर में उत्सव, नुक्कड़ - नुक्कड़ पर छोटे-बड़े आयोजन, जगह - जगह पर भोजन प्रसादी से लेकर तरह-तरह की सेवा के आयोजन, प्रत्येक वाहन के ऊपर लहराती श्रीराम पताकाएं और 22 जनवरी रात्रि को प्रत्येक घर में दीपोत्सव का यह आयोजन प्रेम विह्वल करने वाला था। हम सब कितने धन भागी एवं हमारी आँखें कितनी सौभाग्यशाली हैं जो प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक की साक्षी बन पाई हैं।
सरलता, सहजता एवं धैर्य की पराकाष्ठा हैं प्रभु श्रीराम।
*राम के जैसा बनो, ये कहना आसान है पर वास्तव में राम के जैसा बन जाना आसान नहीं है। राम जितने सरल हैं , राम होना उतना ही कठिन है।* प्राणीमात्र के लिए जिया गया जीवन ही श्रीराम है।
मर्यादा भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र समष्टि के लिए एक प्रेरणापुंज है। प्रभु श्रीराम को टेंट से भव्य मंदिर तक पहुँचाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले भक्तों एवं इस कार्य में गिलहरी रूप में भी अपना सहयोग प्रदान करने वाले सभी प्रभु भक्तों को बारंबार वंदन करते हुए पुनः रामोत्सव की आप सभी को अनंतानंत शुभकामनाएं एवं मंगल बधाइयाँ।
*जय श्री राम* 🙏 🚩
आज का दिन शुभ मंगलमय हो।
*भगवद्गीता समूह*
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