एकादशी व्रत... क्यों

एकादशी के दिन चावल खाना क्यों वर्जित है ? 

            वैसे वेदों पुराणों के अनुसार तो कुछ भी खाना एकादशी वाले दिन मना है लेकिन सामान्य लोग थोड़े बहुत नियमों का पालन अवश्य ही करें इसलिए भी चावल का परहेज अनिवार्य हैं। 

वैज्ञानिक कारण : -

             वैज्ञानिक तथ्यानुसार चावल में जल तत्व की मात्रा अधिक होती है और जल पर चंद्रमा का प्रभाव अधिक पड़ता है। 
             
              चावल खाने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ती है इससे मन विचलित और चंचल होता है जिससे व्रत पूरा करने में बाधा आती है।
  
               इसलिए एकादशी के दिन चावल और जौ से बनी चीजें खाना वर्जित माना गया है। 

               वैज्ञानिकों के अनुसार एक दिन भोजन न करने से हमारा शरीर अधिक स्वस्थ बनता है। 

               एक दिन भोजन न करने से हमारे शरीर के अंदर के अंगों को आराम मिलता है तथा शरीर पूर्णतया शुद्ध हो जाता है। 

पौराणिक कथा : -

               पौराणिक कथा के अनुसार माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने शरीर का त्याग कर दिया था। 
      
               उनके अंश पृथ्वी में समा गए और बाद में उसी स्थान पर चावल और जौ के रूप में महर्षि मेधा उत्पन्न हुए। 
     
               इस कारण चावल और जौ को जीव माना जाता है। कथा के अनुसार जिस दिन महर्षि मेधा का अंश पृथ्वी में समाया था, उस दिन एकादशी तिथि थी। 
    
                इसलिए एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया। ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाना महर्षि मेधा के मांस और रक्त का सेवन करने के बराबर है।       

               हम सभी को प्रयास करना चाहिए की एकादशी का दिन हम चावल ना खाएं और चावल ही क्या कुछ भी ना खाएं कम से कम खाने का प्रयास करना चाहिए। 

  " बोलो एकादशी रानी की जय "


जय सिया राम 🚩

Comments

Popular posts from this blog

Dil To Hai Dil”

❤Love your Heart❤

Happy Birthday Dear Osho