आइये पत्तल की परंपरा को पुनर्जिवित करें:
समूह सदस्य द्वारा प्रेषित
🍀पत्तलों से लाभ :-
१. सबसे पहले तो उसे धोना नहीं पड़ेगा, इसको हम सीधा मिटटी में दबा सकते है।
२. न पानी नष्ट होगा।
३. न ही कामवाली रखनी पड़ेगी, मासिक खर्च भी बचेगा।
४. न केमिकल उपयोग करने पड़ेंगे l
५. न केमिकल द्वारा शरीर को आंतरिक हानि पहुंचेगी।
६. अधिक से अधिक वृक्ष उगाये जायेंगे, जिससे कि अधिक आक्सीजन भी मिलेगी।
७. प्रदूषण भी घटेगा।
८. सबसे महत्वपूर्ण झूठे पत्तलों को एक जगह गाड़ने पर, खाद का निर्माण किया जा सकता है, एवं मिटटी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।
९. पत्तल बनाने वालों को भी रोजगार प्राप्त होगा।
१०. सबसे मुख्य लाभ, आप नदियों को दूषित होने से बहुत बड़े स्तर पर बचा सकते हैं, जैसे कि आप जानते ही हैं कि जो पानी आप बर्तन धोने में उपयोग कर रहे हो, वो केमिकल वाला पानी, पहले नाले में जायेगा, फिर आगे जाकर नदियों में ही छोड़ दिया जायेगा। जो जल प्रदूषण में आपको सहयोगी बनाता है।
🍀आजकल हर जगह भंडारे, विवाह शादियों , जन्मदिन पार्टियों में डिस्पोजेबल की जगह इन पत्तलों का प्रचलन करना चाहिए। ✍️🙂
Comments
Post a Comment