मंदिर क्यों जाना है?
आमतौर पर मंदिर में जाना धर्मिक से जोड़ा जाता है। लेकिन मंदिर जाने के कुछ वैज्ञानिक स्वास्थ्य लाभ भी हैं। अगर हम रोज मंदिर जाते हैं तो इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्या नियंत्रित की जा सकती हैं। यहां जानिए ऐसे 7 फायदे जो हमें रोज मंदिर जाने से मिलते हैं।
हाई बी पी कंट्रोल करने के लिए:
मंदिर के अंदर नंगे पैर जाने से यहां की सकारात्मक ऊर्जा पैरों के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करती है। नंगे पैर चलने के कारण पैरों में मौजूद प्रेशर प्वाइंट्स पर दवाब भी पड़ता है, जिससे हाई बी पी की समस्या नियंत्रित होती है।
एकाग्रता बढ़ाने के लिए:
रोज़ मंदिर जाने और भौहों के बीच माथे पर तिलक लगाने से हमारे दिमाग के ख़ास हिस्से पर दवाब पड़ता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है।
ऊर्जा स्तर बढ़ाने के लिए:
रिसर्च कहती है, जब हम मंदिर का घंटा बजाते हैं, तो 7 सेकण्ड्स तक हमारे कानों में उसकी आवाज़ गूंजती है। इस दौरान शरीर में सुकून पहुंचाने वाले 7 प्वाइंट्स सक्रिय हो जाते हैं। इससे ऊर्जा स्तर बढ़ाने में मदद मिलती है।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए:
मंदिर में दोनों हाथ जोड़कर पूजा करने से हथेलियों और उंगलियों के उन प्वॉइंटस पर दवाब बढ़ता है, जो शरीर के कई भागों से जुड़े होते हैं। इससे बॉडी फंक्शन सुधरते हैं और इम्युनिटी बढ़ती है।
बैक्टीरिया से बचाव के लिए:
मंदिर में मौजूद कपूर और हवन का धुआं बैक्टीरिया ख़त्म करता है। इससे वायरल इंफेक्शन का खतरा टलता है।
तनाव दूर करने के लिए:
मंदिर का शांत माहौल और शंख की आवाज़ मानसिक तनाव दूर करती है। इससे तनाव दूर होता है।
डिप्रेशन दूर होता है:
रोज़ मंदिर जाने और भगवान की आरती गाने से ब्रेन फंक्शन सुधरते हैं। इससे डिप्रेशन दूर होता हैं।
राधे राधे
साभार
*अखंड भारत सनातन संस्कृति*
अध्यक्ष पंडित अनूप चौबे
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