एक कहानी

एक बार एक आदमी ने बहुत तपस्या की ।

भगवान उसके तप से प्रसन्न हो गए और पूछा क्या वरदान चाहिए ??

उस आदमी ने कहा...प्रभु, मुझे कोई ऐसी चीज दीजिए जिससे जो कुछ भी मांगो तुरंत मिल जाए ।

भगवान ने उसे एक पत्थर दिया और कहा इससे तुम जो कुछ मांगोगे वह तुम्हें मिल जाएगा ।

वह आदमी पत्थर लेकर मुड़ ही रहा था कि भगवान ने कहा रुको , एक और वरदान भी है । तुम इस पत्थर से जो अपने लिए मांगोगे तुम्हारे पड़ोसी को उसका दुगना मिलेगा ।

वह आदमी चिल्लाया भगवान यह क्या वरदान हुआ...मेरे पड़ोसी को मिलेगा तो फिर मुझे क्या फायदा हुआ , वह तो बिना मेहनत के दुगना पा जाएगा ।

तब तक भगवान अंतर्धान हो गए ।

वह आदमी बहुत उदास मन से घर लौटा और पत्थर को बक्से में बंद करके रख दिया कि कुछ नहीं मांगूंगा क्योंकि पड़ोसी को मुफ़्त में दुगुना मिल जाएगा ।

कुछ दिन बाद इलाके में सूखा पड़ा , अनाज नहीं हुआ , सबको खाने के लाले पड़ गए ।

पत्नी ने कहा....पत्थर से खाना मांगो तो उस आदमी ने कहा कि नहीं पड़ोसी को डबल मिलेगा , हम नहीं मांगेंगे ।

पत्नी ने जब उसे डांटा तो वो पत्थर निकाल कर लाया और फ़िर हाथ जोड़कर कहा कि हमें एक थाली खाना दे दो ।

तुरंत एक सोने की थाली में 56 प्रकार के व्यंजन उसके सामने प्रकट हो गए ।

वह आदमी तुरंत पड़ोसी के घर दौड़ कर देखने गया कि पड़ोसी को क्या मिला ?

उसने जब देखा तो पड़ोसी को दो सोने की थाली में खाना मिला था ।

आदमी बहुत परेशान हुआ और उसने गुस्से में खाना भी नहीं खाया ।

कुछ महीने बाद भयंकर बरसात औऱ आंधी में उसके घर का छप्पर उड़ गया , बच्चे बारिश में भीगने लगे तो पत्नी ने कहा कि एक घर मांग लो ।

उसने बहुत हिचकते हुए पत्थर के सामने हाथ जोड़े और कहा. . हमें घर दे दो ।

तुरंत सारी सुविधाओं से युक्त एक घर प्रगट हो गया ।

वो आदमी दौड़ कर देखने गया कि पड़ोसी को क्या मिला तो उसने देखा कि पड़ोसी को दो घर मिल गए थे ।

अब तो उस आदमी के गुस्से की कोई सीमा ना रही ।

उसने मन ही मन कहा......रोज-रोज का यह झंझट आज खत्म ही कर देता हूं ।

उस आदमी ने पत्थर के सामने हाथ जोड़कर कहा...भगवान मेरी एक आंख फोड़ दो और मेरे घर के सामने एक कुआं खोद दो ।

फ़िर उसने जाकर देखा तो पड़ोसी की दोनों आंखें फूट चुकी थी और उसके घर के सामने दो कुंए खुद चुके थे ।

पड़ोसी अंधा हो गया और घर के सामने खुदे कुएं में गिरकर मर गया ।

अब इस आदमी को चैन आया ।.

दोस्तों..... ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है लेकिन हमें कुछ सिखाती है । अगर वह आदमी चाहता तो पूरे गांव की भूख मिटा सकता था , पूरे गांव के लिए घर बनवा सकता था लेकिन उसने ईर्ष्या वश दूसरों का भी नुकसान किया और ख़ुद का भी ।

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