जंक खाना भूल जाओगे
जंक हमारी रूटीन लाइफ का एक हिस्सा सा बन चुका है। जब भी हल्की सी भूख लगे, सीधे पाउच फाड़ देते हैं, फिर चाहे पाउच के भीतर हवा हो या कचरा... सारा का सारा मलबा पेट में घुसेड़ देते हैं, है ना? *कुछ नमूने तो कचरा निगलने के बाद उंगलियाँ भी चाटते दिख जाते* हैं😉। इसमें किसी की गलती नहीं है भाई... ये पाउच बंद 'जंक' में कुछ ऐसे ही केमिकल्स डाले जाते हैं जो आपके भीतर लत पैदा करने में सक्षम होते हैं। आप एडिक्ट होते चले जाते हैं और कई बार ठूँसते ठूँसते ध्यान भी नहीं रख पाते कि आप ओवर ईटिंग कर चुके हैं। *बटुआ भी ढीला करो और सेहत भी*... क्या दौर चल रहा है कस्सम से। लोग खिचड़ी से नफरत करने लगे हैं, प्लास्टिक और केमिकल्स से मोहब्बत। 'जंक फूड' कहते हैं लोग इसे... 'जंक फूड' कुछ होता ही नहीं है दद्दा, या तो वो जंक है या फूड... दुकानों में झालर बनाकर लटकते आयटम क्या हैं, ये हम सभी जानते हैं... स्वीकारते नहीं।
ये 'जंक' चबाने की आदत आपको या आपके परिवार में पनप चुकी है, तो उखाड़ फेंकिये इसे। अब क्या हम कोई जादू करेंगे जिससे ये आदत दूर हो जाए? कतई नहीं... कोई जादू वादू नहीं। भिगोये हुए छोले खाओ। छोले तो जानते ही हैं ना? अरे यार... वो *काबूली चने।* आप सोच रहे होंगे कि अब ये छोले कौन सा झंडा गाड़ देंगे? बताता हूँ, सब बताता हूँ।
100 ग्राम छोले रात को पानी में डुबोकर रख दीजिये, सुबह जब ये अच्छी तरह से सोक हो चुके होंगे, तो इन्हें दिनभर में कभी भी एक साथ कंज्यूम किया जा सकता है। *आप इन फूले हुए छोलों को यूँ ही चबाना पसंद ना करें तो थोड़े से तेल में जीरा, हींग और मीठी नीम (करी पत्ता), हरी मिर्च से फ्राय कर लें, आधा नींबू भी निचोड़ मारें, मज़ा आ जाएगा* आपको❤️। कुल मिलाकर 100 ग्राम फूले हुए छोले सिर्फ 15 दिन लगातार खाएं। 10 दिनों के भीतर ही आप महसूस करेंगे कि जंक आपकी लाइफ स्टाइल से आहिस्ता आहिस्ता दूर खिसकता जा रहा, आपकी लत कम हो रही। क्यों होता है ऐसा? पूछेंगे नहीं?
*फूले हुए (Soaked) छोलों में है ताबड़तोड़ फाइबर्स, प्रोटीन और आयरन❣️* सिर्फ 100 ग्राम छोले मतलब दिनभर का 70% डायटरी फाइबर... सिर्फ 100 ग्राम छोले मतलब दिनभर के लिए जरूरी 40% प्रोटीन... सिर्फ 100 ग्राम छोले मतलब दिन भर के लिए जरूरी आयरन का 38%... ये सब आयटम जब एंट्री करते हैं आप के शरीर के अंदर ना... तो तबियत हरी कर देते हैं। फाइबर और प्रोटीन फुकटिया लगने वाली भूख को पटखनी दे देते हैं। जो जंक के नाम पर आपके ब्रेन में घंटी बजती है, उसका स्विच ऑफ कर देते हैं❤️ *मजाक नहीं कर रिया, सच्ची 😊 अब पूछोगे कि किस दम पर बता रहे हो ये सब... तो सुनो...*
एक बड़ा ही पॉपुलर साइंटिफ़िक जर्नल है 'एपेटाइट', 2010 में एक बड़ी बेहतरीन क्लीनिकल स्टडी छापी इसने। जंक के 36 दीवानों के 2 ग्रुप बनाए गए। एक ग्रुप के लोगों को 15 दिनों तक लगातार 100 ग्राम फूले हुए चने दिए गए और दूसरे ग्रुप के लोगों को कुछ भी चरते रहने की अनुमति थी। ट्रायल खत्म होने के बाद जानकारी मिली कि छोले वाले ग्रुप के लोगों को 5वे दिन के बाद जंक चरने का मन ही नहीं किया😁। एक्सपेरिमेंट के बाकी दिनों में तो ये लोग जंक स्टफ की गंध से भी चिढ़ने लगे... *अरी दादा, जे का पढ़ लओ आप लोग ने🤔* और सुनो... छोले वाले ग्रुप में कुछ डायबिटिक्स भी थे, उनके शुगर लेवल में भी गिरावट आयी... अब बोलो Oh Wow❤️
लगे हाथ एक स्टडी का जिक्र और जान लो दीपक आचार्य से... जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में 2017 में Chickpeas suppress postprandial blood glucose concentration, and appetite and reduce energy intake at the next meal टाइटल से छपी स्टडी को पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि छोले एनर्जी तो देते हैं, पर भूख मार देते हैं, 35% तक शुगर लेवल भी डाउन कर देते हैं और हाँ, वजन कम करने में भी मददगार हैं। आया समझ?
अब इन रिसर्च में कौनसी नयी बात है, ये तो हम सब को पता ही था। स्प्राउट्स की खासियत तो हम जानते ही हैं, भीगे हुए चने और छोले भी हम गाहे बगाहे खाते रहते हैं... ये तो वैसे ही अपने देश का ज्ञान है ही। बस फर्क इतना है कि *अपन लोगों को जब तक डंडा नहीं पड़ता, तब तक काम नहीं करते।* जंक फेंक मारो, वरना *शरीर ऐसा डंडा मारेगा ना, कि झंडा गाड़ने लायक नही रहोगे।* स्वस्थ रहो, मस्त रहो, टनाटन खाओ, बढ़िया आइटम्स खाओ, *थोड़ा वापसी करो, थोड़ा भटको तो सही, जंगल लैबोरेटरी की तरफ।♥️*
*खैर, मेरी बात बुरी लगे तो गुस्सा थूक दो और ले आओ 2-4 जंक वाले पाउच, खूब खाओ... खालो, अपना क्या😁*
*सद्दाम_मरे_या_बुश*
*अपन_दोनों_में_खुश❤️*
*बात जमे तो शेयर करें,*
*अपनों को अपना समझते हैं*
*तो केयर करें।*
*साभार*
अखंड भारत सनातन संस्कृति
पंडित अनुप चौबे
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