भीड़✍🏻*





*भीड़✍🏻*

एक होटल  में कई बार मैंने देखा है कि एक व्यक्ति आता है और भीड़ का फायदा उठाकर खाना खाकर चुपके से बिना पैसे दिए निकल जाता, है... 
एक दिन जब वह खा रहा था तो मैंने चुपके से नाश्ते की दुकान के मालिक को बताया कि यह भाई जल्दी का फायदा उठाएगा और बिना बिल चुकाए निकल जाएगा
मेरी बात सुनकर होटल  का मालिक मुस्कराते हुए बोला:-
*उसे बिना कुछ कहे जाने दो*,हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे.. 
हमेशा की तरह भाई ने नाश्ता करके इधर-उधर देखा और भीड़ का फायदा उठाकर चुपचाप खिसक गया.... 
उसके जाने के बाद, मैंने अब ब्रेकफास्ट पॉइंट के मालिक से पूछा कि मुझे बताओ कि उसने उस आदमी को क्यों जाने दिया.
होटल  के मालिक द्वारा दिए गए जवाब ——-
उसने मुझसे कहा:- तुम अकेले नहीं हो,कई भाइयों ने उसे देखा है और मुझे उसके बारे में बताया है.
उसने कहा कि वह दुकान के सामने बैठता है और जब देखता है कि भीड़ है,तो वह चुपके से खाना खा लेता है.
मैंने हमेशा इसे नज़रअंदाज़ किया और कभी उसे रोका नहीं,उसे कभी पकड़ा नहीं और ना ही कभी उसका अपमान करने की कोशिश की..
क्योंकि मुझे लगता है कि मेरी दुकान में भीड़ इस भाई की 🤲दुआ की वजह से है.
वह मेरी दुकान के सामने बैठे हुए🤲 दुआ करता है कि जल्दी इस दुकान में भीड़ हो तो मैं जल्दी से अंदर जा सकता हूं,खा सकता हूं और निकल सकता हूं ......
और निश्चित रूप से जब वह अंदर आता है तो हमेशा भीड़ होती है।
तो ये भीड़ भी शायद *उसकी 🤲"दुआ" से है
शायद इसी लिए कहते है कि मत करो गरुर इतना कि मैं तुम्हे खिला रहा हूँ... 
क्या पता तुम खुद किस कि किस्मत से खा रहे हो

 धन्यवाद

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