Holy Wishes




दोस्तों

फागुन आता देखकर, उपवन हुआ निहाल।
अपने तन पर लेपता, केसर और गुलाल।।

तन हो गया पलाश-सा, मन महुए का फूल।
फिर फगवा की धूम है, फिर रंगों की धूल।।

मादक महुआ मंजरी, महका मंद समीर।
भंवरे झूमे फूल पर, मन हो गया अधीर।।

ढोल मंजीरे बज रहे, उड़े अबीर गुलाल।
रंगों ने ऊधम किया, बहकी सबकी चाल।।

कोयल कूके कान्हड़ा, भ्रमर भ्रामरी राग।
गली-गली में गूंजता, एक ताल में फाग।।

नैनों की पिचकारियां, भावों के हैं रंग।
नटखट फागुन कर रहा, अंतरमन को तंग।।

उजली-उजली रात में, किसने गाया फाग।
चांद छुपाता फिर रहा, अपने तन के दाग।।

नेह-आस-विश्वास से, हुए कलुष सब दूर।
भीगे तन-मन-आत्मा, होली का दस्तूर।।
 
होली की हार्दिक शुभकामनाएं। 🌹🙏💐

Comments

Popular posts from this blog

Dil To Hai Dil”

Secret Mantra For Happiness

Happy Birthday Dear Osho