फागुन की पूनम



दोस्तों
एक कविता

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*फागुन की पूनम* 🌝
आई फागुन की पूनम,
 बरसाये शीतलता मेरे आँगन, 
स्वच्छ अंबर, 
चमकीला तारामंड़ल,
 झिलमिल-झिलमिल, 
शुभ्र-धवल, 
आई फागुन की पूनम....

 बसंती मदमस्त पवन,
 दे हिलोंरें मंद-मंद,
 पलाश, सेमल दहकाएं अगन, 
मस्ती में बौराए, 
उत्साहित सर्वजन, 
ढ़ोल, मंजीरे, नगाड़़े, 
टोलियाँ करें फाग गायन, 
आई फागुन की पूनम...

 होली दहन🔥 को है सजाई,
 ले गोद प्रहलाद को, 
होलिका थी इसमें समाई, 
असत्य की भावना राख हुई, 
सत्य पर कोई आँच न आई,
 पुनः करने सत्य पर,
 हमारा विश्वास सघन, 
आई फागुन की पूनम...

कर होली परिक्रमा, पूजन,
 रंग-अबीर खेलेंगे, 
सभी बाल-वृंद,
होली-बधाईयों की छाई,
 चहुँ ओर गुँजन,
 बिखेरे भाईचारे का सौजन्य,
 लेकर आपसी स्नेह की सुगंध, 
आई फागुन की पूनम... 
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
अर्पणा शर्मा 'स्वधा',भोपाल
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