सम्राट अशोक की जन्म जयंती
*जितनी हिस्ट्री हमने बचपन मे पढी थी, वह अब बच्चे नही पढते। पर निम्न की गई पोस्ट का उल्लेख हमने पढा है*:
*💥सम्राट अशोक की जन्म जयंती हमारे देश में नहीं बनाई जाती*
*१. जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं;*
*२. जिस सम्राट का राज चिन्ह "अशोक चक्र" भारतीय अपने ध्वज में लगते है;*
*३. जिस सम्राट का राज चिन्ह "चारमुखी शेर" को भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाते हैं, और "सत्यमेव जयते" को अपनाया है;*
*४. जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर "अशोक चक्र" दिया जाता है;*
*५. जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जिसने अखंड भारत (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक-छत्र राज किया हो;*
*६. सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई, जिसमें तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे! इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से छात्र उच्च शिक्षा पाने भारत आया करते थे;*
*७. जिस सम्राट के शासन काल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं*
*८. जिस सम्राट के शासन काल में भारत विश्व गुरु था, सोने की चिड़िया था, जनता खुशहाल और भेदभाव-रहित थी;*
*९. जिस सम्राट के शासन काल में सबसे प्रख्यात महामार्ग "ग्रेड ट्रंक रोड" जैसे कई हाईवे बने, २,००० किलोमीटर लंबी पूरी सडक पर दोनों ओर पेड़ लगाये गए, सरायें बनायीं गईं, मानव तो मानव, पशुओं के लिए भी प्रथम बार चिकित्सा घर (हॉस्पिटल) खोले गए, पशुओं को मारना बंद करा दिया गया;*
*१०. ऐसे महान सम्राट अशोक, जिनकी जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनायी जाती, न ही कोई छुट्टी घोषित की गई है?*
*दुख: है कि जिन नागरिकों को ये जयंती मनानी चाहिए, वो अपना इतिहास ही भुला बैठे हैं, और जो जानते हैं वो ना जाने क्यों मनाना नहीं चाहते;*
*तथ्य निम्नलिखित हैं.,.....*
*जन्म - १४ अप्रैल*
*जन्म वर्ष - ३०२ ई पू*
*राजतिलक - २६८ ई पू*
*देहावसान - २३२ ई पू*
*पिताजी का नाम - बिन्दुसार*
*माताजी का नाम - सुभद्राणी*
*११. "जो जीता वही चंद्रगुप्त" ना होकर "जो जीता वही सिकन्दर" कैसे हो गया…?*
**जबकि ये बात सभी जानते हैं कि सिकन्दर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते हुए ही लड़ने से मना कर दिया था! बहुत ही बुरी तरह से मनोबल टूट गया था! और वापस लौटना पड़ा था* ।
*कृपया अपने सभी समुहों में भेजने का कष्ट करें और हम सब मिल कर बाक़ी साथियों को भी जागरूक करें!*
*आइए मिल कर इस ऐतिहासिक भूल को सही करने का हर संभव प्रयास करें ..🙏*
**प्रयास करें कि अपने संस्थान में आगामी 14 अप्रैल सम्राट अशोक जन्मदिन के रूप में सम्मान व उत्साह के साथ मनाया जाए!*
धन्यवाद
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