Tata Cancer Research Institute..
Story behind Tata Cancer Research Institute
मेहरबाई टाटा ( 1879-1931 )जमशेदजी टाटा की बहू जो उनके बड़े बेटे दोराबजी टाटा की पत्नी थी,औऱ नारी शक्ति की प्रतीक थी,तस्वीर में इन्होंने गले मे पति दोराबजी द्वारा भेंट किया गया 245 कैरेट का प्रसिद्ध जुबली डायमंड जो कि वजन में कोहिनूर से दुगुना था पहना है,इनकी केंसर से असमय मृत्यु हो जाने से पति दोराबजी टाटा ने यह हीरा बेचकर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ केंसर रिसर्च की स्थापना की,जो आज भारत में मानवता की सेवा का महान कार्य कर रहा है
प्रेम के लिए बनाया गया यह स्मारक आज मानवता व जनसेवा का महान स्मारक है और हम कब्र की इमारत को प्रेम का प्रतीक मानते है।
Kind Regards
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