No Lock Down..
Happy Afternoon
Sharing a beautiful poem written by
Unknown author
*सब-कुछ* लॉक-डाउन नहीं हुआ है।
*सूरज* की किरणें कहां लॉक-डाउन है।
*मां* का प्यार कहां लॉक-डाउन है !
*परिवार* का साथ कहां लॉक-डाउन है !
*सीखने* की कला कहां लॉक-डाउन है !
*पशु-पक्षी* का प्यार कहां लॉक-डाउन है।
*उम्मीद* की किरण कहां लॉक-डाउन है !
*मानवता* कहां लॉक-डाउन है !
*बच्चो* का प्यार कहां लॉक-डाउन है !
*फूलों की सुगंध* कहां लॉक-डाउन है ?
*रसोई* की कहां लॉक-डाउन है !
*हंसना* सब का *मुस्कुराना* कहां लॉक-डाउन है ?
*भगवान* की प्रार्थना कहां लॉक-डाउन है ?
*अच्छे* और *सात्विक विचार* कहां लॉक डाउन हैं ?
वो तो जरा हम *वक्त* के पहिए से *घूमे* जा रहे थे !!
तो जरा *थम* कर सोचने का *मौका* मिला है !!
ए *इंसान* कमाने की *होड़* में लगा है !
जरा कुछ *पल* सांस लें-लें !
कुछ *अपनों* को तो कुछ *अपने* लिए भी जी लें !
कोई *परेशानी* अपने साथ बहुत कुछ *अच्छा* भी लाती है !
और *बहुत कुछ सिखा* कर भी जाती है !
तो जरा *पल-भर* ठहरो ! आत्म-चिंतन करो !!
और *आने-वाले* सुखद समय की *प्रतीक्षा* और *स्वागत* करो !!
*आप सभी सुरक्षित रहै।
आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।
🙏🙏🙏
Kind Regards
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